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बागी हुए वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार की क्लास ले ली

वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठा दिए हैं

FP Staff

यूपी में सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं. बीजेपी के लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं और लोगों को विश्वास दिला रहे हैं कि अगर यूपी में उनकी सरकार बनी तो वो गरीबों, दलितों को समर्पित होगी.

ऐसे में बीजेपी के कद्दावर नेता और सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद वरुण गांधी के सुर पार्टी विरोधी निकल पड़े हैं. वरुण यूपी में बीजेपी का प्रचार करते तो दिखे नहीं लेकिन उन्होंने पार्टी का दुष्प्रचार जरूर कर दिया. यूपी के लिए बीजेपी के स्टार प्रचारकों की सूची में नाम नहीं होने के कारण वरुण थोड़ा नाराज चल रहे थे. लेकिन अब उन्होंने खुले मंच पर अपनी नाराजगी व्यक्त कर दी  है.


इंदौर के विद्यासागर कॉलेज में बोलते हुए उन्होंने बीजेपी की दुखती रग पर हाथ रख दिया. वरुण ने अपने भाषण में रोहित वेमुला का जिक्र करते हुए कहा ‘जब भी मैंने रोहित का सुसाइड नोट पड़ा तो मुझे रोना आया रोहित के पत्र में लिखा था कि मैं इसलिए जान दे रहा हूं क्योंकि मैंने एक दलित के रुप में जन्म लेकर पाप किया है, मुझे जीने का हक कहां है.’

इंदौर के विद्यासागर कॉलेज में वरुण गांधी (फोटो: वरुण गांधी की फेसबुक से)

दरअसल वरुण गांधी अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाना चाह रहे थे. इसके बाद उन्होंने अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश की आबादी के करीब 17.18 फीसद अल्पसंख्यक हैं, लेकिन इनमें से केवल चार फीसद लोग उच्च शिक्षा हासिल कर पाते हैं. हमें इन समस्याओं को हल करना होगा. हम उनके विकास में नाकाम रहे हैं.

वरुण गांधी के भाषण में बीजेपी से नाराजगी साफ झलक रही थी. किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमारे समाज में असमानता है और कर्ज वसूली में भेदभाव है, जिसकी वजह से किसानों की ये हालत हो रही है. उन्होंने देश के बड़े औद्योगिक घरानों पर बकाया कर्ज माफ करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि अमीरों को रियायत दी जाती है और गरीब कर्ज न चुकाने पर अपनी जान दे देते हैं.

वरुण गांधी की ये नाराजगी उनके बीजेपी के साथ भविष्य के लिए खतरा भी साबित हो सकती है. लेकिन बीजेपी से वरुण की ये नाराजगी नई नहीं है. बस उनकी जुबान पर ये नाराजगी पहली बार आई है. टिकट बंटवारे पर भी वह पार्टी से नाराज थे.