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अपने उपनाम के कारण राजनीति में आ पाया: वरुण गांधी

इससे पहले वरुण गांधी ने कहा था कि चुनाव आयोग बिना दांत वाला बाघ हो गया है

Bhasha

बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने कहा कि उपनाम के कारण उन्हें राजनीति में जगह मिल गई. वरना यह बहुत मुश्किल होता. लेकिन भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि से नए खून के संचार की जरूरत है.


शुक्रवार को हैदराबाद के नलसार विधि विश्वविद्यालय में ‘भारत में राजनीतिक सुधार’ विषय पर एक व्याख्यान में वरुण गांधी ने स्वीकार किया कि उनके उपनाम से उनके लिए राजनीति में कदम रखना संभव हो पाया था.

उन्होंने कहा कि विभिन्न सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के युवा व्यक्तियों की जन मामलों में प्रभावशाली ढंग से भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संरचनात्मक परिवर्तन किए जाने की जरूरत है.

हर क्षेत्र से राजनीति में लोग आने चाहिए 

वरुण गांधी ने कहा,‘सबसे महत्वपूर्ण बात संसद को नीति का स्थान बनाया जाना चाहिए न कि राजनीति के लिए एक स्थल. हमारे देश में लंबे समय से समावेशी राजनीति केवल धर्म, क्षेत्र और जाति के बारे में ही रही है.’

उन्होंने कहा, ‘इसलिए संसद और राजनीति में विभिन्न आवाजों की हमें जरूरत है. हमें श्रमिक कार्यकर्ताओं, एनजीओ, किसानों, कारीगरों और वकीलों की जरूरत है. हमारे पास कई वकील भी हैं.’

इससे पहले वरुण गांधी ने कहा था कि चुनाव आयोग बिना दांत वाला बाघ हो गया है. निर्धारित समय के भीतर चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं सौंपने पर आयोग ने अाज तक किसी भी राजनीतिक पार्टी को अमान्य घोषित नहीं किया है.