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उत्तराखंड में 69 सीटों के लिए वोटिंग, 68 प्रतिशत हुआ मतदान

13 जिलों की विधानसभा की कुल 70 सीटों की जगह 69 सीटों पर चुनाव हो रहा है.

Arun Tiwari

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिये मतदान शुरु हो गया है. इस बार 13 जिलों की विधानसभा की कुल 70 सीटों की जगह 69 सीटों पर चुनाव हो रहा है. कर्णप्रयाग में बीएसपी उम्मीदवार कुलदीप कनवासी की सड़क दुर्घटना में मृत्यु की वजह से इस सीट पर मतदान रोक दिया गया है जो कि 9 मार्च को होगा.


इस बार चुनाव में कुल 637 उम्मीदवार उतरे हैं. बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 70 सीटों के लिये अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि बीएसपी ने 69 और यूकेडी ने 55 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं जबकि समाजवादी पार्टी ने 21 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.

करोड़पति उम्मीदवारों की भरमार

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड चुनाव में 136 उम्मीदवार करोड़पति हैं. सबसे ज्यादा 52 करोड़पति उम्मीदवार कांग्रेस के हैं. जबकि बीजेपी के 48, बसपा के 19, सपा के चार, यूकेडी के 13 के अलावा 53 निर्दलीय उम्मीदवार भी करोड़पतियों की फेहरिस्त में शामिल हैं.

34 प्रत्याशियों की संपत्ति पांच करोड़ से भी ज्यादा है जबकि 73 प्रत्याशियों के पास दो करोड से पांच करोड़ रुपये तक की संपत्ति का खुलासा हुआ है. 189 प्रत्याशियों ने अपनी संपत्ति को 50 लाख से दो करोड़ रुपये के बीच घोषित की है. बीजेपी के सतपाल महाराज 80 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सबसे धनी उम्मीदवार हैं जबकि कांग्रेस के मोहन प्रसाद काला 75 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ दूसरे नंबर पर हैं.

चुनाव मैदान में उतरे कुल 687 प्रत्याशियों में से 91 उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार है, जिसमें सभी बड़े और छोटे दलों के अलावा निर्दलीय भी शामिल हैं.

देवभूमि में अपने-अपने मुद्दे

इस बार देवभूमि में चुनाव में नोटबंदी और विकास का मुद्दा माना जा रहा है. साथ ही बेरोजगारी, अवैध खनन के अलावा प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में प्रशासन की लापरवाही का मुद्दा भी छाया रहा.

उत्तराखंड की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए 15 फरवरी को होने वाले चुनाव में 62 महिला उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रही हैं. इस बार 15 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां एक से ज्यादा महिलाएं चुनाव मैदान में हैं. हालांकि पिछली बार के मुकाबले इस बार महिला उम्मीदवारों की संख्या एक कम है.

दांव पर दिग्गज

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में इस बार मुख्यमंत्री हरीश रावत दो जगह से चुनाव लड़ रहे हैं. हरिद्वार जिले की हरिद्वार ग्रामीण और ऊधम सिंह नगर की किच्छा सीट से खड़े हुए हैं. दोनों सीटों पर सबकी नजर रहेगी. जबकि बीजेपी के हरक सिंह रावत कोटद्वार से खड़े हुए हैं और सतपाल महाराज चौबट्टाखाल से ताल ठोंक रहे हैं. ऐसे में ये सीटें बीजेपी के लिये प्रतिष्ठा का सवाल हैं.

बीजेपी के लिये साल 2014 का लोकसभा चुनाव इतिहास रचने से कम नहीं था. देशभर में फैली ‘मोदी लहर’ का फायदा बीजेपी को उत्तराखंड में भी मिला. यही वजह रही कि इस बार भी बीजेपी ने किसी सीएम चेहरे को आगे नहीं किया. उत्तराखंड में चुनाव प्रचार की कमान पीएम मोदी ने संभाली और पांच रैलियां कीं.

साल 2012 में उत्तराखंड में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर थी. कांगेस ने 32 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. वहीं साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां 5 सीट जीत ली थीं.

अब पंद्रह फरवरी को जनता जनार्दन का फैसला उत्तराखंड की नई सरकार की तस्वीर 11 मार्च को साफ करेगा.