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यूपी चुनाव: यूपी में पहले चरण का मतदान खत्म, 63 फीसदी वोटिंग

पहले चरण में 15 जिलों की 73 सीटों के लिए वोटिंग की जा रही है.

FP Staff
18:44 (IST)18:16 (IST)

पहले चरण की पोलिंग खत्म, 5.00 बजे तक करीब 65 फीसदी मतदान (अंतरिम आंकड़े)

आगरा: 63.94%

एटा: 68%

हापुड़: 69.8%

अलीगढ: 65%

हाथरस: 61%

गाजियाबाद: 57%

मथुरा: 68.30%

मेरठ: 65%

शामली: 62%

बुलंदशहर: 64%

फिरोजाबाद: 61%

कासगंज: 64%

बागपत: 65%

नोएडा: 60%

मुजफ्फरनगर: 65%

17:26 (IST)यूपी चुनाव 2017: बीएसपी को भरोसा है कि वह दलितों के दिल में है17:13 (IST)

यूपी में पहले चरण के मतदान खत्म. पोलिंग बूथ के अंदर मौजूद वोटर ही कर सकेंगे वोट

17:04 (IST)

देबब्रत घोष- दादरी और बिसाहड़ा की रिपोर्ट

दादरी यूपी के गौतम बुद्ध नगर जिले का एक छोटा सा शहर है. यह शहर पहले चरण के मतदान के लिहाज से एक पहेली है.

यह शहर हिंदू भीड़ द्वारा 2015 में एक मुस्लिम की हत्या के कारण थोड़ा बदनाम है. बीफ खाने के मुद्दे पर यह विवाद शुरू हुआ और इस पर काफी राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. कई स्थानीय लोगों का मानना है कि इस घटना का विधानसभा चुनाव पर असर पड़ेगा.

हालांकि इस शहर का महत्व बहुत अधिक है. यहां एनसीआर और उत्तर प्रदेश के लिए बिजली पैदा होती है.

दादरी के एनटीपीसी पॉवर प्रोजेक्ट की खासियत यह है कि यहां कोयले और गैस दोनों से चलने वाले थर्मल पॉवर प्लांट हैं. कोयले से संचालित पॉवर प्लांट की क्षमता 1820 मेगावाट है और गैस से चलने वाले पॉवर प्लांट की क्षमता 817 मेगावाट है.

यह बहुत ही कम लोगों को मालूम है कि जब मुगल शासन की पकड़ ढीली हो रही थी, तब दादरी और उसके आसपास के इलाके जैसे दनकौर और सिकंदराबाद पर गुर्जरों का राज चलता था.

दादरी शहर में एक कॉलेज के पोलिंग बूथ पर दोपहर 1.30 बजे वोटरों की भारी भीड़ देखी गई.

दादरी शहर से 6 किमी की दूरी पर बिसहड़ा गांव है, जहां भीड़ द्वारा अखलाक की हत्या की गई थी. गांव के लिए जानी वाली कच्ची सड़क गड्ढों और धूल से भरी हुई है. यह पहली नजर ही बिसहड़ा गांव के विकास से कोसों दूर होने की कहानी बयान कर देती है.

हालांकि गांव के भीतर हाईस्कूल में बने पोलिंग बूथ के बाहर जाने पर एक अलग तस्वीर उभरती है. कंपाउंड के भीतर दाखिल होते ही एक आदर्श गांव दिखता है. वोट डालने तक लोगों के बैठने और बातचीत करने के लिए बेहतर बंदोबस्त है.

अपनी स्थानीय परंपरा का पालन करते हुए महिला वोटर घूंघट करके झुंड में वोट डालने पहुंच रही हैं. इस गांव में 90 फीसदी आबादी ठाकुरों की है. बाकी आबादी ब्राह्मणों, दलितों और मुसलमानों की है.

यहां मतदाता खुलकर यह बोल रहे हैं कि वे बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं.

एक स्थानीय निवासी अमित सिसोदिया कहते हैं, ‘इस घटना के बाद बीजेपी को छोड़कर कोई और पार्टी हमारी दिक्कतों को सुनने नहीं आया. गृहमंत्री राजनाथ सिंह 5 बार हमारी दिक्कतों को सुनने आए.’

बिसहड़ा गांव जहां अखलाक की 2015 में भीड़ द्वारा हत्या हुई थी वहां कुल 6883 मतदाता हैं. इसमें से 142 मुस्लिम वोटर हैं और 352 जाटव यानी दलित समुदाय के वोटर हैं.

बूथ पर धीरे-धीरे लोग आ रहे हैं. यहां तक कि 80 से अधिक उम्र के वोटर भी वोट डालने आ रहे हैं.

बीजेपी के साथ भावनात्मक लगाव के साथ-साथ गांव के लोगों को विकास भी चाहिए. वे सोचते हैं कि सिर्फ बीजेपी ही उन्हें सकारात्मक बदलाव दे सकती है.

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर इंजीनियर और बिसहड़ा गांव के निवासी पंकज शर्मा ने फ़र्स्टपोस्ट को कहा कि, 'सड़कों की हालत खस्ता है. ड्रेनेज सिस्टम नहीं है. पिछली बार बीएसपी से जीते विधायक ने कोई काम नहीं किया है. हमारी उम्मीद सिर्फ बीजेपी से है.'

अखलाक की हत्या की घटना को आज गांव के लोग एक अपवाद के रूप में देखते हैं. पंकज कहते हैं, ‘हमारे गांव में आप यहां सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल देख सकते हैं. अलग-अलग जातियों के लोग एक साथ बैठे हैं.’

17:02 (IST)

सरधना में संगीत सोम और बीएसपी समर्थक भिड़े. पुलिस ने किया लाठीचार्ज. सरधना के बूथ नंबर 7 पर हुई झड़प.

16:42 (IST)

#UPElection2017 नोएडा के ममूरा में वोटरों से बातचीत

16:35 (IST)

रिपोर्ट के मुताबिक अन्य जिलों की तुलना में अलीगढ़ में मतदान की रफ्तार काफी धीमी है.

16:32 (IST)

चिल्ड्रेन अकेडमी स्कूल, जीवनगढ़ पोलिंग बूथ, कोल अलीगढ़

16:18 (IST)

परिवर्तन के लिए वोट कर रहे हैं लोग

16:02 (IST)

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सीतापुर जिले में चुनावी रैली में एसपी-कांग्रेस गठबंधन का मजाक उड़ाया . अमित शाह ने सीएम अखिलेश पर चुटकी लेते हुए कहा कि अपने बाप को नाराज करके कोई बेटा समझौता करता है क्या?

15:59 (IST)

यूपी में दोपहर  तीन बजे तक 53 प्रतिशत मतदान

मेरठ में तीन बजे तक 54 प्रतिशत मतदान.

बुलंदशहर में 54 प्रतिशत.

गौतमबुद्धनगर में 51 प्रतिशत.

15:37 (IST)

संजय सिंह की राय:

पश्चिम यूपी में समीकरणों की बात करते हुए मीडिया व चर्चाओं में बात अधिकतर जाट फैक्टर, जाटों के बीजेपी से फिसलने और मुस्लिमों के सपा-कांग्रेस गठजोड़ की ओर आशा से देखने की बात होती है. मायावती पिछड़ गई हैं, यह गलतफहमी है. बीएसपी के उम्मीदवार मजबूत हैं और जमीन पर उनका कैंपेन दिखता है. बीएसपी की बात करते हुए हम केवल दलित-मुस्लिम की बात करते हैं लेकिन विश्लेषक गैर-यादव ओबीसी को भूल जाते हैं जिनका रुझान अहम हो सकता है. 

15:26 (IST)

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 2 बजे तक 45 फीसदी वोटरों ने किया मतदान. 

15:24 (IST)

फ़र्स्टपोस्ट ने ‘गूगल के पार’ नाम से एक विशेष सीरीज़ शुरु की गई है. एक्जिक्युटिव एडिटर अजय सिंह अपने लंबे अनुभव के साथ उन दिलचस्प घटनाओं का जिक्र कर रहे हैं जिन्होंने देश की सियासत पर असर छोड़ा. अनकही और अनसुनी वो बातें जिनकी आज भी अपनी अहमियत कम नहीं है. देखते रहिए ये विशेष सीरीज़ – गूगल के पार , अजय सिंह के साथ.

14:49 (IST)

आगरा में वोटिंग के लिए जुटी लोगों की भारी भीड़

14:45 (IST)

फ़र्स्टपोस्ट के पॉलिटिकल एडिटर संजय सिंह की राय: 
यूपी के जिन 15 जिलों में पहले चरण का मतदान आज चल रहा है, उसमें ग्रामीण और शहरी परिवेश का दिलचस्प मिश्रण है. पश्चिमी यूपी के जिन सीटों पर इस समय मतदान हो रहा है उनमें पश्चिमी यूपी के दो बेहद महत्वपूर्ण शहर आगरा और नोएडा शामिल हैं. लेकिन जिन इलाकों में सबकी नजरें गड़ी हैं वो शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर हैं जो जाट बहुल इलाका है.   

सामान्य समझदारी के हिसाब से अगर हम गणित बिठाना चाहें तो  यही पाएंगे कि प्रत्येक समुदाय, जाति और व्यक्ति वोट देने से पहले  जिस बात का सबसे ज्यादा ख्याल रखेगा वो उसका अपना नफा और नुकसान है. जो भी पार्टी उस व्यक्ति, समुदाय और लोगों की बेहतरी के लिए काम करता हुआ दिखाई देगा जनता उसे ही अपना वोट देगी.    

जाट एक बहुत ही संवेदनशील समुदाय है और ज्यादातर मौकों पर उनकी भावनाएं उनकी समझदारी पर हावी हो जाती हैं. पड़ोसी राज्य हरियाणा से उनके भाई-बंधु पिछले कुछ दिनों से पश्चिमी यूपी में डेरा डाले हुए हैं. उनके यहां होने का मकसद ये सुनिश्चित करना है कि यूपी में उनके भाई-भतीजे और रिश्तेदार मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी के पक्ष में वोट न डाले.   

ये पूरी तरह से साफ हो चुका है कि जाटों की एक बड़ी आबादी अब बीजेपी से छिटकर दूर हो चुकी है और उनकी निष्ठा आरएलडी के अजीत सिंह के साथ है. हालांकि, आरएलडी के अजीत सिंह चुनाव में कोई बड़ी या निर्णायक जीत हासिल करने नहीं जा रहे हैं. (वे कुछ सीट जीत सकते हैं) लेकिन इन कुछ सीटों के दम पर ही वो बीजेपी का खेल बिगाड़ सकते हैं.  

इसलिए बीजेपी के लिए ये महत्वपूर्ण हो जाता है कि जाटों का कितना प्रतिशत वोट आरएलडी को और कितना बीजेपी के हिस्से में जाता है. इन सब के मद्देनजर ऐसा कहा जा रहा है कि इन सीटों पर बीजेपी, बीएसपी और एसपी-कांग्रेस गठबंधन के बीच त्रिकोणीय या चौतरफा मुकाबला हो सकता है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को इस चुनाव में राज्य की मुस्लिम आबादी से  बड़ी उम्मीदें हैं.

मुसलमान जनता को भी इस समय ऐसा लगता है कि उनके हितों की रक्षा यूपी के लड़के राहुल और अखिलेश ही कर सकते हैं. यही वो इलाका है जिसने साल 2013 में दंगों का दंश झेला था.

14:44 (IST)

अलीगढ़ से तरुशिखा:                       
अलीगढ़ में नोटबंदी के बाद भी व्यापार से जुड़ी परंपरागत जातियां जैसे वार्ष्णेय, अग्रवाल, गुप्ता और सिख बीजेपी के साथ दिख रहे हैं. पिछली जातियां खासकर वाल्मिकी समाज भी बीजेपी के साथ जा सकता है. दिल्ली में काम कर रहे वाल्मिकी समुदाय के कई लोग केवल 'मोदी' के लिए वोट करने यहां लौटे हैं. लगता है अलीगढ़ में एसपी और बीजेपी में कड़ी टक्कर है. 

14:40 (IST)

अयोध्या से आगे अखिलेश

फ़र्स्टपोस्ट ने पिछले 5 वर्षों का सर्च डाटा छाना और फिर उसे डाटा विजुअलाइजेशन इंजन मे डालकर जानने की कोशिश की कि पिछले चुनाव से अब तक मुद्दे, बहस, विवादों और हस्तियों का हाल कैसा रहा. गूगल ट्रेंड्स बताते हैं कि पिछले 4 साल में अखिलेश, मुलायम सिंह यादव या समाजवादी पार्टी जैसे सर्च अयोध्या या राम जन्मभूमि से कहीं आगे रहे.

14:32 (IST)

फर्स्टपोस्ट के एक्जिक्युटिव एडिटर अजय सिंह की राय: 
उत्तर प्रदेश में पहले चरण का चुनाव चल रहा है. इस बीच सभी पार्टियों एक बात को समझने में लगी है- आखिर बड़े नेताओं की रैलियों में भीड़ कहां से उमड़ रही है. न केवल पीएम मोदी बल्कि राजनाथ सिंह, अमित शाह से लेकर नितिन गडकरी तक की रैली में भारी भीड़ दिखी. अखिलेश यादव, राहुल गांधी और मायवती के अलावा अजित सिंह, उनके बेटे जयंत चौधरी और जयंत की पत्नी चारू सिंह को सुनने-देखने भी बड़ी संख्या में लोग आए हैं. आखिर इसकी वजह क्या है? 

राज्य की बड़ी जनसंख्या को देखते हुए रैलियों में आई भीड़ को वोट का इशारा समझना सही नहीं होगा. फिर भी यह मानना होगा कि यह राज्य का अब तक का सबसे पेचीदा चुनाव है. किसी भी पार्टी के लिए कोई खास समर्थन नहीं दिख रहा. वोटिंग जारी है लेकिन कोई लहर नजर नहीं आ रही. 

14:17 (IST)

मेरठ-आईसीयू से निकलकर मरीज ने डाला वोट, ब्रेन हैमरेज की वजह से अस्पताल में भर्ती है, नौचन्दी के शास्त्रीनगर इलाके का मामला

(न्यूज 18 से साभार)

14:14 (IST)

मेरठ के शहर विधानसभा क्षेत्र में 105 साल की बुजुर्ग महिला वोट डालने पहुंची. बुजुर्ग महिला ने 5 पीढ़ियों के साथ वोट डाला.

(न्यूज 18 से साभार)

14:11 (IST)

मथुरा में मतदान की धीमी रफ्तार

मथुरा में कई पोलिंग बूथों पर वोटिंग धीमी गति से हो रही है. पोलिंग अधिकारियों का कहना है कि दिन जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा वोटिंग प्रतिशत में तेजी आने की संभावना है. अगर ऐसा नहीं होता है तो परिणामों पर अटकलें लगाने का दौर एकबार फिर शुरू हो जाएगा. अभी तो सभी पार्टियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वे अपने कोर वोटरों को बूथ तक लेकर आएं.

अक्षय मिश्र 
सीनियर एडिटर, फर्स्टपोस्ट 

14:01 (IST)

पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौजूद ईटीवी के संवाददाताओं के मिली जानकारी के मुताबिक वोटिंग में जबरदस्त ध्रुवीकरण देखने को मिल रहा है. सुबह से ही पोलिंग बूथों के बाहर मुस्लिम मतदाताओं की लंबी कतारें दिखाई दे रही हैं. चुनावी जानकारों के मुताबिक इसकी वजह से दूसरे लोग भी लामबंद हो रहे हैं. इसकी वजह से उम्मीद है कि वोटिंग प्रतिशत काफी ज्यादा बढ़ सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक ध्रुवीकरण का लाभ बीजेपी को मिल सकता है 

13:53 (IST)

बदायूं की रैली में पीएम मोदी यूपी सीएम अखिलेश यादव पर पूरी तरह से हमलावार दिखे. समाजवादी पार्टी के लोकप्रिय हो रहे नारे 'काम बोलता है' का मजाक उड़ाते हुए पीएम ने कहा कि पूरा प्रदेश जानता है आपका काम नहीं कारनामे बोलते हैं.

13:50 (IST)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बदायूं की रैली में अखिलेश यादव पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि मायावती के समय में जो लोग मायावती को प्रिय थे. जिन अधिकारियों पर आरोप लगे थे. उन लोगों को सरकार में आते ही अखिलेश यादव ने अच्छे पद दिए.

13:42 (IST)

राजस्थान के गवर्नर कल्याण सिंह ने अलीगढ़ के मडहौली में डाला अपना वोट. पूरे परिवार सहित किया मतदान

13:41 (IST)

चुनाव के बीच हिंसा की खबरें भी आ रही हैं. बागपत में हिंसक झड़प हुई है. कई जख्मी. तीन की हालत गंभीर

13:39 (IST)

यूपी में 1 बजे तक 39 प्रतिशत मतदान
पश्चिमी यूपी में आई भारी तेजी. दोपहर 1 बजे तक बुलंदशहर में 41.7 प्रतिशत, फतेहपुर सिकरी में 45 प्रतिशत, अलीगढ़ में 40 प्रतिशत, कासगंज में 37 प्रतिशत, मथुरा में 35 प्रतिशत और शामली में 46 प्रतिशत मतदान हुआ है.

13:34 (IST)

संजय सिंह की राय: 

यूपी में पहले चरण की वोटिंग के दौरान अखिलेश यादव और राहुल गांधी का प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नरेंद्र मोदी पर प्रहार करना एक रणनीतिक फैसला था. मतदान कई
 चरणों में होना है. 24 घंटों के टीवी और सोशल मीडिया के इस दौर में ऐसी प्रेस कॉन्फ्रेंस अंतिम समय वोटरों का मन बदलने और आगे के लिए माहौल बनाने का तरीका हो सकता है. सपा-कांग्रेस के कुछ नेताओं में मायावती के मुस्लिमों के बीच बढ़ती पैठ और प्रधानमंत्री मोदी की आक्रामकता को लेकर कुछ चिंता है. 

यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के लिए होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए अब से थोड़ी देर पहले सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है.

आज हो रहे पहले चरण की वोटिंग में 15 जिलों की 73 सीटों के लिए वोटिंग की जा रही है.


जिन जिलों में वोटिंग हो रही है इनमें से मुख्य जिले हैं गौतमबुद्ध नगर, शामली, बुलंदशहर, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, मथुरा और फिरोजाबाद.

पहले चरण की वोटिंग के बाद 839 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम मशीनों में बंद हो जाएगी.

इसमें महिला प्रत्याशियों की संख्या 77 है. मतदान केंद्रों के आस-पास 2362 डिजिटल कैमरे, 1526 वीडियो कैमरे लगाए गए हैं. 2,857 जगहों पर वेब कास्टिंग की व्यवस्था भी की गई है.

इन 839 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला राज्य के करीब 2 करोड़, 60 लाख, 17 हजार, 128 मतदाता वोट डालकर करेंगे.

जिन जिलों में मतदान होना है वहां कुल 14 हजार, 514 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इनमें 1,42,76,128 पुरुष और 1,17,76,308 महिलाएं शामिल हैं.

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी. वेंकटेश ने जानकारी दी है कि पहले चरण के मतदान के लिए 826 कंपनी अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है. इसके अलावा 8011 सब इंस्पेक्टर, 4823 मुख्य आरक्षी तथा 60289 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. मतदान केंद्रों पर 124528 मतदान कर्मियों की तैनाती की गई है.

उन्होंने बताया कि मतदान के दौरान 62 जनरल ऑब्जर्वर, 19 व्यय प्रेक्षकों एवं 10 पुलिस ऑब्जर्वरों की भी तैनाती की गई है.

पहले चरण के मतदान में जिन बड़े नेताओं की साख दांव पर लगी है उनमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह, आरएलडी अध्यक्ष अजीत सिंह, केंद्रीय मंत्री संजीव बलियान, संगीत सोम, नरेश टिकैत और हुकुम सिंह गुर्जर शामिल हैं.