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यूपी विधानसभा: 'यूपीकोका' बिल पेश, मायावती को गलत इस्तेमाल का डर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रश्नकाल के तुरंत बाद सदन में विधेयक पेश किया. राज्य मंत्रिपरिषद ने हाल ही में विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी थी.

Bhasha

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में गैंगस्टर, माफियाओं और संगठित अपराध पर नकेल कसने के मकसद से बुधवार को विधानसभा में ‘उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2017’ पेश किया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रश्नकाल के तुरंत बाद सदन में विधेयक पेश किया. राज्य मंत्रिपरिषद ने हाल ही में विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी थी.


यूपीकोका के विधेयक का प्रारूप महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून-1999 (मकोका) का गहन अध्ययन करके तैयार किया गया है.

राज्य सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि प्रदेश में कानून का राज कायम करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश में गुंडागर्दी, माफियागिरी और समाज में अशांति फैलाने वाले तत्वों को चिह्नित कर उनके खिलाफ विशेष अभियान के तहत कठोर कार्रवाई हो. उन्होंने कहा कि यूपीकोका विधेयक का यही मकसद है.

वहीं बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती का रुख यूपीकोका को लेकर सकारात्मक नहीं था. उन्होंने इसके गलत इस्तेमाल की आशंका जताई है. मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार की ओर से यूपी में ‘यूपीकोका’ का इस्तेमाल सर्वसमाज के गरीबों, दलितों, पिछड़ों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ होगा. उन्होंने कहा कि इस कारण बीएसपी इस नए कानून का विरोध करती है और व्यापक जनहित में इसे वापस लेने की मांग करती है.

मायावती ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में बीजेपी सरकार की द्वेषपूर्ण और जातिवादी नीति के कारण पूरे प्रदेश में कानून का बहुत बड़े पैमाने पर गलत इस्तेमाल हो रहा है और खासकर निर्दोष दलितों, पिछड़ों और अन्य को झूठे मामलों में जेल भेजा जा रहा है.

बयान में कहा गया कि उर्दू में शपथ ग्रहण करने पर बीएसपी के अलीगढ़ के पार्षद पर साम्प्रदायिक भावना भड़काने का गलत आरोप लगाकर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है जो अन्याय है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा अपराधियों और माफियाओं को चिह्नित करने का जो काम किया गया है, उसमें भी इसी प्रकार का राजनीतिक द्वेष और जातिगत भेदभाव किया गया है. इससे प्रदेश सरकार की असली मंशा बेनकाब हो जाती है और यह आशंका प्रबल होती है कि यूपीकोका का अनुचित और राजनीतिक इस्तेमाल अवश्य ही किया जायेगा.

मायावती ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में कानून का बहुत अधिक दुरुपयोग हो रहा है. अगर यह सब नहीं रुका तो बसपा को अन्ततः कोई न कोई कठोर रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.