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एमसीडी चुनाव: अब योगी आदित्यनाथ दिलाएंगे दिल्ली में बीजेपी को जीत?

बीजेपी ने दिल्ली के स्थानीय चुनाव में भी 42 स्टार प्रचारकों को चुनाव मैदान में उतार दिया है.

Amitesh

यूपी फतह के बाद बीजेपी के एजेंडे में आजकल सबसे ऊपर है दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी का चुनाव. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर पार्टी संगठन से जुड़े सभी नेताओं-कार्यकर्ताओं की नजर एमसीडी में जीत पर टिकी है.

विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बावजूद बीजेपी स्थानीय चुनाव को भी काफी गंभीरता से ले रही है. तभी तो पार्टी की तरफ से हर दांव आजमाए जा रहे हैं.


बीजेपी की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी चुनाव प्रचार में उतारा जा रहा है. पार्टी को यूपी के चुनाव में योगी के नाम का भरपूर फायदा भी हुआ, अब मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी की लोकप्रियता का फायदा बीजेपी दिल्ली में भी उठाना चाहती है.

दरअसल, योगी खुद यूपी के पूर्वांचल से आते हैं और दिल्ली के भीतर पूर्वांचल और यूपी के मतदाताओं की तादाद काफी ज्यादा है, लिहाजा पार्टी योगी के जरिए इन लोगों को साधना चाहती है.

दिल्ली के भीतर उत्तराखंड के मतदाताओं की तादाद भी अच्छी खासी है और योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड के मूल निवासी भी हैं. लिहाजा बीजेपी उनके सहारे उत्तराखंड के मतदाताओं को भी अपने पाले में लाने में लगी हुई है.

बीजेपी मुख्यमंत्रियों की फौज करेगी चुनाव प्रचार

दिल्ली के भीतर हर प्रदेशों के लोगों की कुछ-न-कुछ आबादी है जिसके चलते यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा भी बीजेपी ने दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी प्रचार में लगाने का फैसला किया है.

अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस भी बीजेपी के लिए एमसीडी चुनाव में वोट मांगते नजर आएंगे.

इसके अलावा असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली में धुंआधार चुनाव प्रचार करने वाले हैं.

बीजेपी ने केंद्रीय नेताओं की भी पूरी फौज दिल्ली के अंदर उतारने का फैसला किया है.

गृह मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली तक, सूचना प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू से लेकर भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी तक सभी दिल्ली में चुनाव प्रचार करने वाले हैं. आपको सोचकर थोड़ा अटपटा जरूर लग रहा होगा लेकिन, हकीकत यही है कि एमसीडी चुनाव में बीजेपी की तरफ से ये सभी नेता चुनाव प्रचार करते आएंगे.

एमसीडी चुनाव बना नाक का सवाल

दरअसल, बीजेपी ने एमसीडी चुनाव को अपनी नाक का सवाल बना लिया है. लिहाजा पार्टी की तरफ से बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा, कद्दावर केंद्रीय मंत्री, दिल्ली के सभी सांसद और विधायक और पार्टी के केंद्रीय पदाधिकारी भी चुनाव में पूरी ताकत लगा रहे हैं.

बीजेपी के दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी के साथ-साथ पार्टी में कुछ वक्त पहले ही शामिल भोजपुरी फिल्म स्टार रवि किशन भी प्रचार करेंगे जिनकी बदौलत बीजेपी भोजपुरी भाषा लोगों को अपनी तरफ लाने की पूरी कोशिश करेगी.

लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने महाराष्ट्र, हरियाणा समेत कई राज्यों में लगातार चुनाव जीता था, लेकिन, बीजेपी के विजय रथ को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने थाम लिया था. बीजेपी की जीत का सिलसिला दिल्ली के भीतर ही टूट गया था.

इसके बाद से ही बीजेपी दिल्ली के चुनाव को काफी गंभीरता से ले रही है. यूपी, उत्तराखंड में भारी जीत के बाद बीजेपी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में भारी उत्साह है. कांग्रेस समेत सभी विरोधियों का मनोबल  गिरा हुआ है.

फिर भी बीजेपी इस चुनाव को गंभीरता से ले रही है. क्योंकि दिल्ली की असली लड़ाई दिल्ली की सत्ता पर बैठी हुई आम आदमी पार्टी और उसके नेता अरविंद केजरीवाल से है.

आप और बीजेपी का फिर आमना-सामना

केजरीवाल को पंजाब में पटखनी मिली जबकि गोवा में भी उनके सारे अरमानों पर पानी फिर गया. लिहाजा केजरीवाल ने भी अपनी साख बचाने के लिए दिल्ली में अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया है.

बीजेपी को इसी बात का डर सता रहा है कहीं बाकी राज्यों से अलग दिल्ली का मिजाज एक बार फिर से उसके विजय रथ पर ब्रेक न लगा दे. लिहाजा पार्टी ने अपने सारे दांव आजमाने शुरु कर दिए हैं.

हालाकि, विधानसभा चुनाव के वक्त भी बीजेपी ने अपनी पार्टी के बड़े नेताओं, कई केंद्रीय मंत्रियों और दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी  चुनाव प्रचार में उतारा था लेकिन, उस वक्त केजरीवाल की नुक्कड़ सभाओं ने बीजेपी के हाईटेक प्रचार की हवा निकाल दी थी.

बीजेपी ने दिल्ली के स्थानीय चुनाव में भी 42 स्टार प्रचारकों को चुनाव मैदान में उतार दिया है. तो ये सवाल पूछा जा रहा है क्या बीजेपी एक बार फिर वही गलती दोहराने जा रही है या इस बार अमित शाह की रणनीति कारगर होगी.

इन सभी सवालों और आलोचनाओं से बेपरवाह बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह एमसीडी चुनाव को भी हल्के में लेने की गलती नहीं करना चाहते.