एनडीए की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि एनडीए में तालमेल की भारी कमी है जिसे दूर किया जाना चाहिए. कुशवाहा ने मांग उठाई कि चुनाव से पहले यह तय हो जाना चाहिए कि कौन सी पार्टी अगले चुनाव में कितनी सीटों पर लड़ेगी. कुशवाहा ने बीजेपी को सलाह दी कि उसे अपने से ज्यादा एनडीए को तरजीह देनी चाहिए.
फाइनेंसियल एक्सप्रेस की एक खबर में कुशवाहा ने कहा, लोकसभा चुनाव के करीब आने तक इंतजार करने की रणनीति घातक साबित हो सकती है. एनडीए सहयोगियों के बीच की नाराजगी दूर होनी चाहिए. फाइनेंसियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कुशवाहा ने कहा, एनडीए के लिए यह मुश्किल समय है. नीतीश कुमार जब महागठबंधन का हिस्सा थे, तब वे इसके अार्किटेक्ट की तरह लग रहे थे. वे कभी किसी एक पार्टी के प्रतिनिधि नहीं रहे. ऐसा ही एनडीए में भी होना चाहिए.
उपचुनाव में मिल रही हार पर कुशवाहा ने कहा कि कहीं ना कहीं कुछ तो कमी है. ऐसे में एनडीए की बैठक बुलाना बहुत जरूरी है. बैठ कर आपस में बातचीत होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि नीतियां ठीक से लागू नहीं हो पा रही हैं. आरएलएसपी अध्यक्ष ने महंगाई और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर भी समीक्षा की जरूरत बताई. बकौल कुशवाहा, 'पीएम दिन-रात काम करते हैं उसके बावजूद कहां चूक हो रही है यह जानना जरूरी है. यह जानना भी जरूरी है कि उपचुनाव के नतीजे ऐसे क्यों आ रहे हैं. हार की समीक्षा होनी चाहिए.'
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने आरएलएसपी को चार सीटें दी थीं, जिनमें उसे 3 पर जीत मिली. एलजेपी को 7 सीटें मिली थीं जिनमें 6 पर जीत दर्ज की. बीजेपी खुद 29 सीटों पर लड़ी थी जिसमें उसे 22 पर जीत मिली थी.
द हिंदू की एक रिपोर्ट बताती है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले इन सहयोगी पार्टियों ने पिछली बार की कम सीटों का मुद्दा छेड़ दिया है और ज्यादा की मांग उठा रहे हैं. एलजेपी और आरएलएसपी के अलावा जेडीयू ने भी अपनी मांग रख दी है. जेडीयू ने रविवार को साफ कर दिया कि बिहार में एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार होंगे. जेडीयू के एक सूत्र ने दि हिंदू को बताया कि 2019 चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जेडीयू बीजेपी पर दबाव बनाएगी.
न्यूज18 की एक रिपोर्ट में लिखा गया कि कुशवाहा बीजेपी के बर्ताव को अन्य पार्टियों के लिए 'बड़े भाई' वाला करार दे चुके हैं. कुशवाहा ने इस बर्ताव को एनडीए में मनमुटाव का अहम कारण माना है.
बिहार के घटनाक्रम पर बिजनेस स्टैंडर्ड ने लिखा, एलजेपी और आरएलएसपी को बीजेपी के साथ बातचीत के लिए तैयार बताया जा रहा है. इन पार्टियों को ऐसा लग रहा है कि सीट शेयरिंग बीजेपी के लिए फायदेमंद रहेगा. उससे पहले बात होनी चाहिए. बीजेपी को यह भी लगता है कि नीतीश कुमार कहीं नहीं जाएंगे. बिहार के कुछ सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया है कि कांग्रेस लगातार एलजेपी और आरएलएसपी के संपर्क में है.
आरक्षण की मांग तेज
कुशवाहा ने कहा कि पिछड़ा समाज के लिए 27 फीसदी आरक्षण की सीमा सही नहीं है. हमारी आबादी के अनुसार आरक्षण मिलना चाहिए और 27 फीसदी आरक्षण की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि सामाजिक-आर्थिक जनगणना की रिपोर्ट जल्द से जल्द सार्वजनिक हो. जब तक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दलित और पिछड़ा वर्ग के लोग नहीं होंगे, हमारा हक नहीं मिलेगा.