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यूपी रेत खनन घोटालाः मायावती ने अखिलेश को किया फोन, कहा- इस षडयंत्र का करें डटकर मुकाबला

एसपी के रामगोपाल यादव और बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि अभी तो एसपी-बीएसपी का गठबंधन हुआ भी नहीं और सरकार ने सीबीआई से गठबंधन कर लिया

FP Staff

यूपी में अवैध रेत खनन घोटाले पर अखिलेश यादव तक जांच की आंच पहुंचने पर एसपी-बीएसपी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार बीएसपी प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश में खनन से जुड़े एक लंबित मामले में सीबीआई की जांच के दायरे में एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी शामिल किए जाने को लेकर लगाई जा रही अटकलों को बीजेपी का चुनावी हथकंडा बताते हुए सोमवार को कहा कि एसपी प्रमुख को इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है. मायावती की ओर से जारी बयान के अनुसार मायावती ने अखिलेश से टेलीफोन पर बात की और कहा- बीजेपी द्वारा इस तरह की घिनौनी राजनीति और इनका चुनावी षडयंत्र कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह उनका पुराना हथकंडा है. इसे देश की जनता अच्छी तरह से समझती है. उन्होंने कहा- बीएसपी आंदोलन भी इसका भुक्तभोगी रहा है. इससे घबराने की बात नहीं बल्कि इसका डटकर मुकाबला करके इनके इस षडयंत्र को विफल करने की जरूरत है.

एसपी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव और बीएसपी के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि अभी तो एसपी-बीएसपी का गठबंधन हुआ भी नहीं और सरकार ने सीबीआई से गठबंधन कर लिया. उधर, कांग्रेस भी अखिलेश के बचाव में उतर आई है. बीएसपी के साथ संयुक्त पीसी के दौरान एसपी के राम गोपाल यादव ने कहा- अगर यूपी के मंत्री दिल्ली में एक पीसी का आयोजन करते हैं और अखिलेश के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग करते हैं तो क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? यह उन पर पलटवार करेगा और बीजेपी को यूपी में पैर रखने को भी नहीं मिलेगा. पीएम को वाराणसी छोड़ना होगा और किसी दूसरी जगह से चुनाव लड़ना होगा.


राम गोपाल यादव ने कहा- केंद्र के इशारे पर सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है. अभी तो हमारे गठबंधन की बात ही हुई है. सड़क पर आए तो बीजेपी का चलना भी मुश्किल होगा. हताशा में सरकार ने सीबीआई से गठबंधन कर लिया है. वहीं बीएसपी भी खनन घोटाले में सीबीआई छापे पर एसपी का साथ देती नजर आई. इस मामले पर बीएसपी के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा- भू-माफिया मामले में एफआईआर अधिकारी के खिलाफ होती है, उस अधिकारी ने आवंटन प्रक्रिया में सरकार द्वारा बनाए गए कानून का उल्लंघन किया है. इसके लिए तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव जी कैसे जिम्मेदार हैं? उनके (बीजेपी) साथी उन्हें छोड़ रहे हैं, उनका नया गठबंधन सीबीआई के साथ है. सतीश मिश्रा ने कहा कि नए साल पर दोनों पार्टी के नेताओं की दिल्ली में औपचारिक मुलाकात से बीजेपी हताशा में है और इसीलिए सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर रही है.

बता दें कि यूपी की चर्चित आईएएस अधिकारी बी. चन्द्रकला के आवास पर सीबीआई छापों के बाद अब अवैध रेत खनन मामले की आंच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुंचती दिख रही है. अब वह सीबीआई के रडार पर हैं और उनसे पूछताछ हो सकती है. सीबीआई के मुताबिक 2011 के बाद से यूपी के सभी खनन मंत्रियों से पूछताछ हो सकती है. प्राथमिकी के अनुसार 2012 से 2017 के बीच मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव के पास 2012-2013 के बीच खनन विभाग का अतिरिक्त प्रभार था. इससे उनकी भूमिका जांच के दायरे में आ जाती है.