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आखिर पता चल ही गया कि मुलायम सिंह ने मोदी के कान में क्या कहा था...

शपथग्रहण समारोह में मुलायम और मोदी की गुफ्तगू ने सबका ध्यान खींचा था.

FP Politics

लखनऊ में योगी आदित्यनाथ के शपथग्रहण समारोह में यूं तो देखने लायक बहुत सी बातें थीं लेकिन जिस एक बात ने सुर्खियां बनाईं वो थी मुलायम सिंह यादव की पीएम मोदी से गुफ्तगू.

समारोह में मंच पर विपक्षी दल के नेताओं में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव नजर आए. शपथग्रहण के बाद जब सभी लोग एक दूसरे को बधाइयां और शुभकामनाएं दे रहे थे, तभी मुलायम सिंह यादव ने पीएम मोदी से हाथ हिलाते हुए अखिलेश की तरफ इशारा करते हुए उनके कान में कुछ कहा. अखिलेश थोड़ी दूर खड़े थे.


मुलायम ने कहा, 'अखिलेश का ख्याल रखिएगा'

मुलायम सिंह की भावभंगिमा देखकर लोगों में ये जानने की उत्सुकता बढ़ गई कि आखिर मुलायम ने मोदी के कान में क्या कहा.

अगर टेलीग्राफ के एक रिपोर्ट की मानें तो मुलायम, मोदी से अखिलेश को राजनीति का ककहरा सिखाने को कह रहे थे. टेलीग्राफ ने पास में ही खड़े एक बीजेपी नेता के हवाले से कहा है कि मुलायम ने मोदी से कहा, ‘इनको सिखाइए.’ अखिलेश ने जब उन्हें अपनी ओर इशारा करते हुए देखा तो वो भी पीएम से मिलने को बढ़ आए.

इसके बाद मुलायम ने मोदी से कहा, ‘अखिलेश का ख्याल रखिएगा.’ इस पर पीएम ने यूपी के पूर्व सीएम के कंधे पर हाथ रखकर थपकी दी.

अगर ये खबर सही है. तो बड़ी दिलचस्प है. टेलीग्राफ ने कहा है कि ये जानकारी इस बीजेपी नेता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर दी है.

सपा की हालत पर चिंतिंत हैं मुलायम

मुलायम का ये अंदाज बिल्कुल अपने बेटे के लिए चिंतित किसी पिता जैसा था. सब जानते हैं सपा के लिए पिछले कुछ महीने बड़े उथल-पुथल भरे रहे हैं. अखिलेश ने इस दौरान बहुत बड़े फैसले लिए हैं. उन्होंने अपने पिता को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया. पार्टी के चुनाव को चुनाव आयोग से जीता. खुद को पार्टी का एकमात्र चेहरा बनाया. यहां तक कि विधानसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस से गठबंधन तक कर लिया.

लेकिन मुलायम सिंह को उनके एक भी फैसले पसंद नहीं आने थे, सो नहीं आए. ये बहस का दूसरा मुद्दा है कि इस पूरे बवाल की कहानी मुलायम ने खुद बुनी थी. लेकिन आखिर में शायद डोर हाथ से निकल गई.

बीजेपी से मुलायम के संबंध राजनीति के इतर अच्छे रहे हैं और मोदी की राजनीति का जिस तरह उदय हुआ है उस सीन में अगर वो अखिलेश के लिए टिप्स मांग रहे हैं तो कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए. देखने की बात ये होगी कि पूर्व सीएम अखिलेश पीएम मोदी से कुछ सीखेंगे या हमेशा की तरह खुद ही रास्ता बनाएंगे.