view all

वॉट्सऐप पर हो रहा है यूपी का मुख्यमंत्री तय, मोदी कैबिनेट में फेरबदल

वॉट्सऐप भी अखबार सा है जिसपर आजकल ये सुर्खियां चल रही हैं...

Sanjay Singh

सुषमा स्वराज का बुधवार को संसद में पहुंचना एक ब्रेकिंग न्यूज बन गई. हालांकि, वैसे सभी मंत्रियों, सांसदों और अन्य संबंधित अधिकारियों का संसद सत्र के दौरान सुबह या दिन के बाकी वक्त में कभी भी संसद पहुंचना एक आम बात है.

इसके बावजूद सुषमा स्वराज का सदन आना और अपने चिर-परिचित आक्रामक अंदाज में बोलना,  चर्चा का विषय बन गया.


सुषमा स्वराज का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और हाल में ही उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है. इस वजह से पिछले कुछ वक्त से वह अपने दफ्तर और संसद से दूर थीं.

संसद में उनकी उपस्थिति बता रही थी कि वह एक अतिआवश्यक शख्सियत हैं जिन्होंने अच्छे स्वास्थ्य के साथ वापसी की है. कुछ समझदारी भरी कयासबाजी को भी इसका श्रेय देना चाहिए.

वॉट्सऐप और अखबार पर लगातार रिपोर्टिंग और मैसेज फॉरवर्ड किए गए. इन कयासों में कहा गया कि सुषमा स्वराज से उनके खराब स्वास्थ्य के चलते विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी छीनने वाली है.

इन्हीं खबरों में कहा गया कि बड़े पैमाने पर कैबिनेट में बदलाव होने वाला है. इसके दायरे में सभी बड़े मंत्रियों और मुख्यमंत्री शामिल होंगे.

इन खबरों के मुताबिक कैबिनेट में बदलाव पर संसद के बजट सत्र के जारी होने का कोई असर नहीं होगा और यह इसी दौरान हो सकता है.

यूपी के मुख्यमंत्री के तौर पर मनोज सिन्हा का नाम चर्चा में हैं

सुपर नैचुरल शक्तियां

जब तक किसी के पास सुपर नैचुरल शक्तियां न हों जिससे वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिमाग में घुसकर देख सके कि वह करना चाहते हैं, तब तक कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है.

इस सब में यह ध्यान रखना जरूरी है कि वॉट्सऐप और अखबार की तुलना हकीकत और कल्पना में करें तो दोनों में कोई फर्क नहीं करता है.

चाहे कोई खबर पक्की और सच हो या न हो, वाट्सऐप यूजर्स इन्हें दिमाग पर जरा सा भी जोर डाले बगैर ही फॉरवर्ड करते जाते हैं. हकीकत यह है कि लोग असलियत से ज्यादा कल्पना को ज्यादा पसंद करते हैं.

मिसाल के तौर पर वॉट्सऐप अखबार पर आजकल ये सुर्खियां चल रही हैं 'देवेंद्र फडणवीस दिल्ली शिफ्ट हो रहे हैं. उन्हें नया रक्षामंत्री बनाया जाएगा. राजनाथ सिंह यूपी के मुख्यमंत्री होंगे. अरुण जेटली होम मिनिस्टर होंगे. पीयूष गोयल नए फाइनेंस मिनिस्टर होंगे और वसुंधरा राजे विदेश मंत्री होंगी.'

'रमन सिंह को भी केंद्र में बुलाया जाएगा. रमेश बैंस या किसी अन्य को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. क्या आप चंद्रकांत पाटील का नाम जानते हैं, ये महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री होंगे.’

सबसे ज्यादा खराब चीज यह है कि सत्ताधारी बीजेपी के नेता और राजनीति में मौजूद अन्य लोग भी इस तरह की कयासबाजियों पर चर्चा कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: मनोज सिन्हा का यूपी सीएम बनना लगभग तय

तीन दिन पहले बीजेपी के एक केंद्रीय ऑफिस के अधिकारी ने फ़र्स्टपोस्ट को भरोसे के साथ बताया, ‘चूंकि आप मेरे मित्र हैं, मैं आपको बताता हूं कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं और दिल्ली आ रहे हैं. वह रक्षा मंत्री बनेंगे. रमन सिंह, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे भी मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनने दिल्ली आ रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'चारों बड़े कैबिनेट मंत्री दिल्ली शिफ्ट किए जा रहे हैं. राजनाथ सिंह यूपी के सीएम बनेंगे. सुषमा जी को हटाया जाएगा और अरुण जेटली को फाइनेंस मिनिस्ट्री से शिफ्ट किया जा सकता है.’

सुषमा स्वराज लंबी बीमारी के इलाज के बाद दोबारा संसद पहुंचीं

वाट्सऐप मैसेज

ईमानदारी से कहूं तो तब तक मुझे इस तरह के वाट्सऐप मैसेज नहीं मिले थे. यह अलग बात है कि अगली सुबह से ही मेरा इनबॉक्स इन संदेशों से भर गया. ग्रुप्स और इंडीविजुअल्स हर जगह से ये मैसेज दनादन चले आ रहे हैं.

एक मंत्री ने पूछा आपको पता है आजकल ‘चंडूखाने’ (कचरे के डिब्बे के लिए इस्तेमाल होने वाला चलताऊ शब्द) में क्या चल रहा है. उन्होंने भी वही बताया जो कि दूसरे बता रहे थे. मैंने कहा यह चंडूखाना नहीं रहा, बल्कि झम-झम चंडूखाना हो गया है.

ये भी पढ़ें: मोदी को देख राज्यसभा में मचा शोर, हिंदुस्तान का शेर आया

एक अन्य संदेश में बताया गया था कि किस तरह से राजनाथ सिंह का स्टाफ उनके लखनऊ आवास (कालिदास मार्ग, जहां उनका आवास मुख्यमंत्री के आवास के बगल में है) पर पहुंच चुका है ताकि उनके शपथ ग्रहण की तैयारियां की जा सकें. अब चूंकि यह वाट्सऐप अखबार पर खबर चल रही है, ऐसे में इस पर भरोसा करना लाजिमी हो जाता है.

बीजेपी के महासचिव (संगठन), पार्टी में आरएसएस के नॉमिनी रामलाल को भी यूपी का अगला मुख्यमंत्री बताया जा रहा है. इसके अलावा, सतीश महाना और सुरेश खन्ना का भी नाम चल रहा है.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि मुख्यमंत्री के चुनाव में केशव मौर्य शामिल होंगे

बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह का बयान, ‘केशव जी (केशव प्रसाद मौर्य) को यह तय करना है कि कौन मुख्यमंत्री होगा.’ का अर्थ यह निकाला गया कि मौर्या इस रेस से बाहर हो चुके हैं, क्योंकि वह खुद अपना नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित नहीं कर पाएंगे और उन्हें किसी और का नाम आगे बढ़ाना पड़ेगा.

सौभाग्य से यह चीज अभी वाट्सऐप पर नहीं है और इसका अभी बड़े पैमाने पर सर्कुलेशन नहीं हुआ है. अभी तक कैबिनेट में बदलाव पूरी तरह से प्रधानमंत्री के अधिकार क्षेत्र की चीज थी, कम से कम मोदी के पीएम रहते तो यह बात सच है.

लेकिन, कंप्यूटर से भी तेज चलने वाले दिमागों ने इस पर भी कब्जा कर लिया है. इन कयासबाजियों के पीछे वजह यह है कि मोदी हमेशा कुछ ऐसा करते हैं जो परंपरा से हटकर होता है. तो तब तक इन वाट्सऐप हेडलाइंस का मजा लीजिए, हो सकता है कि इनमें से कोई सच साबित हो जाए.

मनोहरलाल खट्टर का नाम अभी भी सबके दिमाग में बड़े बोझ की तरह है. कुल मिलाकर अखबारों में हमारी न्यूज रिपोर्ट्स को स्टोरी कहा जाता था. सौभाग्य से हम अब इन्हें ‘एक पीस लिखना’ कहने लगे हैं.