मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनावी साल में प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन का बड़ा तोहफा दिया. मंगलवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग गई. इस मंजूरी के बाद कर्मचारियों को जनवरी से सातवें वेतन आयोग के मुताबिक नया वेतन मिलने लगेगा.
बैठक में सरकार राज्य वेतन समिति की रिपोर्ट पर प्रदेश के 21 लाख राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों व पेंशनरों को सातवें वेतन का लाभ देने का फैसला किया गया है.
सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को प्रदेश के विभिन्न वर्गों के कर्मचारियों पर लागू करने के बारे में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी जी. पटनायक की अध्यक्षता में राज्य वेतन समिति गठित हुई थी. जिसने अपनी पहली रिपोर्ट बीते बुधवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सौंपी थी.
राज्य वेतन समिति ने अपनी रिपोर्ट में विभिन्न वर्गों के कर्मचारियों के लिए प्रस्तावित सातवें वेतन के ढांचे को केंद्र सरकार के समतुल्य रखने की सिफारिश की है.
साथ ही सातवां वेतन पहली जनवरी 2016 से लागू करने की सिफारिश भी की है. समिति ने कर्मचारियों के वेतन (वेतन बैंड और ग्रेड वेतन को जोड़कर) को 2.57 गुना करने की सलाह दी है.
राज्य कर्मचारियों के लिए शुरुआती न्यूनतम वेतन (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए) 18,000 रुपए और अधिकतम (मुख्य सचिव स्तर) 2,25,000 रुपए करने की सिफारिश की है.