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उत्तर प्रदेश: योगी सरकार ने 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' को मंजूरी दी

'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' के तहत पहली बार विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा

Bhasha

उत्तर प्रदेश सरकार ने 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस योजना के तहत पहली बार विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं को भी शामिल किया गया है. विवाह करने वाले हर जोड़े पर मुख्यमंत्री की ओर से 35 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया. बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने लखनऊ में मीडिया से कहा, 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत एक समिति रहेगी जो पहचान करेगी कि इस योजना का लाभ किन्हें दिया जा सकता है. इस योजना के तहत विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा.'


सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, 'इस योजना में जोड़े पर खर्च 35 हजार रुपए का होगा. सामूहिक विवाह में न्यूनतम दस जोड़े होने चाहिए. यह कार्यक्रम आयोजित करने के लिए नगर निगम, नगर पंचायत, नगर पालिका, जिला पंचायत जैसी अनेक संस्थाएं होंगी.' उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत जोड़ों को मुख्यमंत्री की ओर से कई तोहफे और गृहस्थी का साज-सामान दिया जाएगा. इनमें कपड़े, बिछिया, पायल, अलग अलग तरह के बर्तन और मोबाइल शामिल हैं.

प्रति जोड़ा 35 हजार रुपए खर्च करेगी योगी सरकार

उन्होंने बताया कि जोड़ों को कुछ धनराशि भी दी जाएगी. लाभार्थियों के खाते में 20 हजार रुपए सीधे दिए जाएंगे. इस तरह प्रति जोड़ा सरकार कुल खर्च 35 हजार रुपए खर्च करेगी.

सिंह ने बताया कि कैबिनेट ने एक अन्य फैसला किया जो आधार कार्ड से संबंधित था. इस आशय का प्रस्ताव योजना विभाग के माध्यम से लाया गया. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार की सब्सिडी दी जाती हैं, उन्हें आधार कार्ड से संबद्ध किया जा रहा है और सीधे फायदे ट्रांसफर किए जा रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में योजनाओं का लाभ सीधे खाते में ट्रांसफर करने के लिए विधेयक पारित नहीं किया गया था. इसलिए एक प्रस्ताव कैबिनेट में लाया गया. महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा में जो चल रहा है, उसी मॉडल के आधार पर हम प्रस्ताव लेकर आए