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यूपी चुनाव नतीजे: मोदी बने 'शाह', अखिलेश-माया-राहुल को मात

बीजेपी 312 सीटों पर जीती और उसके सहयोगी दल 13 सीटों पर

FP Staff

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को प्रचंड बहुमत मिला है.

पार्टी ने 403 सीटों में से 312 सीटों पर जीत हासिल की है. बीजेपी के साथ चुनाव लड़ी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी 4 सीटों पर और अपना दल (सोनेलाल) को 9 सीटों पर जीत मिली है. राज्य निर्वाचन आयोग के अंतिम आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा 312 सीटों पर जीती जबकि बीएसपी को 19, सपा को 47 सीटें व कांग्रेस को महज 7 सीटों पर जीत मिली है.


अजित सिंह के राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को मात्र एक सीट मिली. तीन निर्दलीय उम्मीदवार जीते, जबकि निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के खाते में भी एक सीट गई.

 बीजेपी+एसपी + कांग्रेसबीएसपीअन्य
जीत32554194
वोट%50.4%28%22.2%5.3%
2012 के नतीजे48224 (SP) 28 (Congress)8123

जनता शायद बुलेट ट्रेन चाहती है: अखिलेश

बीजेपी की जीत ने साबित कर दिया कि सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी और निवर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का 'काम बोलता है' का नारा जनता ने अनसुना कर दिया. साथ ही एसपी और कांग्रेस के गठबंधन और 'यूपी के लड़कों' का जलवा भी बेअसर रहा.

मुख्यमंत्री अखिलेश ने अपना इस्तीफा राज्यपाल राम नाईक को सौंप दिया है. इससे पहले अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी चुनाव का परिणाम आ चुका है और जनता का फैसला उन्हें स्वीकर है.

उन्होंने कहा, 'मुझे जो काम करने का मौका मिला वो मैंने किया, मैंने लगातार यूपी को आगे बढ़ाने का काम किया है, लेकिन जनता इससे भी अच्छा काम चाहती है. शायद बुलेट ट्रेन चाहती है.'

इशारों-इशारों में अखिलेश ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ नहीं पता होता.लेकिन इतना जरूर है कि समझाने से वोट नहीं मिलता, बहकाने से वोट मिलता है.

गठबंधन के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन जारी रहेगा.

मायावती ने लगाया ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी हाशिये पर आ गई. लोकसभा चुनाव में कोई सीट न पाने के बाद अब राज्य विधानसभा चुनाव में वह 19 सीटों पर ही रह गई.

मायावती ने बीजेपी पर ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताई. उन्हें अंदेशा है कि ईवीएम में गड़बड़ी के कारण दूसरी पार्टी का वोट भी बीजेपी के पक्ष में चला गया. वह हैरान हैं कि मुस्लिम बहुल इलाकों में भी भाजपा कैसे जीत गई? उन्होंने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर इस चुनाव को रद्द कराकर बैलेट पेपर के जरिये दोबारा चुनाव कराने की मांग की है. मायावती ने मांग न सुनी जाने पर आंदोलन व अदालत की शरण लेने की चेतावनी दी है.

अखिलेश ने भी मायावती का समर्थन करते हुए कहा कि यदि ईवीएम को लेकर सवाल उठे हैं तो इसकी जांच होनी चाहिए’ उन्होंने कहा कि वह जनता के फैसले को स्वीकार करते हैं और उम्मीद करते हैं कि नई सरकार जनता की बेहतरी के लिए काम करेगी.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मायावती हताशा और निराशा में ईवीएम पर सवाल उठा रही हैं’ वह चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं’ उनके मुंह से इस तरह की बात शोभा नहीं देती, उन्हें आत्ममंथन करना चाहिए’

कांग्रेस और कमजोर हुई

उत्तर प्रदेश में राजीव गांधी परिवार के गढ़ अमेठी जिले में सभी चार सीटें कांग्रेस हार गई, बीजेपी ने इनमें से तीन सीटें जीत लीं जबकि मौजूदा सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने गौरीगंज सीट पर अपना कब्जा कायम रखा. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद नईम को 26,000 से अधिक वोटों से हराया.

एसपी और कांग्रेस में गठबंधन के बावजूद कुछ सीटों पर उनके उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े. अमेठी में भाजपा उम्मीदवार गरिमा सिंह को 63,912 वोट मिले’ उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंद्वी व दागी मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को हराया, जिन्हें 58,941 वोट मिले’

तिलोई में भाजपा उम्मीदवार मयंकेश्वर शरण सिंह ने बसपा उम्मीदवार मो. सौद को हराया, जो मौजूदा विधायक डॉ. मुस्लिम के बेटे हैं’

जगदीशपुर सीट पर भाजपा उम्मीदवार सुरेश पासी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और मौजूदा कांग्रेस विधायक राधेश्याम धोबी को हराया’

वर्ष 2012 के चुनाव में सपा का गढ़ बने लखनऊ में इस बार नौ में से आठ सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया’ लखनऊ कैंट में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं रीता बहुगुणा जोशी ने 33 हजार 796 मतों से हराया’ रीता को 95 हजार 402 मत मिले, वहीं अपर्णा को 61 हजार 606 और तीसरे नंबर पर रहे बसपा प्रत्याशी योगेश दीक्षित को 26 हजार 36 मत मिले’

सरोजिनी नगर सीट पर मायावती के लिए अपशब्द कहने वाले दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने भाजपा को जीत दिलाई’ उन्होंने मुलायम के भतीजे अनुराग यादव को 34 हजार 179 मतों से हराया’

लखनऊ मध्य सीट से भाजपा के ब्रजेश पाठक को सपा और कांग्रेस प्रत्याशियों की आपसी जंग का फायदा मिला और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के रविदास मेहरोत्रा को 5094 मतों से हराया’ कांग्रेस प्रत्याशी मारूफ खान को 12 हजार 921 मत मिले’

लखनऊ उत्तरी सीट से भाजपा के नीरज बोरा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के अभिषेक मिश्र को 27 हजार 276 मतों से हराया’ कानपुर की 10 विधानसभा सीटों में से 7 पर भाजपा के प्रत्याशी जीते, जबकि तीन पर सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी विजयी हुए’

नौबस्ता गल्लामंडी मतगणना स्थल के बाहर चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस और भाजपा के समर्थकों में मारपीट हुई, लेकिन भारी पुलिस बल तैनात होने के कारण कोई बड़ी घटना नहीं हुई’

कानपुर कैंट सीट भाजपा पहली बार हारी’ यहां कांग्रेस प्रत्याशी सोहेल अंसारी ने निर्वतमान भाजपा विधायक रघुनंदन भदौरिया को हराया’ इसी तरह आर्यनगर सीट भी हमेशा भाजपा के कब्जे में रही है, लेकिन इस बार सपा के अमिताभ बाजपेयी ने भाजपा विधायक सलिल विश्नोई को करीब 5800 वोटों से हराया’ शहर की मुस्लिम बहुल सीसामऊ सीट भी सपा ने बरकार रखी’ यहां विधायक इरफान सोलंकी ने भाजपा के सुरेश अवस्थी को हराया’

वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा को 224 सीटें मिली थीं. बसपा 80 सीटें लेकर दूसरे स्थान पर और भाजपा 47 सीटें लेकर तीसरे स्थान पर रही थी, कांग्रेस को 28 व रालोद को 9 सीटें मिली थीं’ इस बार भाजपा का वनवास खत्म हुआ, अब उसके सामने संकल्पपत्र (वादों की फेहरिस्त) खोलकर एक-एक वादा निभाने की चुनौती है, ताकि किसी वादे को कोई 'जुमला' न कहे’