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लखनऊ: जनेश्वर मिश्र पार्क में सपा का इमर्जेंसी राष्ट्रीय अधिवेशन थोड़ी देर मेंो

समाजवादी पार्टी में उठापटक लगातार जारी है

FP Staff

एएनआई के हवाले से खबर आई है कि मुलायम सिंह यादव की तबियत में शिकायत आई है. उन्हें हाई ब्लड प्रेशर है. हेल्थ चेकअप हुआ है. शिवपाल यादव मुलायम के घर पहुंचे हैं.

इस तमाम उठापटक के बीच शिवपाल यादव एक कार्यक्रम के दौरान गाना गाते दिखे. हालांकि इसमें भी उनका दर्द छलक आया.

पार्टी से निकाले जाने के बाद नरेश अग्रवाल ने मुलायम सिंह यादव पर हमला बोला है. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए नरेश अग्रवाल ने कहा है कि जब मुलायम सिंह यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष ही नहीं रहे तो उन्हें पार्टी से निकालने का अधिकार नहीं रह जाता है.

नरेश अग्रवाल ने कहा है कि मुलायम सिंह को मानसिक रूप से कब्जे में ले लिया गया है. वो ठीक से सोच समझ नहीं पा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि मुलायम सिंह अपने शुभचिंतकों से दूर होते जा रहे हैं और उनके करीब जो लोग हैं, वो उन्हें बदनाम कर रहे हैं. उन्हें बीजेपी के नजदीक दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.

नरेश अग्रवाल ने कहा है कि जो बाप अपने बेटे को पार्टी से निकाल सकता है वो हमें निकाल दे, इसमें कौन सी बड़ी बात है.इसमें कोई नई चीज नहीं है. उन्होंने कहा है कि नेताजी ने पार्टी को बनाया है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वो जो भी कहेंगे वही होगा. पार्टी में लोकतंत्र नाम की भी कोई चीज होती है.

नरेश अग्रवाल ने कहा है कि नेताजी को मोदीजी की तारीफ करनी बंद करनी चाहिए. अच्छा होगा अगर वो अपने बेटे की तारीफ करें. उन्होंने कहा है कि मुलायम सिंह यादव को अमर सिंह और शिवपाल यादव ने अपने कब्जे में ले रखा है.

समाजवादी पार्टी के दफ्तर में अखिलेश समर्थकों का हंगामा जारी है. खबर है कि समर्थकों ने नए प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी दफ्तर से शिवपाल की नेमप्लेट हटा दी है.

कहा जा रहा है कि शिवपाल यादव ने पार्टी की संसदीय दल की बैठक में मुलायम सिंह यादव के द्वारा जारी की गई चिट्ठी में गड़बड़ी की है.

ताजा घटनाक्रम में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी नेता किरणमय नंदा और नरेश अग्रवाल को पार्टी से निकाल दिया है.

समाजवादी पार्टी के भीतर हलचल जारी है. अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किए जाने के बाद अब अखिलेश समर्थकों ने समाजवादी पार्टी के दफ्तर पर कब्जा जमा लिया है.

खबर मिल रही है कि नरेश उत्तम, जिन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है, ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर पार्टी दफ्तर को अपने कब्जे में ले लिया है. पार्टी दफ्तर में समर्थक नारेबाजी कर रहे हैं. वहां हंगामा जारी है.

इधर रामगोपाल यादव एक बार फिर समाजवादी पार्टी से बाहर निकाल दिए गए हैं. रविवार को लखनऊ में विशेष अधिवेशन के फैसलों को असंवैधानिक बताते हुए मुलायम सिंह यादव ने 5 जनवरी को पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया है.

मुलायम ने कहा कि पार्टी उम्मीदवारों की सूची में कोई बदलाव नहीं करेगी.

इससे पहले रविवार सुबह समाजवादी पार्टी (सपा) में जारी सियासी कलह के बीच पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव की ओर से बुलाए गए आपात राष्ट्रीय अधिवेशन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया था.

अखिलेश को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पार्टी महासचिव रामगोपाल ने रखा. उन्होंने अधिवेशन में मौजूद लोगों से हाथ उठाकर इसका समर्थन जताने को कहा, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने हाथ उठाकर अपना समर्थन जताया. पार्टी में तीन अन्य प्रस्ताव भी लाए गए, जिनमें से एक मुलायम को सपा का 'मार्गदर्शक' बनाने का प्रस्ताव था.

एक अन्य प्रस्ताव में शिवपाल सिंह यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की बात कही गई, जबकि एक अन्य प्रस्ताव में अमर सिंह को सपा से बर्खास्त करने की बात कही गई. अधिवेशन में मौजूद प्रतिनिधियों ने उत्साह के साथ इन प्रस्तावों का समर्थन किया और हाथ उठाकर समर्थन जताया

इसके बाद शिवपाल सिंह मुलायम से मिलने गए, जिसके बाद मुलायम ने यह चिट्ठी जारी की. रविवार सुबह से शिवपाल तीन बार मुलायम सिंह यादव से मिले.

अधिवेशन को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अगर नेताजी के खिलाफ साजिश हो तो नेताजी का बेटा होते हुए मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं साजिश को सामने लाऊं.

अखिलेश यादव ने कहा,'सपा के खिलाफ साजिशों से पार्टी का लगातार नुकसान हुआ है. उत्तर प्रदेश की सरकार को किसानों, मजदूरों, अल्पसंख्यक सभी वर्गो का समर्थन प्राप्त है और वे चाहते हैं कि सपा की सरकार फिर बने. लेकिन कुछ लोग ऐसा नहीं चाहते. यदि प्रदेश में दोबारा हमारी सरकार बनती है तो सर्वाधिक प्रसन्नता नेताजी को होगी.'

उन्होंने पार्टी में साजिशों के लिए शिवपाल और अमर सिंह का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधते हुए कहा,'आने वाले तीन-चार महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं, न जाने कौन मिलकर क्या फैसला करवा दे, कौन मिलकर क्या टाइप करवा दे.'

सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने अखिलेश जी को पार्टी अध्यक्ष बनने पर शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि अखिलेश नेताजी की छत्रछाया में ही काम करेंगे.

इस अधिवेशन की वजह से मुलायम सिंह यादव ने सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से 6 साल का निष्कासन तक दे दिया था. लेकिन शक्ति परीक्षण में अखिलेश की तरफ पलड़ा झुकने के बाद मुलायम को अपना फैसला वापस लेना पड़ा.

मुलायम सिंह ने इस अधिवेशन को असंवैधानिक करार दिया था. मुलायम का कहना था कि इसका अधिकार सिर्फ अध्यक्ष को है. मुलायम सिंह यादव के साथ शनिवार को हुई मुलाकात में अखिलेश यादव अपनी ये बात मनवाने में सफल रहे कि राष्ट्रीय अधिवेशन होगा.

लिहाजा राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारी बड़े जोर-शोर से हो रही है. यह अधिवेशन जनेश्वर मिश्र पार्क में हो रहा है. अखिलेश ने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को अधिवेशन में आने को कहा है. अखिलेश ने साफ किया है कि राष्ट्रीय अधिवेशन कोई कार्यकर्ता सम्मेलन नहीं है. इसमें राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा होगी.

अखिलेश ने इस शक्ति परीक्षण में साबित कर दिया है कि अब वो ही समाजवादी पार्टी हैं. वो नेताजी से अपनी सभी बात मनवाने में सफल रहे हैं. अब अखिलेश ये चाहेंगे कि संगठन में उन्हें बड़ा पद मिले. सूत्रों की माने तो वो राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी हो सकता है.

मुलायम की ओर से अखिलेश और रामगोपाल की पार्टी में वापसी के ऐलान के बाद लगा कि यह झगड़ा खत्म हो गया है लेकिन कुछ मांगों को लेकर अखिलेश खेमा अब भी अड़ा हुआ है.

अधिवेशन शुरू भले ही हो गया हो और अखिलेश के समर्थक कार्यकर्ता और विधायक यहां हिस्सा लेने पहुंच गए हो लेकिन मुलायम सिंह यादव की अस्वीकृति अब भी बरकरार है.

उन्होंने  एक चिट्ठी जारी कर कहा है कि रामगोपाल यादव द्वारा बुलाया गया ये अधिवेशन असंवैधानिक है और जो भी इसमें हिस्सा लेगा उसके खिलाफ अनुशासनहीनता के आरोप में कठोर कार्यवाही की जाएगी.