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यूपी चुनाव: अखिलेश के महागठबंधन की घोषणा जल्द

यूपी चुनाव के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीटों के बंटवारे का फार्मूला तैयार हो गया है.

FP Politics

यूपी चुनाव के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीटों के बंटवारे का फार्मूला लगभग तैयार हैं. अखिलेश यादव कांग्रेस के लिए 89 सीटें और अजित सिंह के राष्ट्रीय लोकदल को 20 सीटें छोड़ने को तैयार हैं.

कांग्रेस 127 सीटें और अजीत सिंह 26 सीटें मांग रहे थे. इसके अलावा अपना दल का कृष्णा पटेल गुट भी अखिलेश  के साथ लड़ सकता है और कुछ सीटें समाजवादी पार्टी के हिस्से से ले सकते हैं. अपना दल का दूसरा गुट अनुप्रिया पटेल की कयादत में भाजपा के साथ है ही.


न्यूज 18 इंडिया को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी के 14 उम्मीदवार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. अखिलेश के लिए चुनौती यह भी होगी कि उनकी पार्टी के जिन लोगों के टिकट कटेंगे वो फौरन भाग कर उनके पिता और चाचा के खेमे में ना चले जाएं. ऐसे समर्थक उनके सारे अनुमानों पर पानी फेर सकते हैं.

अभी राज्य विधानसभा में कांग्रेस के पास 27 और अजीत सिंह के राष्ट्रिय लोक दल के पास नौ विधायक हैं.

एक दिन पहले ही समाजवादी पार्टी में चुनाव चिन्ह को झगड़ा सुलझा है. मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव दोनों चुनाव चिन्ह पर अपना हक हासिल करने के लिए चुनाव आयोग गए थे. आयोग ने अखिलेश के पक्ष में फैसला सुनाया.

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समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव गुट पहले से ही कांग्रेस के साथ गठबंधन के पक्ष में था. लेकिन मुलायम सिंह यादव इसके खिलाफ अड़े हुए थे. यूपी में कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी पार्टी को अखिलेश के साथ गठबंधन में जाने की सलाह दे चुके थे.

बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस का स्थानीय पार्टियों से गठबंधन करने का फॉर्मूला बिहार में सफल हो चुका था. वहां भी नीतिश कुमार के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने महागठबंधन बनने में अहम भूमिका निभाई थी.

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इस गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल को शामिल कर समाजवादी पार्टी ने जाट बहुल इलाकों में अपनी कमजोरी को कुछ हद तक कम करने का काम किया है. इसके अलावा अखिलेश गुट का मानना है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन होने से सूबे के मुसलमान वोट भी बसपा की तरफ भागेगें नहीं.