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यूपी कांग्रेस प्रवक्ता के पदों के लिए हुआ इंटरव्यू, पूछे गए ये 14 सवाल

इस इंटरव्यू में सफल होने वाले अभ्यर्थी राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की टीम के साथ मिलकर काम करेंगे

FP Staff

उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने पार्टी के नए प्रवक्ताओं की नियुक्ति के लिए गुरुवार को एक इंटरव्यू आयोजित कराया. इस इंटरव्यू में 70 लोगों ने हिस्सा लिया और इसमें कुल 14 सवाल पूछे गए. इन सवालों में केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की असफलताओं के साथ-साथ मनमोहन सिंह सरकार की सफलताओं और उपलब्धियों के बारे में सवाल पूछे गए थे.

इन सबका इंटरव्यू कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी और मीडिया प्रभारी राहुल गुप्ता कि देखरेख में हुआ. मालूम हो कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी राजबब्बर ने पुरानी मीडिया टीम को भंग कर दिया था.


प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इस तरह के इंटरव्यू कोई नया नहीं है. ऐसे इंटरव्यू पहले भी होते रहे हैं. इस इंटरव्यू में सामान्य से सवाल पूछे गए थे, जो एक प्रवक्ता को सामान्य तौर पर मालूम होने चाहिए. इस इंटरव्यू में सफल होने वाले अभ्यर्थी राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की टीम के साथ मिलकर काम करेगी.

कांग्रेस प्रवक्ता की नियुक्ति के लिए पूछे गए ये सवाल:

1. उत्तर प्रदेश में कितने मंडल, जिले एवं और ब्लॉक हैं?

2. उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कितनी आरक्षित सीटें हैं?

3. 2004 एवं 2009 में कांग्रेस कितनी सीटों पर जीती थी?

4. लोकसभा 2014 एवं 2017 विधानसभा में कांग्रेस को कितने प्रतिशत मत मिले हैं?

5. उत्तर प्रदेश में कितनी लोकसभा सीटें और विधानसभा सीटें हैं?

6.उत्तर प्रदेश में एक लोकसभा सीट में कितनी विधानसभा सीटें आती हैं?

7. किन लोकसभा सीटों पर मानक से कम या ज्यादा सीटें हैं?

8. प्रवक्ता का कार्य क्या होता है?

9. आप प्रवक्ता क्यों बनना चाहते हैं?

10. मोदी सरकार की असफलता के प्रमुख बिंदु क्या-क्या हैं?

11. योगी सरकार की असफलता के प्रमुख बिंदु क्या हैं?

12. मनमोहन सिंह सरकार की उपलब्धियां क्या-क्या थीं?

13.आज समाचार पत्र में तीन प्रमुख खबरें क्या हैं? जिन पर कांग्रेस प्रवक्ता बयान जारी कर सकें.

14. प्रमुख हिंदी/अंग्रेजी एवं उर्दू अखबार तथा चैनलों के नाम.

गौरतलब है कि इससे पहले मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस प्रवक्ताओं की नियुक्ति के लिए इंटरव्यू प्रक्रिया अपना चुकी है. इस बार तो बाकायदा लिखित परीक्षा कराई गई है, जिसमें छोटे प्रश्नों के साथ-साथ विश्लेषणात्मक प्रश्न पूछे गए. प्रवक्ता बनने की ख्वाहिश रखने वाले लोगों से यह भी पूछा गया कि वे प्रवक्ता क्यों बनना चाहते हैं.