केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने उनके बारे में चल रही अटकलों को खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि वो उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री बनने की होड़ में शामिल नहीं हैं.
जब से यूपी चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हुई थी उसके बाद से कई बडे़ नेताओं के नाम सीएम पद के प्रत्याशी के तौर पर तैर रहे थे.
गाजीपुर से लोकसभा सांसद मनोज सिन्हा का नाम भी उन नेताओं में शामिल था, जिनके बारे में कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन बीजेपी ने किसी भी नेता का नाम सीएम प्रत्याशी के तौर पर नहीं घोषित किया है.
अखिलेश पर किया तंज
रविवार को बलिया में चुनावी रैली करने पहुंचे सिन्हा ने यूपी के सीएम अखिलेश पर तंज किया. उन्होंने अखिलेश को रेस से बाहर बताते हुए कहा कि ‘काम बोलता है’ नारे काे बदल कर , ‘भ्रष्टाचार, अपराध और कारनामे बोलते हैं' कर देना चाहिए.
सिन्हा ने कहा, ‘मोदी सरकार ने देश में भ्रष्टाचार शब्द को सरकारी कार्य संस्कृति से बाहर कर सबसे बड़ा काम किया है. बीजेपी के विरोधी भी मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा सके हैं.’
उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी के फैसले के बाद बीएसपी मुख्यालय से ट्रक में फटे पोस्टर भेजे गये या काला धन. इसकी जांच होगी. इसके दोषी को उचित जगह पहुंचाने का इंतजाम किया जाएगा.’
रेल राज्य मंत्री सिन्हा के पास दूरसंचार विभाग भी है. उन्हें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का करीबी माना जाता है. हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने चुनाव बाद ही विधायक दल का नेता चुना.