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इस चुनाव के बाद बीजेपी देश की नंबर वन पार्टी, कांग्रेस का बुरा हाल

बीजेपी ने लोगों का भरोसा जीत लिया है

David Devadas

यूपी विधानसभा चुनाव में जिस तरह बीजेपी ने जीत हासिल की है, उसका पूरा श्रेय पीएम मोदी को जाता है. इसके साथ ही विरोधियों की बेवकूफी ने भी भाजपा को काफी फायदा पहुंचाया.

दलित भी बीजेपी के साथ


दलित वर्ग के लोग भी मायावती से टूटकर बीजेपी में गए थे. मायावती ने मुस्लिमों पर बयान देकर बीजेपी का फायदा करवाया.

कांशीराम के बाद मायावती की लहर आई. कांशीराम ने बड़ी जातियों को तरजीह नहीं दी थी. उनका मानना था कि यह पार्टी ऊंची जातियों की नहीं है.

पहले लोग कह रहे थे कि एसपी में हुई बाप-बेटे की लड़ाई सिर्फ नाटक था. लेकिन बाद में पता चला कि यह हकीकत थी. अब यह सच है कि एसपी अखिलेश की पार्टी है. अखिलेश को इस हार से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. लेकिन अखिलेश को अब शुरू से अपने रणनीति बनानी होगी.

कांग्रेस के साथ क्या करेगी एसपी?

अब देखना दिलचस्प होगा कि एसपी कांग्रेस के साथ क्या करती है. गठबंधन से पहले कांग्रेस ने कहा था कि वह किसी से हाथ नहीं मिलाएंगे.

कांग्रेस यह मान कर चल रही थी कि अधिकतर राज्य में उसे बहुमत मिलेगा. लेकिन 1998 के बाद कांग्रेस कमजोर हुई है.

बीजेपी सर्वमान्य! 

अब गठबंधन की इस हार के बाद बीजेपी देश की सर्वमान्य एकमात्र नंबर वन पार्टी बन गई है. अब तक कांग्रेस को इसका दर्जा प्राप्त था लेकिन अब वह यह दर्जा खो चुकी है.

पीएम मोदी की इमेज नेहरु और इंदिरा जैसी है. 1986 से 1993 तक लगातार बीजेपी ने काम किया है. उन्होंने कई मुद्दों को उठाया है. हालांकि बाबरी मस्जिद का मुद्दा उन्हें थोड़ा भारी पड़ गया. वाजपेयी के लिए भी यह आसान नहीं था क्योंकि पार्टी के अंदर भी लोगों में मतभेद थे.

नोटबंदी का मुद्दा हो या फिर कश्मीर का मुद्दा. लोगों को लगा कि उनके पास एक मजबूत नेता है जो उनकी रक्षा करेगा. गोवा में भी नोटबंदी को अच्छा बताया गया.

मोदी एक आर्मी हैं न कि आरएसएस 

सोशल मीडिया पर जिन शब्दों का उपयोग होता है वह भी काफी अहम हैं. लोगों को राजनीति के बारे में ज्यादा नहीं पता लेकिन शब्दों का असर उनपर पड़ता है. राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी को फायदा होगा. अब मोदी एक आर्मी है ना कि आरएसएस.

मोदी का वक्त अच्छा

मोदी के लिए अच्छा समय है. 2019 में राज्यभा के लिए प्रत्याशी खड़ा करना आसान होगा. इसमें अमित शाह का मैनेजमेंट बहुत अच्छा है.. अमित शाह यूपी को कर्म भूमि मानते है. मौर्य को सीएम पद का दावेदार मान सकते हैं क्योंकि कास्ट वोट उनको सपोर्ट करता है..