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यूपी चुनाव 2017: मिलिए दिक्कत, हैंडल और घंटी से

सुलतानपुर में कहीं भी हो क्राइम तो उठाए जाते हैं इन नेता भाइयों के ‘हैंडल’, ‘घंटी’ और ‘दिक्कत’

FP Politics

चंद्रभद्र सिंह ‘सोनू’ और यशभद्र सिंह ‘मोनू’ उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में दो ऐसे नाम हैं जिनकी तूती बोलती है. जिले में कोई भी अपराध हो इनका नाम उसमें आना तय है. लेकिन इनके साथ-साथ दोनों भाइयों के दाहिना हाथ माने जाने वाले 'हैंडल', 'घंटी, 'दिक्कत' और 'रोशनी को भी पुलिस अपने रडार पर रखती हैं.

हैंडल, घंटी, दिक्कत और रोशनी हर अपराध में पुलिस की ओर से उठा लिए जाते हैं. कहा जाता है ये चारों शहर में हो या न हों सोनू, मोनू के साथ इनका नाम एफआईआर में जरूर जोड़ा जाता है.


ये हैं दिक्कत. ये साए की तरह मोनू के साथ रहते हैं. इनका कहना है कि ये दिल्ली रहे या चेन्नई, अगर शहर में अपराध होता है तो एफआईआर में उनका नाम ऑटोमेटिक जोड़ दिया जाता है.

अब मिलिए हैंडल से. इनका कहना है कि ये नाम उन्हें बचपन में ही मिल गया और अब यही उनकी पहचान है. दोनों भाइयों के लिए ये मरने और मारने को भी तैयार रहते हैं.

ये हैं घंटी. इस समय मोनू के प्रचार और सुरक्षा का जिम्मा इन्हीं के कन्धों पर है. कहते हैं कि घंटी का निशाना बहुत ही सटीक है.

पूर्व विधायक इन्द्रभद्र सिंह के बेटे सोनू और मोनू उस समय सुर् में आए जब उन्होंने अपने पिता की हत्या का बदला संत ज्ञानेश्वर को मौत के घाट उतार कर लिया. हालांकि इन्द्रभद्र सिंह और संत ज्ञानेश्वर दोनों ही अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन दोनों के बीच पुरानी रंजिश आज तक चली आ रही है. फिलहाल सोनू बीजेपी में हैं और अपने भाई मोनू के लिए टिकट मांग रहे थे. टिकट न मिलने पर राष्ट्रीय लोक दल से इसौली विधानसभा सीट से मैदान में हैं. साभार- न्यूज़ 18

साभार- न्यूज़ 18