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यूपी चुनाव 2017: आई एम कृष्णन अय्यर एमए...आई एम नारियल पानी वाला...

छठे चरण की वोटिंग तक आते-आते यूपी चुनाव के मंच कपिल शर्मा वाले कॉमेडी की तरह हो गए हैं

Vivek Anand

तो बात अब ‘हिंदू-मुसलमान बिजली’ और ‘बाहुबली’ के कटप्पा से होते हुए नारियल पानी तक आ गई है. विकास के लंबे चौड़े वादों और नारों वाले भाषणों से उकताई जनता के लिए ये मनोरंजन के नए तड़के की तरह है. ज्यादा सोच विचार मत कीजिए, सुनिए और मजे लीजिए.

वैसे भी छठे चरण के मतदान तक आते-आते सारे नेता समझ चुके हैं कि जनता ने तो मन बना ही लिया है, इसलिए ज्यादा भारीभरकम भाषणों के बजाए हल्के फुल्के अंदाज में उन्हें एंटरटेन किया जाए.


तो समझ लीजिए कि आखिरी दौर में पहुंच चुके यूपी चुनाव का माहौल कॉमेडी नाइट विद कपिल वाले शो की तरह हो गया है. मंच पर मखौल का पूरा माहौल सज रहा है. जनता को भरपूर मनोरंजन की गारंटी लेकर ही रैलियों तक खींचा जा रहा है. वर्ना इतने दिनों तक चल रहे चुनावों में खलिहर लोगों को भी अपने काम-धंधे याद आने लगे हैं.

कहानी ये है कि 1990 में अमिताभ बच्चन की मशहूर फिल्म आई थी अग्निपथ. फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती गाना गाते हैं, ‘आई एम कृष्णन अय्यर एमए, आई एम नारियल पानी वाला...’ मतलब अगर नारियल पानी वाला होगा तो वो कृष्णन अय्यर ही होगा. यानी ये बात औसत दर्जे का भारतीय भी जानता है कि नारियल पानी का मतलब दक्षिण भारत. तो अगर राहुल गांधी मणिपुर जाकर मेड इन मणिपुर वाला नारियल, और उसमें भी नारियल पानी नहीं नारियल जूस बेचने की बात करते हैं तो समझ लीजिए कि आला दर्जे की सियासत करने वाली कांग्रेसियों के कैसे दुर्दिन आए हैं.

यूपी के महाराजगंज की रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी पर फब्ती कसते हुए कहा था कि राहुल गांधी नारियल से जूस निकालने की बात कहते हैं. उन्होंने कहा, ‘एक कांग्रेस नेता हैं, मैं उनकी लंबी आयु के लिए प्रार्थना करता हूं... वे हाल ही में मणिपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे. वहां उन्होंने किसानों से कहा कि वो नारियल से जूस निकालेंगे और लंदन भेजेंगे.' हकीकत में नारियल में जूस नहीं पानी होता है और ये केरल में उगाया जाता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नारियल पानी से बात निकली तो आलू की फैक्ट्री भी याद आ गई. पीएम मोदी ने कहा कि ये वही हैं जो यूपी में आलू की फैक्ट्री लगाने की बात करते हैं.

पीएम मोदी के इस भाषण की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई. रैली में मौजूद लोगों ने तो मजे लिए ही इस लाइव मजे से महरुम जनता सोशल मीडिया कसर पूरा करने लगी. लोगों ने राहुल गांधी की जमकर खिल्ली उड़ाई.

लेकिन मामले ने उस वक्त यू टर्न ले लिया जब कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला राहुल गांधी के बयान की सच्चाई लेकर सबके सामने आ गए. रणदीप सुरजेवाला ट्विटर पर राहुल गांधी के बयान का वीडियो लेकर आए. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने ऐसा कुछ कहा ही नहीं था.

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल ने बयान दिया था, 'आप नींबू उगाते हो, नारंगी उगाते हो, पाइनैपल उगाते हो. मैं चाहता हूं कि एक ऐसा दिन आए कि कोई लंदन में पाइनैपल जूस पिए और डिब्बे पर देखे मेड इन मणिपुर.'

इस सच्चाई का रहस्योदघाटन करने के बाद रणदीप सुरजेवाला के पलटवार की बारी थी. उन्होंने पीएम मोदी पर वार करते हुए कहा, ‘मोदी जी यूपी में झूठ का जूस निकाल-निकाल कर पिलाने की कोशिश कर रहे हैं. मोदी जी, सच का रस ही अलग होता है, आप क्या जानें!’

हालांकि इस बयानबाजी को कतई गंभीरता से लेने के जरूरत नहीं है. ये खालिस मनोरंजन की बात है. जो दोनों तरफ से हो रही है.

चुनाव प्रचार की बोरियत खत्म करने के लिए ऐसे फिकरे कसे जाते रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कई दफे फरमा चुके हैं कि राजनीति में हास्य विनोद का रस खत्म होता जा रहा है. जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए. सो उन्होंने इसे बनाए रखने की जिम्मेदारी भी खुद ही उठा रखी है. मऊ की रैली में पीएम मोदी को अचानक बाहुबली की याद आ गई. उन्हें कटप्पा की कारगुजारी याद आने लगी.

प्रतीकात्मक तस्वीर

मऊ की रैली में उन्होंने कहा, 'एक चलचित्र आया था 'बाहुबली'. अब बाहुबली सिनेमा में तो जरा अच्छे लगते हैं. थोड़े समय उनमें दम भी दिखता है, लेकिन कहते हैं कि बाहुबली फिल्म में एक कट्टपा करके पात्र था. बाहुबली का सबकुछ उसने तबाह कर दिया था.'

मोदी ने कहा कि बीजेपी यूपी की सत्ता में आती है तो सभी अपराधियों से कटप्पा की तर्ज पर निपटेगी. इस फिल्म के आखिर में कटप्पा ने बाहुबली की हत्या कर दी थी. प्रधानमंत्री ने कहा कि 11 मार्च को जब चुनावी नतीजे आएंगे तो बाहुबलियों के लिए मुश्किल होने वाली है. उन्होंने कहा कि जो बाहुबली जेल जाते हुए मुस्कुराते हैं उनके दिन अब लदने वाले हैं.

हालांकि सोशल मीडिया में इस बयान को लोगों की रचनात्मकता ने अलग ही दिशा दे दी. लोग कहने लगे बीजेपी को कटप्पा बताकर मोदी यूपी की अखिलेश सरकार को बाहुबली बता रहे हैं यानी एक तरह से अखिलेश सरकार की तारीफ ही कर रहे हैं. बात सही भी हो लेकिन इतना तो है कि रुखी राजनीति में बाहुबली के एक्शन को याद करके मजा तो आ ही गया.