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यूपी चुनाव 2017: भाषणों में लच्छेदार फिल्मी डायलॉग का मसाला

उत्तर प्रदेश चुनाव में तीनों पार्टियां फिल्मों और फिल्मी डायलॉग का जिक्र करते नजर आए

Bhasha

उत्तर प्रदेश के चुनावी दंगल में कूदे कद्दावर नेता प्रचार को प्रभावशाली बनाने की कवायद में बॉलीवुड फिल्मों और उनके डायलॉग का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं.

समाजवादी पार्टी के स्टार प्रचारक अखिलेश यादव को लेकर कुछ-कुछ फिल्मी दृश्य बनाए गए. उनके प्रचार में उन्हें हीरो दिखाने की कोशिश की गई. उनके गठबंधन साझीदार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2014 लोकसभा चुनावों के दौरान किए गए वायदों के पूरा नहीं होने की दलील देते हुए ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ और ‘शोले’ के गब्बर सिंह की याद दिलाते नजर आए.


राहुल ने वोटरों से कहा,'आपने, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' फिल्म देखी होगी. आपको याद है ना ? फिल्म में ‘अच्छे दिन’ का वायदा किया गया है लेकिन ढाई साल बीत जाने के बाद भी जो नतीजा निकला, वह ‘शोले’ के गब्बर सिंह वाला रहा.' शोले फिल्म में अमजद खान ने गब्बर सिंह की भूमिका निभायी थी.

सधी हुई भाषण शैली के लिए लोकप्रिय प्रधानमंत्री ने भी फिल्मों का उल्लेख किया. मऊ में मोदी ने ‘बाहुबली’ फिल्म का जिक्र करते हुए भीड़ से सवाल किया, 'कटप्पा ने बाहुबली को क्यूं मारा?' पीएम मोदी ने कहा कि फिल्म ‘बाहुबली’ में कटप्पा ने बाहुबली का सब कुछ तबाह कर दिया. मोदी ने सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चुनाव चिन्ह 'छड़ी' का जिक्र करते हुए उनके उम्मीदवार की ओर इशारा किया और कहा कि इस व्यक्ति में वैसी 'बाहुबली' क्षमता है. छड़ी काफी है और कानून की यह छड़ी 11 मार्च को अपनी ताकत दिखाएगी.

इससे पहले भी मोदी ने ‘27 साल यूपी बेहाल’ के कांग्रेस के अभियान पर कटाक्ष करते हुए ‘आ गले लग जा’ फिल्म का उल्लेख किया था. एसपी-कांग्रेस के गठबंधन पर निशाना साधते हुए उन्होंने अपने ही अंदाज में कहा, 'क्या हुआ आ गले लग जा?’

अमेठी में एक सभा के दौरान राहुल ने भाजपा पर नफरत फैलाने का आरोप मढ़ते हुए पुराने गीत ‘तू ना हिन्दू बनेगा, ना मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है इंसान बनेगा’ का उल्लेख किया. यूटयूब पर भी वीडियो चल रहे हैं, जिनमें अखिलेश को प्रदेश की राजनीति का डॉन, रईस और कभी कृश बताया गया है. ये वीडियो सोशल साइटस और अन्य वेब पोर्टल पर काफी पसंद किए जा रहे हैं.

इन वीडियो में अखिलेश के इंटरव्यू और भाषणों को, फिल्मों के डायलॉग से जोड़कर दिखाया गया है. राजनीतिक विरोधियों को खलनायक और अखिलेश को नायक के रूप में पेश किया गया है.

फिल्मी स्टाइल में कारों की रेस से लेकर विमानों से कूदने के दृश्य दिखाये गए हैं और अखिलेश को ‘हीरो’ की छवि में दिखाया गया है.

मायावती का भी एक वीडियो यूटयूब पर है, जिसमें उन्हें ‘मर्दानी’ के रूप में पेश किया गया है.

प्रधानमंत्री मोदी की 'गोद लिये हुए बेटे’ बेटे वाली बात पर एसपी सांसद 'डिम्पल यादव' ने भी चुनावी सभा को संबोधित करते हुए फिल्म 'लावारिस' के लोकप्रिय गाने 'मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है' बोलकर तंज कसा था. उन्होंने कहा कि मोदी बाहरी हैं और उनका प्रदेश में कोई काम नहीं है.