ग्यारह दिसंबर को आए 5 राज्यों के चुनाव नतीजों में बीजेपी की हुई हार को लेकर पार्टी के अंदर विरोध के सुर उभरे हैं. हिंदी भाषी 3 राज्यों में बीजेपी की हार के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ‘नेतृत्व’ को ‘हार और विफलताओं’ की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
गडकरी ने शनिवार को पुणे जिला शहरी सहकारी बैंक असोसिएशन लिमिटेड के आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सफलता की तरह कोई विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता. उन्होंने कहा, ‘सफलता के कई दावेदार होते हैं लेकिन विफलता में कोई साथ नहीं होता. सफलता का श्रेय लेने के लिए लोगों में होड़ रहती है लेकिन नाकामी को कोई स्वीकार नहीं करना चाहता, सब दूसरे की तरफ उंगली दिखाने लगते हैं.’
बता दें कि हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में बीजेपी हिंदी पट्टी वाले 3 राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव हार गई थी. 15 वर्षों से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज बीजेपी को यहां हार का मुंह देखना पड़ा. वहीं 2013 से राजस्थान में भी वो हार कर अपनी सत्ता गंवा बैठी थी.