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हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी है: अमित शाह

बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा छाया रहा.

Amitesh

बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा छाया रहा.

दोनों कठोर फैसलों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया गया. संसदीय बोर्ड के सभी सदस्यों ने मंच पर मोदी का स्वागत किया तो बाकी सभी सदस्यों ने मोदी को स्टैंडिग ओवेशन दिया.


पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अध्यक्षीय भाषण में कहा कि नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है.

इससे साफ हो गया कि पार्टी हर स्तर पर नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे को उठाने की तैयारी में है. मौका पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का है तो इस मुद्दे के सहारे पार्टी अपनी छवि चमकाने में तनिक भी पीछे नहीं हटेगी.

नोटबंदी के मुद्दे को बीजेपी कालेधन के खिलाफ लडाई में सबसे बड़े हथियार के तौर पर भुनाने की तैयारी में है. अमित शाह ने अपने संबोधन में साफ भी कर दिया कि इस मुद्दे पर विपक्षी दलों को बेनकाब किया जाएगा.

विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है और इस वक्त विरोधियों के घेरने में बीजेपी किसी भी तरह पीछे नहीं रहना चाहती.

लिहाजा, एक बार फिर से तैयारी है नोटबंदी पर उनके विरोध को इस कदर पेश करने की जिससे विरोधी भ्रष्टाचारियों और कालेधन वालों के साथ दिखे.

नोटबंदी बदलेगी गरीब का भाग्य

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अमित शाह के संबोधन का जिक्र करते हुए कहा कि नोटबंदी गरीब का भाग्य बदलने वाला, कालेधन पर प्रहार करने वाला, जाली नोट, नक्सलवाद और आतंकवाद पर कड़ा प्रहार करने वाला साबित हुआ है.

लेकिन, बीजेपी को भी नोटबंदी के दौरान लोगों को होने वाली परेशानी का एहसास है तभी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यसमिति की बैठक में इस कड़वे फैसले को दीर्घकालीन जनहित का फैसला बताया.

बीजेपी को ऐसा लग रहा है कि पांच राज्यों के चुनाव नोटबंदी का फैसला करेंगे

बीजेपी को लग रहा है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में नोटबंदी पर जनता के मूड का पता चलेगा. पार्टी अंदर से डरी भी हुई है.

यही वजह है कि मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विधानसभा चुनाव परिणाम को नोटबंदी पर जनता के रेफरेंडम मानने से इनकार कर दिया

लेकिन, दूसरी तरफ, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और चंडीगढ़ समेत कई जगहों पर हुए स्थानीय निकाय के चुनावों में बीजेपी की जीत को नोटबंदी पर मुहर बताने से गुरेज नहीं की.

अमित शाह के बयान का जिक्र करते हुए जावड़ेकर ने कहा, नोटबंदी के बाद परेशानी और कतारों के बीच देश की जनता ने स्थानीय निकाय की दस हजार सीटों में से करीब आठ हजार सीटों पर बीजेपी को जिताया.

दरअसल, ऐसा बता कर अमित शाह नोटबंदी के मुद्दे पर जनता के समर्थन का दावा कर रहे हैं और आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए माहौल बनाने की कोशिश भी कर रहे हैं.

लेकिन, दूसरा मुद्दा है सर्जिकल स्ट्राइक का, जिसे लेकर बीजेपी एक बार फिर से आक्रामक दिख रही है. सितंबर के अंत में हुए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बीजेपी नेता इसे सबसे बड़े हथियार के रूप में उछाल रहे थे.

सर्जिकल स्ट्राइक पर हावी नोटबंदी

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से लेकर बाकी नेताओं ने जिस तरह से इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश में माहौल बनाया, उससे लगा कि पार्टी राष्ट्रवाद के मुद्दे को एक बार फिर से सर्जिकल स्ट्राइक के सहारे मजबूत करना चाहती है.

लेकिन, नोटबंदी के फैसले ने सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे को पीछे धकेल दिया था.

अब एक बार फिर से बीजेपी की कोशिश है कि सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे को हवा देकर राष्ट्रवाद के मुद्दे को गरमाया जाए.

पहले मंच पर मोदी का विशेष स्वागत हुआ और फिर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने आतंकवाद के मुद्दे पर बिना नाम लिए पाकिस्तान को ललकारा.

नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक पर बीजेपी ने दिया जोर

अमित शाह ने साफ कर दिया कि आतंकवाद के मुद्दे पर बीजेपी पहले से ही जीरो टोलेरेंस की बात करती रही है और अब पार्टी ने ऐसा कर के दिखा दिया.

अमित शाह ने पार्टी कार्यसमिति की बैठक में सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर विरोधियों को फिर से घेरा. शाह ने कहा कि कोई (राहुल गांधी) खून की दलाली की बात कह रहा है तो कोई (अरविंद केजरीवाल) सबूत मांग रहा है.

दरअसल, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों की तरफ से बीजेपी को दो-दो हाथ करना है, लिहाजा, अमित शाह की तरफ से राहुल और केजरीवाल जैसे विरोधियों को एक बार फिर से सर्जिकल स्ट्राइक पर भी घेरने की कोशिश की गई.

पांच राज्यों के चुनाव परिणाम काफी महत्वपूर्ण होने वाले हैं. खासतौर से यूपी की हार-जीत बीजेपी की 2019 के जंग की तैयारियों को नई दिशा देने वाली होगी, लिहाजा, पार्टी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती.

पार्टी भ्रष्टाचार से लेकर गुंडागर्दी के हर मुद्दे को उठाकर यूपी के भीतर अपने वनवास को खत्म करना चाहती है.

लेकिन, अमित शाह के संबोधन से साफ है कि विधानसभा चुनाव में नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा बाकी मुद्दों पर हावी रहने वाला है.