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'बयान बहादुर' बनकर ऐतिहासिक जीत का ऐसे तो न अपमान करिए बिप्लब देब

प्रधानमंत्री ने बिप्लब देब को दिल्ली तलब किया है. बिप्लब देब मंगलवार को दिल्ली दौरे पर आने वाले हैं. समझा जा रहा है कि पीएम मोदी और अमित शाह उन्हें अकेले में बुलाकर नसीहतों की घुट्टी पिला सकते हैं

Manish Kumar

इसी साल 3 मार्च को पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा की जनता ने ऐतिहासिक फैसला दिया था. विधानसभा चुनाव के नतीजों में 25 साल पुरानी लेफ्ट सरकार की करारी हार हुई और बीजेपी की यहां भारी जीत हुई.

लंबे समय तक यहां मुख्यमंत्री रहे माणिक सरकार को जाना पड़ा. तब लोगों को लगा कि यह बदलाव उनके और उनके छोटे से राज्य के लिए बेहतर साबित होगा. लेकिन जल्दी ही लोगों का यह भ्रम टूटने लगा. इसकी वजह राज्य के युवा मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव का कामकाज नहीं बल्कि उनकी विवादास्पद बयानबाजी है.


बिल्पब देव अपने डेढ़ महीने से कुछ ज्यादा समय के मुख्यमंत्रीत्वकाल में 'बयान बहादुर' बनकर उभरे हैं. महाभारत काल में इंटरनेट होने, डायना हेडन के स्किन कलर पर टिप्पणी कर, मैकेनिकल बनाम सिविल इंजीनियर और हाल-फिलहाल में देश के युवाओं को नौकरियों के चक्कर में न पड़कर गाय पालन और पान की दुकान खोलने जैसी बेतुकी सलाह दी. इसे लेकर उनकी काफी आलोचना हुई है. सवाल उठता है कि ऐसा देकर वो आखिर साबित क्या करना चाहते हैं.

बिप्लब कुमार देब के दिए यह वो बयान हैं जिनपर विवाद हुआ और आलोचना हुई...

महाभारत काल में इंटरनेट और सैटेलाइट होने का दावा  

18 अप्रैल को अगरतला में एक कार्यक्रम में सीएम बिप्लब देव कहा कि देश में महाभारत युग में भी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध थीं, इसमें इंटरनेट और सैटेलाइट भी शामिल थे. उन्होंने कहा, 'मेरे देश में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. यह वह देश है, जिसमें महाभारत के दौरान संजय ने हस्तिनापुर में बैठे-बैठे ही धृतराष्ट्र को कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान का आंखों देखा हाल बयां किया था. संजय भला इतनी दूर रहकर आंख से यह सबकुछ कैसे देख सकते हैं, इसका यही मतलब है कि उस युग में भी तकनीक उन्नत था. इंटरनेट और सैटेलाइट मौजूद था.

मिस वर्ल्ड डायना हेडन इंडियन ब्यूटी नहीं हैं 

अपने महाभारत युग में इंटरनेट और सैटेलाइट बयान के कुछ दिन बाद ही बिप्लब देब ने वर्ष 1997 में डायना हेडन के मिस वर्ल्ड बनने को लेकर रंगभेदी टिप्पणी की. 27 अप्रैल को उन्होंने कहा, 'डायना हेडन इंडियन ब्यूटी नहीं हैं. उनका स्किन भारतीयों जैसा नहीं है. वो भारतीय महिलाओं की सुंदरता की नुमाइंदगी नहीं करतीं बल्कि ऐश्वर्या राय करती हैं. इसपर विवाद हुआ तो उन्होंने खेद जता ली.

मैकेनिकल नहीं सिविल इंजीनियर्स दें सिविल सर्विसेज की परीक्षा 

बिप्लब देव ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग और सिविल इंजीनियरों के बीच तुलना कर उनके बीच लकीर खींचने की कोशिश की. एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘मैकेनिकल इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले लोगों को सिविल सेवाओं का चयन नहीं करना चाहिए. उन्हें समाज के निर्माण में अपना योगदान करना चाहिए. सिविल इंजीनियरों के पास यह ज्ञान उनसे बेहतर है क्योंकि जो लोग प्रशासन में हैं उनको समाज का निर्माण करना है.'

बेरोजगारों को दी पान की दुकान खोलने और गाय पालने की नसीहत 

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री का सबसे हालिया बयान इन सबसे ज्यादा विवादास्पद है. उन्होंने पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरियों की चाहत रखने के बदले पान की दुकान खोलने की सलाह दे डाली. 29 अप्रैल को उन्होंने कहा, 'युवा कई वर्षों तक राजनीतिक दलों के पीछे सरकारी नौकरी के लिए पड़े रहते हैं. वो अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय इधर-उधर दौड़-भाग कर सरकारी नौकरी की तलाश में नष्ट करते हैं. यदि वो इसके बजाए पान की दुकान लगा लें तो उसके बैंक खाते में लाखों रुपए जमा हो जाएंगे.' उन्होंने कहा कि भागने से अच्छा है कि मुद्रा योजना के तहत बैंक से लोन लेकर गाय पालन करें और डेयरी लगाकर रोजगार का सृजन करें.

दरअसल पिछले कुछ समय में बीजेपी में अनर्लग बयानबाजी करने की परंपरा सी बन गई है. ऐसे नेताओं की एक लंबी फेहरिस्त है और बिप्लब देव भी उसी संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं. 'बयान बहादुरी' में वो भूल गए कि अब वो एक नेता भर नहीं हैं बल्कि तकरीबन 40 लाख लोगों की नुमाइंदगी करने वाले मुख्यमंत्री हैं.

त्रिपुरा की जनता ने बड़े भरोसे के साथ युवा चेहरे के हाथों में सत्ता सौंपी थी. उन्हें लगा कि जो त्रिपुरा पिछले दो दशक में विकास की रेस में पिछड़ गया था बिप्लब देब उसे दूर करने में मदद करेंगे. एक मुख्यमंत्री का अपनी जनता, उसे वोट देनेवालों के प्रति जवाबदेही होती है. वो अपने कामकाज से उनके लिए नीति निर्धारण करता है और उसका कार्यपालन सुनिश्चित करता है लेकिन कहीं न कहीं बिप्लव देब इस सब से दूर होते जा रहे हैं. उन्हें बयान देकर सुर्खियां बटोरना इसलिए भी अच्छा लग रहा होगा क्योंकि चंद महीने पहले तक वो देश के लिए एक अनजान नेता थे. अब चूंकि वो एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं मीडिया उनको स्वाभाविक रूप से तवज्जो दे रहा है और उनकी कही बातें और बयान चर्चा का विषय बन रहे हैं.

विवादास्पद बयानों को लेकर पीएम मोदी ने दिल्ली तलब किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर बीजेपी सांसदों, विधायकों और नेताओं को यह नसीहत दी थी कि वो कुछ भी ऐसा न कहें जिससे माहौल खराब हो और बेवजह विवाद की स्थिति पैदा हो. इससे जनता में गलत संदेश जाता है साथ ही मीडिया को भी मौका मिलता है. स्पष्ट है कि उन्होंने आने वाले कई राज्यों के चुनावों और 2019 में होने वाले आम चुनाव को देखते हुए ऐसा कहा. लेकिन लगता नहीं कि बिप्लव देब पर इसका कोई असर पड़ा हो. समय-समय पर उनके विवादों से भरे और अजीबोगरीब बयान आते रहते हैं.

अमित शाह-नरेंद्र मोदी

अब प्रधानमंत्री ने बिप्लब देब को दिल्ली तलब किया है. बिप्लब देब मंगलवार को दिल्ली दौरे पर आने वाले हैं. वैसे यह मौका देश भर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों की यहां होने वाली बैठक का है लेकिन समझा जा रहा है कि पीएम मोदी और अमित शाह उन्हें अकेले में बुलाकर नसीहतों की घुट्टी पिला सकते हैं.