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टीएमसी ने दार्जीलिंग में ताजा संकट के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया

नेताओं ने कहा टीएमसी दार्जीलिंग में घोष पर हुए हमले में शामिल नहीं थी

Bhasha

टीएमसी ने दार्जीलिंग में ताजा संकट को तूल देने के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया, जबकि महीनों की अशांति के बाद पर्वतीय क्षेत्र में जनजीवन पटरी पर लौट रहा था. पार्टी ने समूचे राज्य में रैलियां निकालीं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले फूंके.

गौरतलब है कि बीजेपी के प्रदेश इकाई प्रमुख दिलीप घोष पर पर्वतीय क्षेत्र में हुए हालिया हमले पर चुप्पी साधने को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला फूंका था.


ऊर्जा मंत्री सोभनदेब चटोपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में अशांति पैदा करने की बीजेपी की कोशिश के विरोध में समूचे राज्य में रैलियां निकाली हैं और नरेन्द्र मोदी का पुतला फूंका है.’

पर्वतीय क्षेत्र के शांति में खलल डाल रही है बीजेपी 

दक्षिण कोलकाता के बेहला में प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी ने बीजेपी पर पर्वतीय क्षेत्र में शांति में खलल डालने का आरोप लगाया. चटर्जी ने कहा कि केंद्र पर्वतीय क्षेत्र में विभाजनकारी ताकतों की मदद कर रहा है.

उन्होंने कहा, ‘पर्वतीय क्षेत्र में जब शांति लौट आई है तब बीजेपी इसमें खलल डालने की कोशिश कर रही है. यह एक ऐसे व्यक्ति (बिमल गुरूंग) की मदद कर रही है जिन पर गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत मामला दर्ज है. यदि बीजेपी ने शांति में खलल डालने की कोशिश की, तो बंगाल के लोग कभी माफ नहीं करेंगे.’

चटर्जी ने कहा कि टीएमसी दार्जीलिंग में घोष पर हुए हमले में शामिल नहीं थी. उन्होंने कहा कि यह पर्वतीय क्षेत्र के लोगों का गुस्सा था, जिन्होंने बीजेपी की टीम की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन किया था.

बीजेपी ने भी ममता सरकार के खिलाफ निकाली थीं रैलियां 

राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने भी दक्षिण कोलकाता के गरियाहाट में एक प्रदर्शन का नेतृत्व किया. मुखर्जी ने कहा, ‘बीजेपी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से राज्य में शुरू किए गए विकास कार्यक्रमों में भी खलल डालने की कोशिश कर रही है. लेकिन वह कभी सफल नहीं होगी.’

बीजेपी ने हाल ही में दार्जीलिंग में अपने प्रदेश प्रमुख दिलीप घोष पर हुए हमले के विरोध में शुक्रवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में रैलियां निकाली थी. ममता के पुतले फूंके और धरना दिया था.