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बर्खास्त होने के बाद भी काम कर रहे हैं दिल्ली सरकार के टॉप सलाहकार

आतिशी या किसी भी बर्खास्त सलाहकार के लिए इस तरह से अनाधिकारिक तौर पर काम करना महंगा पड़ सकता है

FP Staff

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की पूर्व सलाहकार आतिशी मार्लेना को दिल्ली सचिवालय में काम करने के लिए एक खाली कॉन्फ्रेंस रूम दिया गया है. ये रूम दिल्ली सचिवालय में मनीष सिसोदिया के ऑफिस के साथ ही लगा हुआ है. अगर ये कॉन्फ्रेंस रूम खाली नहीं रहता तो आतिशी, सिसोदिया के सरकारी आवास के एक छोटे से कमरे से काम करती हैं.

17 अप्रैल को गृह मंत्रालय से जारी एक आदेश पर दिल्ली सरकार के टॉप नौ सलाहकारों को बर्खास्त कर दिया गया था. इनमें आतिशी का भी नाम शामिल था. केंद्र सरकार के आदेश के बावजूद ये सलाहकार दिल्ली सरकार के लिए अनाधिकारिक तौर पर काम कर रहे हैं.


सीबीएसई में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों के अच्छे प्रदर्शन के लिए मार्लेना को सराहा गया. लेकिन आतिशी या किसी भी बर्खास्त सलाहकार के लिए इस तरह से अनाधिकारिक तौर पर काम करना महंगा पड़ सकता है.

इस मामले में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'सलाहकार के तौर पर वे भले ही बर्खास्त हो गए हों लेकिन वे गेस्ट के रूप में दिल्ली सचिवालय आ सकते हैं. राघव चड्डा समेत नौ में से चार सलाहकार अपने पद से इस्तीफा पहले ही दे चुके हैं. पहले इनके पास दिल्ली सरकार का कार्ड था लेकिन ऑर्डर के बाद उनके पास कार्ड नहीं है. इस तरीके से वो न ही कोई कानून तोड़ रहे हैं और न ही काम में कोई रुकावट आ रही है.'

विजिटर कार्ड से करते हैं प्रवेश

सूत्रों की माने तो ये बर्खास्त सलाहकार पहले सचिवालय में प्रवेश के लिए सरकारी कार्डों का इस्तेमाल करते थे लेकिन अब ये लोग विजिटर कार्ड से सचिवालय में प्रवेश करते हैं. इसके अलावा पहले उन्हें जो पिक-अप और ड्रॉप फेसिलिटी मिलती थी वो भी बंद करवा ही गई है. सलाहकारों को अब ओला ऊबर से आना जाना पड़ रहा है.

रविवार को दिल्ली के गवर्नर अनिल बैजल ने ट्वीट कर क्लास 12वीं के बच्चों को उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए बधाई दी. अनिल बैजल के इस ट्वीट पर सीएम केजरीवाल ने बैजल को कहा, 'आखिरकार आपने मान लिया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चे अच्छा कर रहे हैं. तो बताइए आतिशी को निकालकर किसे फायदा हुआ? अगर आप रुकावटें पैदा न करें तो हम उंचाइयां छू सकते हैं. और फिर आप भी गौरवान्वित होंगे. तो कृप्या हमारे प्रयासों को सपोर्ट कीजिए. कृप्या पॉजिटिव रहें और हर जगह हमारे लिए रुकावटें पैदा करना बंद करें.'

अगर सीएम केजरीवाल और ब्यूरोक्रेसी के बीच संबंधों की बात करें तो मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के मामले के बाद से ब्यूरोक्रेसी और सरकार के बीच रिश्ते खराब ही हैं.

सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा, 'सलाहकार जो काम कर सकते हैं वो कर रहे हैं लेकिन समस्या ये आ रही है कि उनके पास सरकारी दस्तावेजों और दफ्तरों का एक्सेस नहीं है, उनके हाथ बंधे हुए हैं. लेकिन फिर भी हमारी पार्टी की परंपरा हमें सिखाती है कि हमारा मकसद सिर्फ अच्छा काम करना है और इसीलिए वे लगातार काम कर हैं.'

गृह-मंत्रालय के आदेशों के मुताबिक दिल्ली सरकार के नौ टॉप सलाहकारों को बर्खास्त करने के मामले में आप की सरकार का कहना है कि केंद्र जानबूझकर हमारी नियुक्तियों को टार्गेट कर रही है.

गृह-मंत्रालय के आदेश के तुरंत बाद आप नेता राघव चड्डा ने गृह मंत्रालय को 2.5 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट भेजा था. साथ ही राजनाथ सिंह को एक चिठ्ठी लिखकर बताया था कि उन्होंने दिल्ली वित्त मंत्रालय के सलाहकार के रूप में 2.5 रुपए की राशि ली थी और आतिशी ने शिक्षा सलाहकार के तौर पर सरकार से 36 रुपए लिए थे.