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नोटबंदी: बुंदेलखंड में नकदी न मिलने से तीन मरे

बांदा और हमीरपुर में नकदी न मिलने से तीन लोगों की मौत हो गई

IANS

बांदा. उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के बांदा और हमीरपुर जिलों में बैंकों से नकदी न मिलने की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई है. बैंकों में अब भी लंबी कतारें जारी हैं. बुंदेलखंड के बांदा जिले की नसेनी गांव की महिला अनीसा खातून (50) पिछले डेढ़ साल से क्षय रोग से पीड़ित थीं. उनका नौगांव-छतरपुर में इलाज चल रहा था.

उसके बेटे शाहरुख (32) ने बुधवार को बताया, 'मां के खाते में 80 हजार रुपये जमा हैं. इलाज के लिए वह रोजाना नरैनी की इलाहाबाद बैंक जाती रहीं, लेकिन उसकी बारी आने तक बैंक में नकदी खत्म हो जाती थी.'


शाहरुख ने कहा, 'सोमवार को मां बैंक की कतार में करीब दो घंटे लगी रहीं, लेकिन नकदी नहीं मिली. घर वापस आने पर तबीयत बिगड़ गई और मंगलवार तड़के उनकी मौत हो गई.'

शाहरुख ने कहा, 'हम इस मामले पर गुरुवार को अन्य ग्रामीणों के साथ जिला कलेक्टर से मुलाकात करेंगे.' नरैनी स्थित बैंक शाखा के प्रबंधक, प्रवीण कुमार (40) ने कहा कि उन्हें 'इस बात की कोई जानकारी नहीं दी गई. महिला के परिजन बताते तो इलाज के लिए नकदी जरूर दी जाती.'

कई दिनों तक लगे रहे कतार में 

नकदी के कारण मौत की दूसरी घटना इसी जिले के मर्का थाना क्षेत्र के सांड़ा गांव में घटी. स्थानीय सूत्रों ने कहा कि गांव के बीमार किसान फुलझार (45) ने मर्का स्थित इलाहाबाद बैंक की शाखा में पुराने नोट जमा करा दिए थे. नकदी के लिए वह कई दिनों तक बैंक की कतार में लगा रहे, मगर नकदी नहीं मिली और कथित तौर पर इलाज के अभाव में फुलझार की सोमवार रात मौत हो गई.

खाद और बीज के लिए थे परेशान 

नकदी न मिलने के कारण तीसरी मौत हमीरपुर जिले के टेड़ा गांव में हुई है. गांव के किसान राममोहन कुशवाहा (28) ने कहा कि उनके चाचा घसीटा कुशवाहा (55) एक हफ्ते से खाद-बीज के लिए इलाहाबाद बैंक स्थानीय शाखा का चक्कर काट रहे थे. वह अपने भतीजे को लेकर मंगलवार को फिर बैंक पहुंचे और काफी देर तक कतार में लगे रहे. जब बारी आई, तब नकदी ही खत्म हो गई. यहीं उन्हें दिल का दौरा पड़ा से उसका निधन हो गया.

नकदी न मिलने से हुई तीन मौतों के बारे में बांदा के डीआईजी ज्ञानेश्वर तिवारी ने बुधवार को कहा, 'किसी ने थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है. शिकायत मिली तो जांच कराई जाएगी.' इस बीच, विभिन्न बैंकों से नकदी निकालने के लिए अब भी लंबी कतारें लगी हुई हैं, लेकिन ज्यादातर खाताधारक नकदी न मिलने से परेशान हैं.