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राष्ट्रगान के लिए राष्ट्रपति भवन में कार्यक्रम के समय में हुआ बदलाव

यह सब इसलिए किया गया है कि राष्ट्रपित के कार्यक्रमों में राष्ट्रगान के दौरान अतिथियों की मौजूदगी बनी रहे

Bhasha

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यक्रमों की रूपरेखा में बदलाव किया गया है. अब उनके संबोधन से पहले धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ा जाएगा. इसके बाद राष्ट्रपति का संबोधन होगा और अंत में राष्ट्रगान.

यह सब इसलिए किया गया है कि राष्ट्रपति के कार्यक्रमों में राष्ट्रगान के दौरान अतिथियों की मौजूदगी बनी रहे. बदले हुए कार्यक्रम के मुताबिक धन्यवाद प्रस्ताव राष्ट्रपति के संबोधन के पहले होगा, ताकि श्रोता राष्ट्रगान के दौरान मौजूद रहेंगे.


केरल सरकार की ओर से उन्हें सम्मानित करने के लिए आयोजित नागरिक अभिनंदन में समारोह में रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘यह एक छोटा सा बदलाव है जिसे हमने विभिन्न हलकों से प्राप्त हुए सुझावों के आधार पर अपनाया है.’

उन्होंने कहा, ‘अमूमन, ऐसे कार्यक्रमों में धन्यवाद प्रस्ताव मुख्य अतिथि के संबोधन के बाद होता है. लेकिन मेरे तीन महीने के कार्यकाल में राष्ट्रपति भवन को कई सुझाव मिले.’

राष्ट्रगान के वक्त सिनेमा हॉल में खड़ा होने की जरूरत नहीं 

राष्ट्रपति ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि ‘सर जब आप अपना संबोधन खत्म करते हैं, लोग खड़े हो जाते हैं और राष्ट्रगान की भी परवाह नहीं करते और धन्यवाद प्रस्ताव सुने बिना ही जाने की कोशिश करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘इस तरह हमारे लोग राष्ट्रगान के प्रति सम्मान नहीं दिखाते. इसलिए हमने फैसला किया. राष्ट्रपति के संबोधन के पहले धन्यवाद प्रस्ताव हमें करना चाहिए.’

इससे पहले बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए सिनेमा हॉल्स में राष्ट्र गान बजने पर खड़ा होने की जरूरत नहीं है.

चर्चा के बीच गायक सोनू निगम ने कहा था कि वो राष्ट्र गान का बहुत सम्मान करते हैं लेकिन इसे बजाने के लिए सिनेमा हॉल और रेस्टोरेंट उचित जगह नहीं है.

सोनू का मानना है कि किसी भी देश के राष्ट्र गान का सम्मान किया जाना चाहिए. साथ ही नागरिकों को अपने देश के राष्ट्र गान का भी उतना ही सम्मान करना चाहिए.