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दिल्ली विधानसभा का स्पेशल सत्र अरविंद केजरीवाल के ऊपर हो रहे हमले के नाम रहा

वैसे तो विधानसभा का यह विशेष सत्र एक दिन का ही था, लेकिन बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए जाने के मुद्दे पर भी सत्र को एक दिन के लिए और बढ़ा दिया गया

Ravishankar Singh

दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र मंगलवार को समाप्त हो गया. विधानसभा के इस विशेष सत्र में अरविंद केजरीवाल पर हुए हमले का मुद्दा ही प्रमुख तौर पर छाया रहा. दिल्ली विधानसभा का यह विशेष सत्र सीएम अरविंद केजीरीवाल पर हालिया हमले और दिल्ली में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाए जाने के मुद्दे पर बुलाया गया था. वैसे तो विधानसभा का यह विशेष सत्र एक दिन का ही था, लेकिन बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए जाने के मुद्दे पर भी सत्र को एक दिन के लिए और बढ़ा दिया गया.

विशेष सत्र के पहले ही दिन दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने ऊपर हालिया हमले के लिए पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहराया और उनके इस्तीफे की मांग की. एक तरफ अरविंद केजरीवाल अपने ऊपर हो रहे हमले के खिलाफ विधानसभा के अंदर बोल रहे थे तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के नेताओं ने बाहर मोर्चा संभाल रखा था.


दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के कई नेताओं का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल पर हमले के पीछे बीजेपी का हाथ है. आम आदमी पार्टी का कहना है, ‘एक सोची समझी साजिश के तहत पिछले चार सालों में अरविंद केजरीवाल पर पांच बार जान लेवा हमले करवाए गए हैं. इन पांचों हमलों के पीछे बीजेपी का हाथ है.’ पार्टी नेताओं का कहना है कि आम आदमी पार्टी के खिलाफ जरा-जरा सी बात पर बोलने वाले एलजी साहब ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ रची जा रही साजिश के बारे में एक बार भी चिंता नहीं जताई.

दिल्ली के मुख्यमंत्री को मारने की साजिश रची जा रही है

मीडिया से बात करते हुए आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भरद्वाज ने कहा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को मारने की साजिश की जा रही है. पिछले चार सालों में अरविंद केजरीवाल पर चार से पांच बार जानलेवा हमला हो चुके हैं. ये हमला एक सोची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है. उसका प्रमाण ये है कि आज से लगभग 4 साल पहले छत्रसाल स्टेडियम में अरविंद केजरीवाल पर जो हमला हुआ, हमलावर को पुलिस ने घटना स्थल पर ही गिरफ्तार कर लिया लेकिन आज तक उस केस में तफ्तीश पूरी नहीं हो पाई है.'

सौरभ भरद्वाज ने सवाल करते हुए कहा, 'आखिर ये हमला किसने करवाया, इसके पीछे किन लोगों का हाथ था? केवल यही नहीं अब तक अरविंद केजरीवाल पर हमले के किसी भी केस में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है और ये सब जानबूझ कर किया जा रहा है.’

सोमवार को विधानसभा में सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा, ‘दो ही करण से मुझ पर हमले हो रहे हैं. पहला, ये की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ये हमले मुझ पर करवा रहे हैं, या फिर दूसरा ये की प्रधानमंत्री इतने निकम्मे हैं कि एक मुख्यमंत्री की सुरक्षा करने में भी नाकाम साबित हो रहे हैं. जो प्रधानमंत्री एक मुख्यमंत्री को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रहा हो, क्या वो देश की आम जनता को सुरक्षा दे पाएंगे?’

पिछले एक महीने में तीसरी बार हुआ केजरीवाल पर हमला

दक्षिणी दिल्ली के लोकसभा प्रभारी राघव चड्ढा ने भी कहा कि अरविंद केजरीवाल पर लगातार हमले हो रहे हैं. पिछले एक महीने में मुख्यमंत्री पर ये तीसरा हमला हुआ है. अभी पहले हमले की तफ्तीश पूरी भी नहीं हुई है की, एक के बाद दूसरा और दुसरे के बाद तीसरा हमला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर करवाया गया है. पहला हमले में कुछ दिन पहले ही सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी अपने कुछ गुंडों के साथ जबरदस्ती प्रोग्राम में आकर हंगामा करते हैं, उनके गुंडे मुख्यमंत्री पर बोतले फेंकते हैं, उन पर जान लेवा हमला करते हैं.

राघव ने कहा कि दूसरा हमला दिल्ली सचिवालय में हुआ जिसका में खुद चश्मदीद गवाह हूं. मेरे सामने ही मुख्यमंत्री अपने कमरे से बाहर निकले, एक व्यक्ति उनकी तरफ बढ़ा उन पर हमला किया, उनकी आंखों में मिर्ची का पाउडर डालने की कोशिश की और उनका चश्मा भी तोड़ दिया. मंगलवार को हद ही हो गई जब तीसरे हमले को मुख्यमंत्री के घर पर ही अंजाम देने की कोशिश की गई.

एक व्यक्ति मुख्यमंत्री के घर में जिंदा कारतूस के साथ घुस जाता है और मुख्यमंत्री का घर दिल्ली पुलिस की निगरानी में है. अंदर जाने से पहले कई प्रकार की जांच से होकर गुजरना पड़ता है, फिर कैसे ये व्यक्ति जिंदा कारतूस घर के अंदर तक लेकर चला जाता है. अर्थात वो गया नहीं था, उसे जाने दिया गया था. अगर कारतूस गए हैं तो इसका मतलब किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा पिस्तौल भी ले जाने का इंतजाम किया गया होगा. ये मुख्यमंत्री को जान से मारने की एक सोची समझी चाल है.

कई राज्यों में बीजेपी की सरकार है लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ कि कोई व्यक्ति बीजेपी के किसी मुख्यमंत्री के घर में इस प्रकार का कोई जान लेवा समान लेकर घुस गया हो. कभी नहीं सुना की कोई व्यक्ति इस प्रकार से कारतूस लेकर शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे या फिर रमन सिंह के घर में घुसा हो. ये सिर्फ आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ ही बार बार क्यों हो रहा है? मै साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि इसके पीछे बीजेपी का हाथ है.

पिछले साढ़े तीन साल में केजरीवाल पर हुए पांच हमले

राघव चड्ढा ने कहा कि बड़े ही आश्चर्य की बात है की पिछले साढ़े तीन साल में अरविंद केजरीवाल पर पांच बार जानलेवा हमले हो चुके हैं, पर बीजेपी द्वारा नियुक्त उप-राज्यपाल साहब का एक बयान तो दूर की बात है, इस गंभीर मसले पर चिंता जताते हुए एक ट्वीट तक नहीं आया.

आम आदमी पार्टी के नेताओं का आरोप है कि छत्रसाल स्टेडिएम में ही सबसे पहले अरविंद केजरीवाल पर स्याही से अटैक किया गया था. दूसरे हमले में सचिवालय में एक व्यक्ति ने पीसी के दौरान जूता फेंक कर जान से मारने की कोशिश की. तीसरा हमला बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सिग्नेचर ब्रिज के दौरान करवाया. चौथा हमला भी सचिवालय में ही हुआ और अब पांचवी बार सीएम के जनता दरबार में हमला हुआ.

वहीं बीजेपी ने सरकार के विशेष सत्र बुलाने को लेकर प्रदर्शन किया और कहा कि अरविंद केजरीवाल ने एक एजेंडे के तहत विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है. आम आदमी पार्टी के बागी नेता कपिल मिश्रा ने फर्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहा, ‘अरविंद केजरीवाल के ऊपर जितने भी हमले हुए हैं वह खुद के प्रायोजित हमले हैं. हाल ही में सचिवालय में मिर्च फेंकने वाले की एंट्री अरविंद केजरीवाल के ही एक खास सहयोगी ने करवाई. हमला करने वाले शख्स के पास से उसी निकट सहयोगी की पर्ची मिली है, जिसमें अरविंद केजरीवाल के कक्ष तक जाने की इजाजत है. देखिए, अरविंद केजरीवाल ने खुद एफआईआर दर्ज नहीं करवाई उल्टे विशेष सत्र बुला लिया.’

जानकारों का मानना है कि दिल्ली में पिछले कुछ सालों से राजनीति का स्तर बहुत ही निचले स्तर तक गिर गया है. सभी पार्टियां एक दूसरे पर ओछे आरोप लगा कर जनता की नजर में महान बनने की फिराक में हैं. हाल ही में मनोज तिवारी ने भी कहा था कि मेरे ऊपर अरविंद केजरीवाल हमला करवा सकते हैं और अब अरविंद केजरीवाल बोल रहे हैं कि पीएम मेरे ऊपर हमले की जिम्मेदारी लें?