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कैसे और क्यों बेंगलुरु से हैदराबाद भेजे गए कांग्रेस और जेडीएस विधायक

कांग्रेस विधायकों को ईगलटन रिसॉर्ट में और जेडीएस विधायकों को शांगरी-ला होटल में रखा गया था, येदियुरप्पा के आदेश के बाद पुलिस ने दोनों ही जगहों से सुरक्षा व्यवस्था हटा ली थी

FP Staff

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शपथग्रहण के एक घंटे बाद ही बेंगलुरु के आउटर इलाके में स्थित ईगलटन रिसॉर्ट से सिक्योरिटी हटा ली. इस आदेश के कुछ मिनट बाद ही पुलिस ने रिसॉर्ट तक जाने वाले रास्ते से बैरिकेड और चेकपोस्ट हटा लिया. ऐसा ही कुछ विधानसभा से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति शांगरी-ला होटल के साथ भी हुआ.

कांग्रेस विधायकों को ईगलटन रिसॉर्ट में ठहराया गया था और जेडीएस विधायकों को शांगरी-ला होटल में रखा गया था. येदियुरप्पा के आदेश के बाद पुलिस ने दोनों ही जगहों से सुरक्षा व्यवस्था हटा ली थी. दोनों ही पार्टी के नेताओं को लगा कि उनके विधायक अपने ही राज्य में सुरक्षित नहीं हैं. इसके बाद उन्होंने बेंगलुरु से बाहर निकलने का फैसला किया.


कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार और जेडीएस के प्रदेश प्रमुख एचडी कुमारस्वामी के बीच विधायकों के लिए सुरक्षित पनाहगाह को लेकर चर्चा हुई.

पहले विधायकों को केरल भेजने की थी योजना

शुरुआत में उनकी योजना थी कि विधायकों को स्पेशल विमान से केरल शिफ्ट किया जाएगा. सूत्रों की मानें तो विशेष विमान की अनुमति मांगने के निवेदन पर डीजीसीए बैठ गया जिसके चलते क्लियरेंस में देरी हुई. हालांकि सरकार ने इन दावों को खारिज किया है. इसके बाद दोनों पार्टियों ने अपने विधायकों को सड़क मार्ग से हैदराबाद लाने की योजना बनाई.

इसकी दो वजहें थीं- पहली यह कि आंध्रप्रदेश बॉर्डर बेंगलुरु से महज 100 किलोमीटर दूर है और सड़क मार्ग से वहां 90 मिनट के अंदर पहुंचा जा सकता है. तमिलनाडु इससे भी पास है लेकिन वहां की सरकार के प्रो-बीजेपी रवैये को देखते हुए कांग्रेस-जेडीएस ने तेलंगाना जाना ज्यादा उचित समझा. पार्टी के सीनियर नेताओं से कहा गया कि मीडिया को बताया जाए कि विधायकों को केरल या पंजाब ले जाया जा रहा है. हालांकि उन्होंने विधायकों के ठहरने के लिए हैदराबाद में व्यवस्था करवा ली थी.

आंध्र और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों ने दिया था शरण का ऑफर

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा से बात कर कांग्रेस और जेडीएस विधायकों को शरण देने का ऑफर भी दिया था. तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव ने विधायकों का हैदराबाद में स्वागत करने पर सहमति दे दी थी. डीके शिवकुमार ने अपने भरोसे के कुछ कांग्रेस विधायकों से संपर्क कर सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा था.

विधायकों ने अपने परिजनों को फोन कर कहा कि रिसॉर्ट में उनके कपड़े भेज दें. उनके परिजनों को भी यह नहीं बताया गया उन्हें कहां लेकर जा रहे हैं.

शर्मा ट्रैवल्स से कहा गया कि उन्हें हैदराबाद लेकर जाने के लिए भरोसे के ड्राइवरों को भेजा जाए. लेकिन उन्हें भी यह नहीं बताया गया था कि कहां जाना है. बीजेपी की तरफ से परेशानियों की आशंकाओं को देखते हुए बेंगलुरु से आंध्रप्रदेश बॉर्डर के बीच कई जगहों पर स्पेयर गाड़ियों का भी इंतजाम करवाया गया था.

एक कांग्रेस एमएलसी के मुताबिक दो कांग्रेस विधायकों जमीर अहमद खान और शिवराम हेब्बर ने बॉर्डर तक बस चलाने का ऑफर भी दिया था. इस बीच डीके शिवकुमार और एचडी कुमारस्वामी ने स्थानीय कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि किसी भी स्थिति में मदद करने के लिए तैयार रहें. अंततः नवनिर्वाचित विधायकों को शर्मा ट्रैवल्स की लग्जरी बसों में बैठाकर हैदराबाद पहुंचाया गया.

(न्यूज-18 के लिए डीपी सत्तीश की रिपोर्ट)