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तेलंगाना चुनाव चंद्रबाबू नायडू के लिए काफी अहम, दांव पर लगी है साख

साथ ही तेलंगाना में चंद्रबाबू नायडू ने टीआरएस के विरोध में कांग्रेस के साथ गठबंधन कायम किया. इससे उनकी साख भी दांव पर है.

FP Staff

तेलंगाना में हाल ही में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ है. हालांकि ये चुनाव TRS, कांग्रेस से ज्यादा चंद्रबाबू नायडू के लिए अहम बना हुआ है. रिपोर्ट्स के मुताबिक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू बीजेपी को साल 2019 लोकसभा चुनाव में हराने के लिए कांग्रेस से हाथ मिला सकते हैं.

इस साल चंद्रबाबू नायडू ने अक्टूबर में दिल्ली का अहम दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की था. उनकी इस मुलाकात के कारण संभावना जताई जा रही है कि नायडू 2019 के चुनाव में कांग्रेस से हाथ मिला सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो 2019 के चुनाव के दौरान यह गठबंधन काफी अहम होगा.


हालांकि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न दिए जाने के कारण टीडीपी की कांग्रेस से नाराजगी जगजाहिर है लेकिन राजनीति में पासा कभी भी पलट सकता है. तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से टीडीपी ने हाथ मिलाया था. ऐसे में अगर 2019 चुनाव में यह गठबंधन बना रहता है तो बीजेपी के लिए चैन की सांस लेना मुश्किल हो सकता है.

वहीं कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर नायडू का कहना है कि यह उनकी लोकतांत्रिक मजबूरी है. वहीं तेलंगाना में चुनाव प्रचार के दौरान चंद्रबाबू नायडू कांग्रेस के साथ मधुर रिश्ते कायम करते हुए दिखाई दिए. नायडू ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया जिससे उनकी पार्टी और कांग्रेस के रिश्तें खराब हों.

'महाकुटामी'

साथ ही तेलंगाना में चंद्रबाबू नायडू ने टीआरएस के विरोध में कांग्रेस के साथ गठबंधन कायम किया. इससे उनकी साख भी दांव पर है. 'महाकुटामी' नाम के इस गठबंधन में कांग्रेस के अलावा सीपीआई और तेलंगाना जन समिति भी शामिल है. राज्य में एक और केसीआर को हराने के लिए नायडू खुल कर सामने आए तो राष्ट्रीय स्तर पर उनकी ऐसी ही लड़ाई बीजेपी के लिए देखने को मिल रही है. वहीं 'महाकुटामी' जैसे गठबंधन को लेकर नायडू ने इस बात की ओर भी साफ इशारा कर दिया है कि राष्ट्रीय राजनीति में भी वे कुछ बड़ा करने वाले हैं.

ऐसे में अगर नायडू का गठबंधन आंध्र प्रदेश में कमाल करता है तो टीडीपी का भी राज्य और देश में भविष्य को दिशा मिल सकती है. वहीं अगर तेलंगाना में ये गठबंधन नाकाम हो जाता है तो फिर नायडू कौनसी चाल चलेंगे इस पर नजरें बनी रहेंगी.