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तेलंगाना चुनाव 2018: विवादों के बीच आज सोनिया गांधी की पहली रैली, जानिए क्यों है खास

सोनिया विधानसभा सीट मेडचल में रैली करेंगी, वो यहां पार्टी का घोषणा पत्र भी जारी करेंगी

FP Staff

तेलंगाना में शुक्रवार का दिन कांग्रेस के लिए काफी बड़ा रहने वाला है. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी आज यहां एक रैली करने वाली हैं. वो हैदराबाद से थोड़ी दूर विधानसभा सीट मेडचल में रैली करेंगी. उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी मंच साझा करेंगे. सोनिया यहां पार्टी का घोषणा पत्र जारी करेंगी.

कांग्रेस ये रैली दो वजहों से खास है. पहला- सोनिया गांधी काफी वक्त बाद चुनावी रैली करने जा रही है. उन्होंने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कोई रैली नहीं की, लेकिन वो तेलंगाना जा रही हैं. दूसरा- आंध्र प्रदेश से तेलंगाना को अलग करने की सालों से उठ रही मांग को 2013 में यूपीए सरकार ने मंजूरी दी थी. उसके बाद से ये सोनिया गांधी की वहां पहली रैली होगी.


कांग्रेस ने इसके लिए अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो भी शेयर किया है.

सोनिया को किया जाएगा सम्मानित

तेलंगाना कांग्रेस सोनिया की रैली को लेकर काफी उत्साहित है. यहां इस रैली को सफल बनाने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है. पार्टी के राज्य प्रभारी आर सी खूंटिया ने बताया ये बस चुनावी रैली नहीं होगी, इस सभा में कई सामाजिक संगठन तेलंगाना के गठन में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए सोनिया गांधी को सम्मानित करेंगे.

पार्टी इस रैली से राहुल और सोनिया का संदेश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए 70 विधानसभा क्षेत्रों में एलईडी स्क्रीन लगाने जा रही है. खूंटिया ने बताया, ‘23 नवंबर को मेडचल में शाम में सोनिया जी की सभा होगी जिसमें राहुल जी भी शामिल होंगे. इसकी हम पूरी तैयारी कर रहे हैं. हमारा प्रयास इसे एक विशाल जनसभा बनाने की है. इस रैली के प्रसारण के लिए हम करीब 70 विधानसभा क्षेत्रों में एलईडी स्क्रीन लगाने जा रहे हैं ताकि राज्य के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक सोनिया जी और राहुल जी की बात पहुंचाई जा सके.’

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि सोनिया और राहुल गांधी शाम को चार बजे बेगमपेट एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे और शाम छह बजे मेडचल में जनसभा को संबोधित करेंगे. पूरे राज्य से पार्टी कार्यकर्ता इस जनसभा में आएंगे.

विवादों की भी चल रही है हवा

हालांकि, सोनिया की इस रैली को विवादों की हवा भी लग रही है. दरअसल, सोनिया जिस विधानसभा सीट मेडचल में रैली के लिए जा रही हैं, वहां से कांग्रेस ने के. लक्ष्मी रेड्डी को उम्मीदवार उतारा है. के. लक्ष्मी रेड्डी का नाम सीबीआई अधिकारियों के रिश्वत देने वाले मामले में आया है. सीबीआई के अधिकारी एमके सिन्हा ने कोर्ट में एक ऐफिडेविट पेश कर बताया है कि रेड्डी के बिजनेसमैन सतीश सना से संबंध हैं, जिसके बाद से वो विवादों में हैं.

इस पर बीजेपी ने रेड्डी पर हमला बोला है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के प्रवक्ता कृष्णा सागर राव ने सवाल उठाया है कि 'सोनिया गांधी ने कहीं भी रैली नहीं की, लेकिन ऐसी दागदार छवि वाले प्रत्याशी के लिए प्रचार कर रही हैं. आखिर सतीश सना, रेड्डी और 10 जनपथ में क्या संबंध है?'

इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि पहले सरकार अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और मंत्री हरिभाई चौधरी को पद से हटाए, क्योंकि इस ऐफिडेविट में उनका भी नाम है.

इस पूरे मामले से कांग्रेस नकारात्मकता को दूर रखना चाहती है. एक्सप्रेस से उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि सोनिया गांधी की रैली से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा और कांग्रेस की स्थिति मजबूत होगी. उनकी रैली का सकारात्मक प्रभाव होगा.

नायडू नहीं होंगे मंच पर

बता दें कि तेलंगाना में कांग्रेस और नायडू की पार्टी तेलुगु देशम पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. खबरें आ रही थीं कि सोनिया-राहुल की इस रैली में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी शामिल होंगे लेकिन आर सी खूंटिया ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया. उन्होंने बताया कि नायडू इस रैली में तो नहीं लेकिन राहुल गांधी के साथ 28 या 29 नवंबर को किसी जनसभा में शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस दोनों नेताओं को एक मंच पर लाकर बड़ी जनसभा करने की कोशिशों में जुटी हुई है.

कांग्रेस ने पिछले महीने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के खिलाफ टीडीपी और तेलंगाना जन समिति, भाकपा के साथ गठबंधन किया है. इसे 'प्रजकुट्टमी' (जन गठबंधन) का नाम दिया गया है.

तेलंगाना की 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए आगामी सात दिसंबर को मतदान होगा.