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DMK पर अधिकार की लड़ाई में अड़े अड़ागिरि, बोले- पार्टी कैडर मेरे साथ

मरीना बीच पर करुणानिधि की समाधि पर मीडिया से बातचीत करते हुए अड़ागिरि ने दावा किया कि पार्टी का कैडर मेरे साथ है. यह जो कुछ भी हो रहा है उससे मैं दुखी हूं

FP Staff

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के निधन के एक हफ्ते के भीतर ही उनके उत्तराधिकार को लेकर उनके दोनों के बीच मतभेद की खबरें आने लगी हैं.

सूत्रों के अनुसार द्रविड़ मुनेत्र कडगम (डीएमके) की बागडोर और करुणानिधि के उत्तराधिकार को लेकर उनके दोनों बेटों एमके स्टालिन और अड़ागिरि के बीच विवाद पैदा हो गया है.


मरीना बीच पर करुणानिधि की समाधि पर मीडिया से बातचीत करते हुए अड़ागिरि ने दावा किया कि पार्टी का कैडर मेरे साथ है. यह जो कुछ भी हो रहा है उससे मैं दुखी हूं.

करुणानिधि ने एमके स्टालिन को राजनीतिक तौर पर अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. लेकिन उनके निधन के बाद पार्टी की बागडोर किसके हाथ में होगी, इसे लेकर अब विवाद हो गया है.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस पर न्यूज़18 से बातचीत में अड़ागिरि को उद्दंड करार दिया. उन्होंने कहा कि स्टालिन अनुशासित होकर संगठन चलाते हैं जबकि अलागिरि के अंदर जबरन सब कुछ हासिल करने की प्रवृत्ति है.

करुणानिधि की लंबी बीमारी के बाद बीते 7 अगस्त को चेन्नई के कावेरी अस्पताल में निधन हो गया था. उन्हें 28 जुलाई की रात ब्लड प्रेशर लो हो जाने के बाद यहां भर्ती कराया गया था.

करुणानिधि ने तीन शादियां की थीं. एमके स्टालिन करुणानिधि और उनकी दूसरी पत्नी दयालु अम्मल के बेटे हैं. एमके अड़ागिरि, एकके थामिलारासु और सेल्वी स्टालिन के सगे भाई-बहन हैं. जबकि, एमके अड़ागिरि और कनिमोझी सौतेले भाई-बहन हैं.

एमके स्टालिन पहले से ही डीएमके के कार्यवाहक प्रभारी हैं. यह उत्तराधिकार का मुद्दा शायद 2017 की शुरुआत में ही 'कलाइनार' (करुणानिधि) के लगातार बिगड़ती सेहत को देखते हुए किया गया था. स्टालिन का पार्टी पर पूरा नियंत्रण है. स्टालिन की स्थिति 2013 से ही पार्टी में काफी मजबूत है. स्टालिन के कार्यवाहक प्रभारी बनने के बाद अड़ागिरि के प्रति निष्ठा रखने वाले पार्टी के नेताओं को या तो दरवाजा दिखाया गया था या उनको पद से हटा दिया गया.