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नीतीश को अयोग्य करार देने की याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने ईसी से मांगा जवाब

याचिका में कहा गया है कि नीतीश अपने संवैधानिक पद पर नहीं रह सकते क्योंकि उन्होंने हलफनामे में साक्ष्य छुपाया है

FP Staff

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने दो हफ्ते में जवाब मांगा है.यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील एमएल शर्मा ने दायर की थी.

याचिका में नीतीश कुमार को उनके पद से हटाने की मांग की गई है. याचिका में यह भी कहा गया है कि नीतीश कुमार ने चुनाव के दौरान साल 2004 ओर 2012 में दिए शपथ पत्र में यह नहीं बताया की 1991 में हुए एक मर्डर लेकर हुए एफआईआर में उनका भी नाम है.


नीतीश कुमार ने यह जानकारी अपने शपथ पत्र में नहीं दी है. याचिका में यह भी कहा गया है कि नीतीश कुमार अपने संवैधानिक पद पर नहीं रह सकते क्योंकि नीतीश कुमार ने अपने दिए हलफनामे में साक्ष्य को छुपाया है. साथ ही नीतीश कुमार के खिलाफ मर्डर केस की जांच में तेजी लाई जाए.

याचिका में आगे दावा किया गया कि नीतीश ने अपने कार्यकाल की संवैधानिक ताकत के चलते 1991 के बाद से ही गैर-जमानती अपराध में जमानत तक नहीं ली. साथ ही 17 साल बाद मामले में पुलिस से क्लोजर रिपोर्ट भी फाइल करवा ली. सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ जांच का आदेश देने की मांग भी याचिका में की गई है.

जिसपर एफआईआर वो न बैठे संवैधानिक पद पर: वकील

वकील ने याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह इस तरह का आदेश जारी करे कि अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर या आपराधिक मामला दर्ज है तो वह किसी भी संवैधानिक पद पर ना बैठ पाए.

जुलाई में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया था. इसके बाद लालू ने भी इस हत्या के एक मामले को लेकर नीतीश पर हमला बोला था. साथ ही सृजन घोटाले को भी निशाना साधा था.

(साभार: न्यूज़18)