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आरटीआई फाइल करने की अधिकतम फीस 50 रुपए: SC

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आरटीआई दाखिल करने के लिए फीस की अधिकतम सीमा 50 रुपए कर दी है

FP Staff

अब आपको आरटीआई फाइल करने के लिए 50 रुपए से ज्यादा खर्च नहीं करने पड़ेगे. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आरटीआई दाखिल करने के लिए फीस की अधिकतम सीमा 50 रुपए कर दी है.

एससी ने आरटीआई अधिनियम के तहत दायर सवालों का जवाब देने के लिए  द्वारा प्रति आवेदन वसूले जाने वाले शुल्क को 50 रुपए पर सीमित कर दिया. और ये भी कहा कि आवेदनों का फोटोकॉपी की फीस पांच रुपए प्रति पेज होगा. यह आदेश हाईकोर्ट्स, विधानसभाओं और अन्य सरकारी और आरटीआई अधिनियम के दायरे में आने वाली सभी स्वायत्त संस्थाओं पर लागू होगा. इससे पारदर्शिता कानून के तहत सूचना मांग रहे कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है.


जस्टिस ए के गोयल, जस्टिस आर एफ नरीमन और जस्टिस यू यू ललित की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट से आवेदकों को सूचना के अधिकार कानून के तहत मांगी जाने वाली सूचना की वजह का खुलासा करने पर मजबूर नहीं करने को कहा.

बेंच ने यह आदेश कई याचिकाओं पर दिया. इसमें विभिन्न उच्च न्यायालयों और छत्तीसगढ़ विधानसभा जैसे अन्य प्राधिकारों के आरटीआई नियमों को चुनौती दी गई थी. ये हाईकोर्ट्स आवेदन और फोटोकॉपी के लिये काफी अधिक शुल्क वसूलते थे.

एनजीओ कॉमन कॉज के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सूचना मांगने से लोगों को हतोत्साहित करने के लिए काफी अधिक शुल्क वसूला जाता था. उन्होंने कहा कि सूचना मांगने वालों के लिए शुल्क बाधक के तौर पर काम नहीं करना चाहिए.

एनजीओ की ओर से दायर याचिका में दावा किया गया है कि केंद्रीय सूचना आयोग ने बार-बार इलाहाबाद हाईकोर्ट से आरटीआई नियमों में संशोधन करने को कहा, लेकिन उसकी याचिकाओं की अनदेखी की गई.

याचिका में दावा किया गया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट आरटीआई अधिनियम के तहत प्रति जवाब के लिए 500 रुपये वसूल रहा था.

इसी तरह की एक याचिका छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के खिलाफ दायर की थी. उसने आवेदक दिनेश कुमार सोनी की याचिका खारिज कर दी थी और सूचना मांगने के लिए उनपर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था.