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मिशन 2019: अखिलेश यादव कांग्रेस से गठबंधन क्यों नहीं करना चाहते?

अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस को लगता है कि लोकतंत्र में उनकी पार्टी बड़ी है, हम लोग कुछ नहीं. इससे कम से कम हमें मौका मिला अपनी पार्टी बनाने का

FP Staff

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2019 के आम चुनावों में कांग्रेस से दूरी बनाने का संकेत दिया है. उन्‍होंने संकेत दिया कि 2019 में समाजवादी पार्टी का कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होने जा रहा है. मध्‍य प्रदेश में NEWS18 से बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस को बड़ी पार्टी होने का घमंड है.

उन्‍होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने जो अच्‍छा किया वह अच्‍छा किया. उन्‍हें लगता है कि लोकतंत्र में उनकी पार्टी बड़ी है, हम लोग कुछ नहीं. इससे कम से कम हमें मौका मिला अपनी पार्टी बनाने का. उन्‍हें तो यह लगता है कि उनके बिना हमारा कुछ नहीं हो सकता. देश को तीसरे विकल्‍प की जरूरत है.'


अखिलेश ने कहा, 'रोटी तभी अच्‍छी सिकेगी जब बार-बार बदली जाएगी. एक बार बीजेपी एक बार कांग्रेस ने मध्‍य प्रदेश में रोटी जला दी है.

मध्य प्रदेश में कांग्रेस दे 42 साल का हिसाब

उन्‍होंने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सीट बंटवारे पर सहमति न बनने पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि देश में तीसरे मोर्चे की जरूरत है. बीजेपी को कोई पार्टी नहीं हराएगी उसे जनता हराएगी. बीजेपी से किसान नाराज है, युवा नाराज है. कांग्रेस जब किसान की बात करती है तो वह भी तो मध्‍य प्रदेश में अपने 42 साल के कामकाज का हिसाब दे.

अखिलेश ने डिजिटल इंडिया, शौचालय निर्माण जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा. यूपी के पूर्व सीएम ने कहा, 'कांग्रेस और बीजेपी की सरकार में यही अंतर आया है कि पहले एक गड्ढ़े का शौचालय बनता था और अब दो गड्ढे वाला शौचालय बनता है.'

इससे पहले कांग्रेस और एसपी ने उत्‍तर प्रदेश में पिछला विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था. हालांकि दोनों को इससे कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद कैराणा का उपचुनाव भी एसपी, बीएसपी, कांग्रेस और आरएलडी ने मिलकर लड़ा और जीता था. इसके बाद ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि 2019 के आम चुनावों के लिए महागठबंधन हो सकता है. दो दिन पहले भी अखिलेश ने कहा था कि जो साइकिल रोकेगा उसके 'हाथ' हैंडल से हटा दिए जाएंगे.

(न्यूज 18 से साभार)