कमल हासन ने रविवार को यह घोषणा की कि वो जल्द ही नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे. उन्होंने कहा कि लोगों को इस बारे में थोड़ा धैर्य बनाए रखना होगा. कमल हासन की इस घोषणा से कई दिनों से चले आ रहे उन कयासों पर विराम लग गया है जो कमल हासन के राजनीति में आने को लेकर चल रहे थे.
अपने फैन और वेलफेयर क्लब के 39 वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में हासन ने कहा कि मैं जरूर पार्टी लॉन्च करूंगा और राजनीति में उतरूंगा.
उन्होंने कहा कि वे अपने राजनीतिक जीवन के पहले कदम की शुरुआत अपने 63 वें जन्मदिन पर 7 नवंबर को एक मोबाइल ऐप के लॉन्च के साथ करेंगे. इसके जरिए वे अपने समर्थकों से जुड़े रहेंगे और समर्थकों के द्वारा दिए जा रहे फंड और चंदे पर नजर रख सकेंगे.
हासन ने कहा कि वे पार्टी को लॉन्च ‘शांत’ तरीके से करेंगे. उन्होंने कहा कि वे अपने फैंस से अपनी पार्टी के लिए चंदा लेंगे.
हासन ने कहा कि उन्हें अपना एक हाथ लोगों की भलाई के लिए खोलने में कोई शर्म नहीं है. दक्षिण भारत के सुपर स्टार ने कहा कि अगर देश के अमीर लोग सही से टैक्स दें तो देश के ऊपर कोई कर्ज नहीं रहेगा.
जन्मदिन पर नहीं मनाएंगे जश्न
कमल हासन ने यह भी कहा कि 7 नवंबर को वे अपने जन्मदिन पर कोई जश्न नहीं मनाएंगे. चेन्नई के कई इलाकों में आए बाढ़ की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वो दिन केक नहीं बल्कि नहर काटने का दिन होगा.
कमल हासन हिंदू आतंकवाद पर दिए गए अपने बयान पर कायम हैं.
उन्होंने कहा है कि अगर सच बोलने वाले लोगों को जेलों में डालते रहेंगे तो जेलें कम पड़ जाएंगी.
कमल ने कहा कि आतंकवाद अतिवाद से अलग है, अपनी विचारधारा को लेकर मैं दूसरों को उपदेश नहीं देता हूं. मैं रेशनलिस्ट हूं.
उन्होंने धमकी देने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि मंदिरों को गिरा देना चाहिए. हासन ने कहा कि ‘यह उनके लिए कोई मायने नहीं रखता कि कितने लोग मेरा विरोध कर रहे हैं. मेरे लिए यह मतलब रखता है कि हम क्या कर रहे हैं. मैं मार खाने को तैयार हूं. बार-बार मार खा सकता हूं, मैं कोई थाविल (पलटवार करने वाला एक यंत्र) नहीं हूं.’
कमल हासन के बयानों पर रविवार को ही हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा था कि कमल हासन और उनके जैसे बाकी लोगों को गोली मार देना चाहिए या फिर फांसी पर लटका देना चाहिए, ताकि वे लोग कुछ सबक सीख सकें.
इससे पहले कमल हासन ने एक तमिल पत्रिका में देश में 'हिंदू आतंकवाद' के मौजूदगी का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि हिंदू आतंकवाद नहीं है ऐसा नहीं कहा जा सकता. साथ ही, उन्होंने कहा था कि पहले दक्षिणपंथी लोग अपने विरोधियों से वाद-विवाद या बहस करते थे पर अब वह हिंसा पर उतारू हो जाते हैं.