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सोनिया की अध्यक्षता में 17 गैर-NDA दलों की बैठक, BSP शामिल नहीं

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बजट सत्र के बाद 17 गैर-एनडीए दलों के नेताओं की बैठक की अध्यक्षता की और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर संसद और उसके बाहर विपक्षी एकता का आह्वान किया

Bhasha

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बजट सत्र के बाद 17 गैर-एनडीए दलों के नेताओं की बैठक की अध्यक्षता की और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर संसद और उसके बाहर विपक्षी एकता का आह्वान किया. इस मीटिंग में बहुजन समाज पार्टी साथ नहीं आई. विपक्षी पार्टियों के साथ बसपा पहले भी साथ आ चुकी है लेकिन इस महत्वपूर्ण मीटिंग में बसपा अनुपस्थित रही.

सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं को राज्य के मुद्दों पर अपने मतभेदों को एकतरफ रख देना चाहिए और राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी से टक्कर लेने के लिए साथ आना चाहिए.


गुलाम नबी आजाद के अनुसार सोनिया गांधी ने बैठक में कहा, ‘हम सभी को संसद और उसके बाहर साझा पहल एवं रणनीति अपनानी चाहिए. किसानों, दलितों, युवाओं गरीबों और महिलाओं के संवेदनशील मुद्दों को समझने के लिए सबको साथ आने जरूरत है. राज्यों में विभिन्न दलों के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन राष्ट्रीय मुद्दों पर मतभेद नहीं होने चाहिए. हमें एकजुट रहना चाहिए.’

साथ आना होगा

सोनिया गांधी ने कहा, ‘धर्म और जाति को लेकर फैलाई जा रही हिंसा तथा राष्ट्रीय सरोकार से जुड़े कई अन्य मुद्दों पर हमें चौकस रहना होगा. हमें अपने मतभेदों को एकतरफ रखते हुए साथ आना होगा.’

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘हमें राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर साथ मिलकर काम करना होगा. जहां तक घृणा की विचारधारा की बात है तो हमें सावधान रहने की जरुरत है. देश में जाति और धर्म के आधार पर व्यापक हिंसा हो रही है. संवैधानिक संस्थानों को कमतर किया जा रहा है.’

सोनिया गांधी ने संसद के वर्तमान बजट सत्र में संयुक्त रणनीति बनाने और आगामी चुनावों में बीजेपी से टक्कर लेने के लिए एकजुटता की खातिर विपक्षी दलों का समर्थन मांगा. विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने राजस्थान उपचुनाव में जीत को लेकर सोनिया और राहुल गांधी को बधाई दी.

बैठक में मौजूद रहे 17 पार्टियों के नेता

आजाद ने कहा, ‘सभी तार्किक परिणति को देखने को इच्छुक थे.’ जब उनसे पूछा गया कि क्या आज की बैठक संप्रग-3 के गठन की शुरुआत है तो उन्होंने कहा, ‘मैं संप्रग-3 नहीं कहूंगा.’ यह बैठक संसद ग्रंथालय भवन में हुई. इसे सभी 17 पार्टियों का समर्थन मजबूत करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.

मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, एनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, आरजेडी की मीसा भारती एवं जय प्रकाश नारायण यादव, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन मौजूद रहे.

इसके अलावा सीपीएम नेता डी राजा तथा एसपी के रामगोपाल यादव और नरेश अग्रवाल, सीपीएम के मोहम्मद सलीम और टी के रंगराजन इस बैठक में शरीक हुए. जेडीएस नेता कुपेंद्र रेड्डी, जेडीयू से अलग हुए शरद यादव, आरएलडी के अजित सिंह, जेएमएम के संजीव कुमार, एआईयूडीएफ के बदरुद्दीन अजमल, केरल कांग्रेस के जॉय अब्राहम आदि भी बैठक में मौजूद थे. ऐसे मौके पर बसपा के अनुपस्थित होने के कई राजनीतिक मायने हो सकते हैं.

मजहबी झड़पों पर भी हुई पार्टी मीटिंग में चर्चा 

संविधान पर हो रहे हमलों और हाल ही उत्तर प्रदेश में हुए मजहबी झड़पों पर भी पार्टी मीटिंग में चर्चा की गई. बता दें कि शरद पवार के आवास पर हुई मीटिंग के तीन दिन बाद यह मीटिंग आयोजित की गई है. शरद पवार, सोनिया और राहुल गांधी से संसद के संयुक्त बैठक में हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण के अगले दिन मिले थे.