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सोहराबुद्दीन मामला: POLICE पर मुकदमा चलाने के लिए GOV मंजूरी की जरूरत नहीं

याचिकाओं में सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से कुछ आरोपियों को बरी किए जाने को चुनौती दी गई है

Bhasha

सीबीआई ने शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के सामने दलील दी कि सोहराबुद्दीन शेख के फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रही निचली अदालत को सिर्फ सरकारी मंजूरी नहीं होने के कारण कुछ पुलिस अधिकारियों को आरोपमुक्त नहीं करना चाहिए.

एजेंसी ने कहा कि ‘फर्जी’ मुठभेड़ करना आधिकारिक ड्यूटी के निर्वहन वाला कृत्य नहीं है और ऐसे में पुलिस अधिकारियों पर मुकदमा चलाने के लिए सरकारी मंजूरी की जरूरत नहीं है.


सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने पूर्व की मंजूरी नहीं होने के कारण निचली अदालत की ओर से राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल दलपत सिंह राठौड़ को आरोपमुक्त किए जाने के खिलाफ दलील दी. सिंह ने कहा कि लोकसेवक पर मुकदमा चलाने की पूर्व की अनुमति की जरूरत केवल आधिकारिक ड्यूटी के निर्वहन के दौरान किए गए अपराध के लिए होती है.

सोहराबुद्दीन शेख के भाई की याचिका पर चल रही है सुनवाई 

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘इस तरह की घटना को छिपाने के लिए फर्जी मुठभेड़ का हिस्सा होना या झूठी कहानी गढना, किसी पुलिस अधिकारी की सरकारी ड्यूटी नहीं है. इसलिए हमें (सीबीआई) मामले में आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए केंद्र या राज्य से पूर्व अनुमति की कोई जरूरत नहीं है.’

सीबीआई की दलील महत्वपूर्ण है क्योंकि पूर्व की सुनवाई में हाईकोर्ट ने पूछा था कि क्या मंजूरी नहीं होना पुलिस अधिकारियों को आरोपमुक्त करने का पर्याप्त आधार हो सकता है. हाईकोर्ट शेख के भाई रूबबुद्दीन शेख की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है.

याचिकाओं में सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से कुछ आरोपियों को बरी किए जाने को चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट सीबीआई की ओर दायर दो याचिकाओं पर भी सुनवाई कर रहा है, जिसमें सेवानिवृत्त आईपीस अधिकारी एन. के. अमीन और कांस्टेबल राठौड़ को आरोपमुक्त किए जाने को चुनौती दी गई है. सीबीआई की दलीलें मंगलवार को जारी रहेगी.