पिछले कई सालों से इस बात पर बहस चल रही है कि देश में सालभर चुनाव होते रहते हैं. खासकर राज्यों के चुनाव. क्यों नहीं लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव एक साथ होने चाहिए? साल 2019 में लोकसभा चुनाव होना है.
ऐसे में केंद्रीय निर्वाचन आयुक्त ओ. पी. रावत ने कहा कि चुनाव आयोग अगले साल तक एक साथ चुनाव करने में सक्षम हो जाएगा. वह बुधवार को भोपाल में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
सितंबर 2018 तक आयोग को 40 लाख मशीनें मिल जाएंगी
ओपी रावत ने बताया, ‘केन्द्र सरकार ने निर्वाचन आयोग को पूछा था कि लोकसभा एवं विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए सक्षम होने के लिए उसे किस चीज की जरूरत है? इसके जवाब में निर्वाचन आयोग ने नई ईवीएम एवं वीवीपीएटी मशीनें खरीदने के लिए केन्द्र से कोष की मांग की थी. यह हमें मिल भी गया है.’
उनके मुताबिक आयोग जरूरी संसाधन जुटाने में अगले साल तक सक्षम हो जाएगा. इसके लिए वीवीपीएटी खरीदने के लिए 3400 करोड़ रुपए मिले हैं और ईवीएम मशीनें खरीदने के लिए 12,000 करोड़ रुपए मिले हैं. सितंबर 2018 तक आयोग को 40 लाख मशीनें मिल जाएंगी.
चुनाव आयुक्त ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने संबंधी अन्य जरूरी प्रावधान करने का दायित्व केंद्र सरकार का है. हालांकि हम यह नहीं बता सकते कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कब से कराए जा सकेंगे.