महाराष्ट्र की राजनीति हर दिन रोचक होती जा रही है. शिवसेना मोदी सरकार के आलोचना का कोई मौका नहीं छोड़ती. धमकी भी देती है कि शिवसेना गठबंधन में रहेगी या नहीं, पार्टी इसपर जल्द फैसला लेगी.
इस बीच शनिवार को शिवसेना ने इसपर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी. महाराष्ट्र में बीजेपी नीत सरकार से शिवसेना के हटने की अटकलों को खारिज करते हुए शिवसेना ने शनिवार को अपने मुखपत्र ‘सामना’ कहा कि पार्टी 'जनता के हितों की रक्षा के लिए सत्ता में बनी रहेगी.'
बीजेपी के साथ शिवसेना के रिश्तों में तब और तनाव आ गया था जब उसके सांसद संजय राउत ने हाल में कहा कि उनकी पार्टी जल्द ही फैसला करेगी कि उसे महाराष्ट्र में फड़णवीस नीत गठबंधन सरकार में रहना है या नहीं.
जनता के हितों की रक्षा के लिए सत्ता में बनी रहेगी शिवसेना
बहरहाल, पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है कि 'जब विधानसभा चुनाव दो साल बाद होने जा रहे हैं तो पार्टी गठबंधन नहीं तोड़ेगी और जनता के हितों की रक्षा के लिए सत्ता में बनी रहेगी.'
फड़णवीस सरकार में 39 सदस्यीय मंत्रिमंडल में शिवसेना के 12 मंत्री हैं. इनमें पांच कैबिनेट स्तर के हैं. केंद्र में एनडीए सरकार में शिवसेना का एक मंत्री है.
बावजूद इससे एल्फिन्स्टन रोड ओवरब्रिज हादसे पर एमएनएस की लाइन पर ही शिवसेना भी चली. पार्टी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि रेल मंत्रालय की बेरूखी के चलते ही यह हादसा हुआ.
शिवसेना ने बुलेट ट्रेन परियोजना की भी तीखी आलोचना की और कहा, 'जब आप लोकल ट्रेन के यात्रियों को बुनियादी ढांचा प्रदान नहीं कर सकते तो बुलेट ट्रेन का क्या उपयोग.'