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मुख्यमंत्री चौहान के आश्वासन के बाद साधुओं ने समाप्त किया धरना

मंदिरों और उनके प्रबंधन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा एक विधेयक लाने की साधुओं की मांग

FP Staff

मध्यप्रदेश में मंदिरों और उनके प्रबंधन हेतु प्रदेश सरकार द्वारा एक विधेयक लाने की कोशिशों के विरोध में यहां धरने पर बैठे साधू-संतों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आश्वासन के बाद आज अपना धरना समाप्त करने की घोषणा की.

कंप्यूटर बाबा ने आज दोपहर धरना स्थल कमला पार्क पर संवाददाताओं को बताया, 'मुख्यमंत्री ने अपने वरिष्ठ अधिकारी को आज हमारे पास भेजा. उन्होंने हमारी बात फोन पर मुख्यमंत्री चौहान से करवाई.'


'मुख्यमंत्री ने हमारी सभी मांगों पर आपस में बैठकर सहानुभूूति पूर्वक विचार करने के बाद आपसी सहमति से उचित निर्णय लिये जाने का आश्वासन दिया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने फिलहाल धरना समाप्त करने का आग्रह किया, जिसे मानकर हमने अपना आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया है.'

उन्होंने बताया कि साधू समाज और मुख्यमंत्री की कल सुबह दस बजे बैठक निश्चित हुई है. इसमें साधू-संतों की मांगों पर सरकार से चर्चा की जायेगी.

इसमें प्रदेश के मंदिरों की भूमि अधिग्रहण और मंदिरों के प्रबंधन हेतु सरकार द्वारा विधेयक लाने का मुद्दा भी शामिल होगा.

बाबा ने कहा कि हम मुख्यमंत्री के आग्रह पर अपना आंदोलन समाप्त कर सरकार को समाधान का एक और अवसर देना चाहते हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हमारी मांगों का उचित निराकरण नहीं हुआ तो हमारे लिये आंदोलन के रास्ते खुले हुए हैं.

अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आये साधू-संत मध्यप्रदेश साधू-संत महासंघ के झंडे तले यहां कमला पार्क के सामने कल से धरना आंदोलन कर रहे थे. धरने के दौरान कई साधू धूनी लगाते दिखे तो कुछ साधू हवन-पूजा भी करते रहे.

धरना आंदोलन करते हुए कंप्यूटर बाबा ने कल कहा था, ‘हमें जानकारी मिली है कि प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी मंदिरों की भूमि का अधिग्रहण करने हेतु एक विधेयक लाने की तैयारी कर रही है.'

'इस विधेयक में जिला कलेक्टरों को मंदिरों का प्रबंधन कार्य सौपे जाने का भी प्रावधान होने की सूचना है.’

उन्होंने कल कहा था, ‘हमें यह मंजूर नहीं है. हम बुधवार तक यहां धरने पर बैठेंगे यदि प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस प्रस्तावित विधेयक को रोकने का वादा नहीं किया तो हम यहां से उठकर उत्तर प्रदेश जायेगें और वहां चल रहे विधानसभा चुनावों में भगवा पार्टी के विरोध में प्रचार करेंगे.’