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बुलेट ट्रेन आम आदमी का नहीं, नरेंद्र मोदी का सपना है: शिवसेना

शिवसेना ने कहा, ‘हमें बिना मांगे बुलेट ट्रेन मिल रही है. हमें वास्तव में नहीं पता कि इस परियोजना से कौन की समस्या सुलझेगी

FP Staff

विपक्ष के साथ शिवसेना को भी बुलेट ट्रेन नहीं पच रहा. शिवसेना के मुखपत्र सामना में इसकी जमकर आलोचना की गई है. इसमें लिखा है कि यह परियोजना आम आदमी का नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है.

क्या जरूरत है बुलेट ट्रेन की?


यह आलोचना ऐसे समय में की गई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे ने अहमदाबाद में भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए आधारशिला रखी है. शिवसेना ने कहा, ‘हमें बिना मांगे बुलेट ट्रेन मिल रही है. हमें वास्तव में नहीं पता कि इस परियोजना से कौन की समस्या सुलझेगी.’

पत्रिका में लिखा है कि ‘पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने भाखड़ा नंगल से लेकर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र तक कई परियोजनाओं की नींव रखी, ताकि देश तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ सके. देश के लिए इन सभी परियोजनाओं की आवश्यकता थी. क्या यह बुलेट ट्रेन राष्ट्रीय जरूरतों में फिट बैठती है?’

शिवसेना को नहीं चाहिए बुलेट

संपादकीय में कहा गया है कि 1,08,000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना के लिए कम से कम 30,000 करोड़ रुपए महाराष्ट्र सरकार से लिए जाएंगे. किसानों के ऋण माफ करने की मांग कई वर्षों से की जा रही है. बुलेट ट्रेन की मांग किसी ने नहीं की. मोदी का सपना आम आदमी का सपना नहीं है, बल्कि यह अमीरों एवं उद्योगपतियों का सपना है.

संपादकीय में कहा गया है कि जो लोग यह कह रहे हैं कि यह परियोजना रोजगार पैदा करेगी, वे झूठ बोल रहे हैं, क्योंकि मशीनरी से लेकर श्रमिकों तक परियोजना के लिए आवश्यक हर चीज जापान लेकर आएगा.

इस महत्वाकांक्षीय परियोजना के लिए जापान ने रियायती ऋण दिया है. महाराष्ट्र सरकार ने प्रस्तावित बुलेट ट्रेन के एक स्टेशन के लिए बांद्रा-कुर्ला परिसर में निश्चित शर्तों के साथ 0.9 हेक्टेयर की भूमि आवंटित करने पर सहमति जताई है.