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बातचीत या कोर्ट के फैसले से हल होगा राम मंदिर का मुद्दा: केंद्रीय राज्यमंत्री

अभी हाल में राम मंदिर निर्माण को लेकर संतों से लेकर बीजेपी के कई नेता भी आवाज बुलंद करते दिखे. उधर, विश्व हिन्दू परिषद से दूर हुए प्रवीण तोगड़िया ने भी अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद बनाकर राम मंदिर के लिए सरकार को अल्टीमेटम दे दिया

FP Staff

राम मंदिर निर्माण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से कुछ न होता देख, पार्टी के अंदर रोष बढ़ता जा रहा है. इसे देखते हुए शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय में जूनियर मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने एक बड़ा और अहम बयान दिया. केंद्रीय राज्यमंत्री शुक्ला ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा आपसी बातचीत या कोर्ट के फैसले से ही हल होगा.

शुक्ला ने कहा, राम मंदिर का मुद्दा हमारे लिए आस्था का विषय है. ऐसा कभी नहीं रहा कि हमने चुनाव के वक्त ही इस मुद्दे को उठाया लेकिन सबको यह जान लेना चाहिए कि राम मंदिर का मामला बातचीत से या कोर्ट से फैसले से ही सुलझेगा.

2019 का लोकसभा चुनाव आते ही इस मामले के और तूल पकड़ने की संभावना है. अभी हाल में राम मंदिर निर्माण को लेकर संतों से लेकर बीजेपी के कई नेता भी आवाज बुलंद करते दिखे. उधर, विश्व हिन्दू परिषद से दूर हुए प्रवीण तोगड़िया ने भी अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद बनाकर राम मंदिर के लिए सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है.

बीजेपी की तरफ से राम मंदिर को लेकर बढ़ रहे असंतोष पर खुद सीएम योगी आदित्यनाथ मोर्चा संभाले हुए हैं. साफ दिख रहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की अग्निपरीक्षा की शुरुआत अयोध्या से हो चुकी है.

दरअसल, पिछले कुछ समय से अयोध्या में रामजन्म भूमि के मुख्य पुजारी हों या राम जन्म भूमि से जुड़े संत-महंत, सभी एक सुर में राम मंदिर निर्माण को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर नजर आ रहे हैं. यह दबाव 2019 से पहले और बढ़ने वाला नजर आ रहा है.

संतों की मानें तो राम मंदिर निर्माण को मुद्दा बनाकर बीजेपी प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार तक पहुंच चुकी है लेकिन मौजूदा समय में कई प्रांतों और केंद्र में बीजेपी की सरकार है. फिर भी राम मंदिर निर्माण के लिए पार्टी की तरफ से कोई पहल नहीं हो रही है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीते सोमवार को राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के 80वें जन्मोत्सव में शामिल हुए थे. न्यूज18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान सीएम ने राम मंदिर विषय पर साधुओं के रोष पर कहा कि अयोध्या में आएंगे तो संत इस तरह की बात करेंगे. राम मंदिर से हर व्यक्ति अपने को जोड़ता है लेकिन विधायिका, न्यायपालिका की अपनी भूमिका है.

योगी ने कहा, ‘मर्यादा पुरुषोत्तम राम इस ब्रह्मांड के स्वामी हैं. जब उनकी कृपा होगी तो अयोध्या में राम मंदिर बनकर ही रहेगा. इसमें कोई संदेह नहीं है. तो फिर संतों को इसे लेकर संदेह कहां से पैदा हो जाता है. आपने इतना धैर्य रखा है, मुझे लगता है कि कुछ दिन और धैर्य रखना होगा. आशावाद पर दुनिया टिकी हुई है.’