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'मोदी जैकेट' में शिंजो आबे: ध्यान रखिए गुजरात में चुनाव नजदीक है!

सितंबर मध्य में मोदी के शिंजो आबे के साथ रोड शो के मायने कुछ अलग हैं

Amitesh

अहमदाबाद एयरपोर्ट पर दोपहर बाद उतरे जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गले लगाकर इस्तकबाल किया. शिंजो आबे के साथ मोदी के मिलन के वक्त गर्म जोशी साफ दिख रही थी. ब्लू रंग के सूट में जापानी प्रधानमंत्री के साथ उनकी पत्नी आकी आबे भी मौजूद थीं.

लेकिन, गार्ड ऑफ ऑनर के थोड़ी ही देर बाद जब जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे नरेंद्र मोदी के साथ रोड शो के लिए सामने आए तो नजारा बिल्कुल ही जुदा था. मोदी केवल अपने कुर्ता और चूड़ीदार पाजामा में थे. लेकिन, जापान से आए उनके दोस्त तो मोदीमय हो चुके थे.


रोड शो के लिए निकले शिंजो आबे सफेद कुर्ता-पाजामा और नीले रंग की हाफ जैकेट पहनकर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे. बेशक मोदी ने खुद तो हाफ जैकेट नहीं पहन रखी थी लेकिन, उनके दोस्त ‘मोदी-जैकेट’ में ही नजर आ रहे थे. साथ में उनकी पत्नी आकी आबे भी भारतीय परिधान सलवार-सूट में नजर आ रही थीं.

अहमदाबाद एयरपोर्ट से साबरमती आश्रम तक का आठ किलोमीटर का सफर तय करना था. इस दौरान जगह-जगह अलग-अलग राज्यों की तरफ से आए लोक कलाकारों ने लोक गीत-संगीत और नृत्य के जरिए स्वागत भी किया.

किसी चुनाव प्रचार से कम नहीं लग रहा था रो शो

खुली जीप में रोड शो करते और लोगों के अभिवादन स्वीकार करती इन तस्वीरों को देखकर तो लग रहा था जैसे किसी चुनाव प्रचार के लिए रोड शो हो रहा है. अक्सर विधानसभा या लोकसभा चुनाव के वक्त प्रधानमंत्री मोदी और बाकी नेताओं की तरफ से इस तरह से रोड शो किया जाता है.

यह पहली बार हुआ है कि जब किसी दूसरे देश का प्रधानमंत्री भारत में आकर रोड शो करता दिख रहा है. शिंजो आबे के साथ रोड शो करने के बाद प्रधानमंत्री ने उन्हें साबरमती आश्रम में गांधी जी का चरखा दिखाया, साबरमती रिवर फ्रंट की सैर कराई और फिर अपनी नक्काशियों के लिए मशहूर 16 वीं सदी में बनी सीदी सैयद मस्जिद भी लेकर गए.

अपने दो दिन के भारत दौरे के दौरान जापान के प्रधानमंत्री सीधे अहमदाबाद पहुंचे हैं. ये पहला मौका नहीं है कि मोदी ने इस तरह के किसी बड़े कार्यक्रम या फिर बड़े नेताओं के साथ बातचीत के लिए राजधानी दिल्ली के बाहर किसी जगह का चुनाव किया है.

इसके पहले भी प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में अहमदाबाद में ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगुआनी की थी. ब्रिक्स सम्मेलन के लिए भी गोवा में मीटिंग करना मोदी की लीक से अलग हटकर काम करने की रणनीति को ही दिखाने वाला था.

शिंजो आबे के साथ रोड शो के मायने कुछ अलग हैं

लेकिन, सितंबर मध्य में मोदी के शिंजो आबे के साथ रोड शो के मायने कुछ अलग हैं. गुजरात में दो से तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाला है.

प्रधानमंत्री मोदी भी इस बात को समझते हैं कि अगले चुनाव में गुजरात में जीत नहीं महाजीत की जरूरत होगी. क्योंकि 2003 के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि मोदी गांधीनगर के बजाए दिल्ली में होंगे. प्रधानमंत्री बनने के बाद भी गुजरात में जीत उनके लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. लिहाजा अभी से ही हर काम को सोच समझ कर अंजाम दिया जा रहा है.

अहमदाबाद-मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट पर काम शुरू होना है. जापान के सहयोग से चलने वाले इस प्रोजेक्ट पर भूमिपूजन भी होना है और आधारशिला भी रखी जानी है. लेकिन, इस आधारशिला रखने के कार्यक्रम को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के बजाए अहमदाबाद में ही रखा गया है. गुजरात में मेक इन इंडिया के तहत बुलेट ट्रेन के लिए भी कुछ पार्टस बनाए जाने को लेकर तैयारी हो रही है.

गुजरात में पटरी पर बुलेट ट्रेन दौड़ाने की तैयारी के साथ चुनावी रथ को भी गुजरात में दौड़ाने की योजना बनाई जा रही है. अहमदाबाद की सड़कों पर मेगा शो के माध्यम से चुनावी रोड शो की आहट सुनाई देने लगी है. लेकिन, अभी से ही जापानी दोस्त के ‘भारतीय-परिधान’ में रोड शो से गुजरात विधानसभा चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है.