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शीला-माकन में 'खटपट' की कहानी, सुनिए शीला दीक्षित की जुबानी

शीला दीक्षित ने कहा, माकन जी 4-5 बार मेरे घर आए. वो बोले, हम चाहते हैं (कि आप साथ आएं), आपका काम है. हम इस काम का प्रचार करना चाहते हैं, इस्तेमाल करना चाहते हैं

Bhasha

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने पार्टी नेताओं को ‘अंदरूनी राजनीति नहीं करने की’ नसीहत दी है. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री की मानें तो बरसों तक उनकी अनदेखी की गई तब भी उन्होंने कुछ नहीं कहा.


किसी से कोई शिकायत नहीं

तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला ने ‘भाषा’ को दिए इंटरव्यू में किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन अपनी व्यथा जरूर बयां की. उन्होंने कहा, ‘मुझसे जो कहा जाता है, वह मैं करती हूं. मैं कांग्रेस की हूं और कांग्रेस मेरी है. मैं कांग्रेस के लिए कुछ भी कर सकती हूं. जब मुझसे कोई कुछ कहेगा नहीं... मुझ में यह आदत भी नहीं है कि अपने आप जाकर कहीं घुस जाऊं. तो बरसों तक उन्होंने अनदेखी की... पर मैंने कुछ नहीं कहा. कोई शिकायत नहीं की.’

पिछले विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सहित कई चुनावों में शीला दीक्षित को प्रचार की कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई, जबकि उनका नाम स्टार प्रचारकों में शुमार था.

अजय माकन ने शीला दीक्षित को बुलाया

पिछले दिनों शीला और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की. काफी समय बाद ये दोनों नेता मंच साझा करते नजर आए. इस बारे में पूछे जाने पर शीला ने कहा, ‘अचानक यह जो प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, उससे पहले माकन जी 4-5 बार मेरे घर आए. वो बोले, हम चाहते हैं (कि आप साथ आएं), आपका काम है. हम इस काम का प्रचार करना चाहते हैं, इस्तेमाल करना चाहते हैं.’

चुनाव में माकन ने नहीं बुलाया

शीला ने कहा, ‘मेरे मन में कोई दुविधा नहीं है. हमें तो कांग्रेस के लिए काम करना है. किसी को लेकर मन में कुछ नहीं है. अगर पार्टी के लिए कुछ अच्छा कर रहे हैं, तो यही सोच कर मैं गई और आपने देखा कि नतीजा अच्छा निकला. लेकिन पहले उन्होंने कभी कहा नहीं, इसलिए मैं गई नहीं. जब चुनाव हुए तो उन्होंने एक बार भी मुझसे नहीं कहा कि आइए.’

शीला ने कहा, उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस नेताओं को साथ में लेकर चलने पर जोर देते हुए कहा कि अगर सभी साथ नहीं चलेंगे तो नुकसान कांग्रेस का ही होगा. जब उन्हें पहली बार दिल्ली में कांग्रेस की जिम्मेदारी दी गई तो पार्टी हाईकमान ने उनकी पसंद पूछी थी. उन्होंने कहा कि जो है, सो है. किसी को बदलने की जरूरत नहीं है.

शीला दीक्षित (फोटो: रॉयटर्स)

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमें ध्यान रखना चाहिए कि अंदरूनी राजनीति न हो. दुर्भाग्य की बात है कि इस बात को नहीं समझते. उन्हें यह समझना होगा कि हमारी दुश्मन कांग्रेस नहीं है. हमारे विरोधी विपक्ष है. जिस दिन यह समझ आ जाएगा, सब ठीक हो जाएगा.’

पिछले साल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले दिल्ली के सिख नेता अरविंदर सिंह लवली शनिवार को वापस कांग्रेस में शामिल हो गए थे. उन्होंने कहा कि वो अपनी भूल को सुधारते हुए कांग्रेस में वापसी आए हैं. माना जाता है कि अरविंदर सिंह लवली शीला के काफी करीबी हैं.

अरविंदर सिंह लवली लगभग 10 महीने बाद कांग्रेस में दोबारा वापस लौटे हैं (फोटो: पीटीआई)

किसी का बिजली-पानी फ्री नहीं किया आप सरकार ने

दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर शीला ने कहा कि 3 साल हो गए हैं. या तो आप उनके इश्तेहार देखेंगे या खूब सारी बातें देखेंगे... हमने ये कर दिया, हमने वो कर दिया. लेकिन वास्तविकता है कि जमीन पर कुछ भी नहीं दिखाई देता है.

उन्होंने कहा, ‘अगर मैं दो उदाहरण दूं. वो कहते थे कि बिजली-पानी फ्री कर देंगे. किसी का बिजली-पानी फ्री नहीं किया. चलिए हमारा मत करिए. पर गरीब तबका है, उसका तो कर देते. अब वह वक्त आ गया है कि (अरविंद) केजरीवाल जी की इस बात को लेकर पोल खुल गई है कि वो क्या कहते हैं और क्या करते हैं.’