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नोटबंदी : मोदी के खिलाफ विलेन की भूमिका में सिन्हा

शत्रुघ्न सिन्हा राजनीति में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विलेन की भूमिका में आ गए हैं.

सुरेश बाफना

मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा जिन्होंने कई फिल्मों में विलेन की भूमिका भी निभाई है, राजनीति में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ रियल लाइफ में भी विलेन की भूमिका में आ गए हैं.

एक सप्ताह पहले शत्रुघ्न सिन्हा ने नोटबंदी के लिए मोदी की तारीफ में क्या कुछ नहीं कहा था. शायद अपने 70 साल के जीवन में उन्होंने कभी इतने विशेषणों का प्रयोग नहीं किया होगा.


मोदी के खिलाफ ट्विटर-युद्ध की घोषणा

However, I have serious concerns about the outcome, fallout & responses of the people of India & the almost united opposition in particular.

कल अचानक सिन्हा ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ट्विटर-युद्ध की घोषणा कर दी. उन्होंने मोदी के विवादास्पद नोटबंदी-सर्वे के बारे में कहा कि, ‘हमें मूर्खों के स्वर्ग में रहना बंद कर देना चाहिए. निहित-स्वार्थ से प्रेरित खबरों व सर्वे के बहाव में नहीं बहना चाहिए. संभावित आपात स्थिति के संदर्भ में माताअों व बहनों द्वारा बचत करके जमा किए गए धन को काला धन नहीं कहा जा सकता है'.

शत्रुघ्न सिन्हा के बारे में कहा जाता है कि वे कोई भी टिप्पणी करते हैं तो काफी सोच-विचारकर व पार्टी के भीतर कई वरिष्ठ नेताअों से बातचीत के बाद ही करते हैं. इसलिए यह मानना गलत नहीं होगा कि भाजपा में मोदी के खिलाफ कुछ और नेता भी इस आतिशबाजी में शामिल हैं.

नरेंद्र मोदी व शत्रुध्न सिन्हा के बीच चल रहा है शीत-युद्ध 

पिछले ढाई सालों से नरेंद्र मोदी व शत्रुघ्न सिन्हा के बीच शीत-युद्ध चल रहा है. भाजपा ने सिन्हा के उकसाने वाले बयानों को अभी तक नजरअंदाज किया है, लेकिन अब शायद ऐसा संभव नहीं होगा. बिहार भाजपा के अध्यक्ष मंगल पांडे ने सिन्हा को सुझाव दिया है कि यदि प्रधानमंत्री की नीतियों को वे गलत मानते हैं तो कांग्रेस पार्टी में शामिल हो जाएं.

सिन्हा की नाराजगी का सबसे बड़ा कारण मोदी द्वारा उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल न किया जाना रहा है. 2014 में मोदी सरकार के गठन के बाद भी सिन्हा ने कुछ ऐसी ही टिप्पणियां करके अपनी नाराजगी का इजहार किया था. भाजपा में यशवंत सिन्हा व शत्रुघ्न सिन्हा की जोड़ी ने शुरू से नरेंद्र मोदी को कई मौकों पर निशाना बनाया है.

मुख्यमंत्री पद के दावेदार बनना चाहते थे

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान वे भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार बनना चाहते थे, लेकिन उनको चुनाव प्रचार के लिए वक्ताअों की सूची में भी शामिल नहीं किया गया. चुनाव प्रचार के दौरान ही उन्होंने लालू प्रसाद यादव व नीतीश कुमार की तारीफ करके भाजपा के लिए अप्रिय स्थिति बना दी थी.

शत्रुघ्न सिन्हा को इस बात का अहसास हो गया है कि जब तक नरेंद्र मोदी का बोलबाला है, तब तक भाजपा में उनका कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है. इसलिए शायद वे किसी नए राजनीतिक चारागाह की तलाश में है. अब वे किसी न किसी तरह मोदी को राजनीतिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.

नायक व खलनायक में से कोई भूमिका नहीं मिली

लगता है कि भाजपा में उनके लिए अब नायक व खलनायक में से कोई भूमिका नहीं बची है. ढाई साल से यदि किसी एक्टर को फिल्म में कोई भूमिका न मिलें तो उसकी जो दशा हो जाती है, लगभग उसी तरह की हालत शत्रुघ्न सिन्हा की हो गई है.

इस बात की कोई संभावना नहीं है कि वे भाजपा के भीतर मोदी के खिलाफ कोई हल्की चुनौती भी देने में सफल हो पाएंगे. नरेंद्र मोदी फिल्म अभिनेताअों व हस्तियों को पसंद करते हैं, लेकिन राजनीति में उनकी सक्रियता को पसंद नहीं करते.