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2019 के लिए क्या है शरद पवार का गेम प्लान?

शरद पवार हमेशा से महाराष्ट्र के कांग्रेसियों की आंख मे खटकते रहे हैं लेकिन जिस तर्ज पर राहुल गांधी ने खुद शरद पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की, उसके बाद से राजनीतिक गलियारे में सब कहने लगे हैं कि अगले पीएम पवार बन सकते हैं

FP Staff

एनसीपी चीफ शरद पवार इसी महीने की 30 तारीख को फिर से अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष बन जाएंगे. चुनाव आयोग के हिसाब से पार्टी में चुनाव होने हैं और पवार के अलावा कोई उम्मीदवार नहीं है. लेकिन ये सब तो दिखावा है. असल में शरद पवार ने 2019 के लिए दिल्ली में पीएम बनने के पावर गेम की बिसात बिछाना शुरू कर दिया है. इससे पवार की पार्टी के लोग तो खुश हैं, लेकिन महाराष्ट्र में कांग्रेसी परेशान हैं.

दरअसल शरद पवार हमेशा से महाराष्ट्र के कांग्रेसियों की आंख मे खटकते रहे हैं लेकिन जिस तर्ज पर राहुल गांधी ने खुद शरद पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की, उसके बाद से राजनीतिक गलियारे में सब कहने लगे हैं कि अगले पीएम पवार बन सकते हैं. शरद पवार की तरफ से डीपी त्रिपाठी और प्रफुलल पटेल बाकी दलों को मनाने में लग गए हैं. शरद पवार के कहने पर ही सपा प्रमुख अखिलेश और बसपा प्रमुख मायावती कर्नाटक में कांग्रेस का प्रचार करने जा रहे हैं और खुद एनसीपी ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया है.


महाराष्ट्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व सेवादल प्रमुख चंद्रकांत दायमा के हिसाब से पवार कांग्रेस का हमेशा से इस्तेमाल करते रहे हैं. जब खुद की जरूरत हुई तो साथ आ जाते हैं, नही तो राज्य की बीजेपी सरकार को बिना मांगे 2014 में समर्थन दे दिया था. पवार पर भरोसा नही किया जा सकता. दायमा को ये भी डर है कि महाराष्ट्र मे लोकसभा की 48 और विधानसभा की 288 सीटों में से आधे-आधे पर कांग्रेस एनसीपी का समझौता होगा, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को ही होगा. पुराने कांग्रेसी कहते हैं कि राहुल ने कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर पवार के घर जाकर गलती की.

इस बीच डीपी त्रिपाठी कह रहे है कि पवार से अनुभवी कोई नही. वैसे भी अगली सरकार में किसी को बहुमत नही मिलेगा, लेकिन बिना कांग्रेस के समर्थन के सरकार नही बनेगी. अगर कांग्रेस को 130 के आसपास सीट मिले तो बाकी छोटे दल मिलकर 150 सीट पा सकते हैं. तब सरकार बचाने के लिए उनसे बेहतर कोई नही होगा. उनका गणित है कि उत्तर प्रदेश में सपा बसपा को 50 सीट, बंगाल में ममता को 35 सीट. बिहार मे लालू यादव को 24 सीट, टीडीपी और टीआरएस को दो राज्यो में कम से कम 40 सीट और बीजू जनता दल को 15 सीट मिल सकती है. ये सब शरद पवार का साथ देंगे. साथ ही शरद पवार का रजनीकांत से भी पुराना संबंध है. फारुक अब्दुल्ला और सीपीएम प्रकाश करात भी पवार के दोस्त है. पवार को अपना पुराना सपना पूरा होते दिख रहा है.

पवार के गुरु यशवंतराव चव्हाण को लाल बहादुर शास्त्री के जाने के बाद पीएम बनने का मौका मिला था लेकिन तब इंदिरा गांधी खुद पीएम बन गई थीं और यशवंतराव को डिप्टी पीएम बनाया था. तब शरद पवार ने ही यशवंतराव को आगे बढकर दावा करने की सलाह दी थी. ये बात पवार ने खुद अपनी किताब में लिखी है. पवार को तब से लगता है कि मराठो को एक बार तो दिल्ली पर काबिज होना चाहिये..ये अलग बात है दिल्ली अभी दूर है.

(न्यूज़18 के लिए संदीप सोनवलकर की रिपोर्ट)