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राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बीजेपी के लिए संजीवनी दे दी है

सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी के लिए राहत भरा है, क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार विधानसभा चुनावों के दौरान इस मुद्दे को उठाते रहे हैं

Amitesh

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी दफ्तर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस को राफेल डील के मुद्दे पर संसद में चर्चा करने की चुनौती दे डाली. अमित शाह ने कहा, ‘राफेल डील के मुद्दे पर सदन में चर्चा को तैयार हैं. कांग्रेस को मैं चैलेंज कर रहा हूं, सदन में चर्चा से क्यों भाग रही है कांग्रेस ?’

अमित शाह ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘क्या सदन में चर्चा नहीं होगी कि जेपीसी की जरूरत है कि नहीं या कांग्रेस अध्यक्ष तय कर लेंगे, क्या हंगामा कर सदन ही बंद करवाएगी कांग्रेस ?’


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में बीजेपी दफ्तर में मीडिया से मुखातिब होकर कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोला. अमित शाह का बयान राफेल डील मामले में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद आया जिसमें कोर्ट ने राफेल डील के मुद्दे पर जांच कराने के लिए दी गई सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए डील में गड़बड़ी के दावों को सिरे से खारिज कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी के लिए राहत भरा है, क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार विधानसभा चुनावों के दौरान इस मुद्दे को उठाते रहे हैं और अगले लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस इसे बड़े हथियार के तौर पर उठाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी के जरिए जांच की मांग करती रही है, यहां तक कि इस मुद्दे पर संसद के भीतर और बाहर लगातार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.

राहुल गांधी ने देश के चौकीदार को चोर बताकर लगातार चुनावी रैलियों में राफेल के मुद्दे को गरमाया था. अब तीन राज्यों में सरकार बनाने जा रही कांग्रेस की तैयारी लोकसभा चुनाव तक इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की है, क्योंकि राहुल गांधी को लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साफ-सुथरी छवि को ध्वस्त कर आने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी को मात दी जा सकती है.

अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बारी अमित शाह की थी. शाह ने कांग्रेस को सदन के भीतर राफेल मुद्दे पर चर्चा कराने की चुनौती देकर कांग्रेस को बैकफुट पर डालने की कोशिश की है. बीजेपी को राफेल पर राहत मिलना पार्टी के लिए संजीवनी का काम किया है. यह संजीवनी इसलिए बड़ी है, क्योंकि, बीजेपी तीन दिन पहले आए विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद अभी उस हार से उबर रही थी. पार्टी अपने नेताओं के साथ बैठक कर हार के कारणों की समीक्षा कर रही है. ऐसे वक्त में राफेल पर सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत ने बीजेपी को फिर से कांग्रेस पर पलटवार का मौका दे दिया है.

बीजेपी भी इस बात को समझ रही है कि हार से हताश होने का भी अभी वक्त नहीं है. अब तो सीधे हार से सबक लेकर संगठन को चुस्त कर आगे बड़ी लड़ाई के लिए अपने-आप को तैयार कर लेना है. उसके पहले 11 दिंसबर को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम में बीजेपी के हाथों से मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सत्ता छीन जाने के बाद अमित शाह के प्रेस कांफ्रेंस का इंतजार था, लेकिन, शाह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राफेल मुद्दे को लेकर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने का मौका नहीं छोड़ा और तुरंत मैदान में खड़े हो गए.हालाकि उन्होंने साफ किया कि एक से दो दिन के भीतर पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम पर भी सवालों का जवाब जरूर देंगे.

राफेल मुद्दे पर फैसले के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कांग्रेस पर हमला बोला. जेटली ने कहा कि सरकार की सभी दलील सही साबित हुई है. जेटली का कहना था कि झूठ की उम्र कम होती है.

उधर, अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में भ्रष्टाचार के मामले में बिचौलिए क्रिश्चिएन मिशेल को भारत लाकर सरकार अपनी पीठ थपथपाने में लगी है. अब अगस्ता वेस्टलैंड मामले में जैसे-जैसे मिशेल पर आरोप लगेगा और आने वाले दिनों में मिशेल की तरफ से पूछताछ में कुछ खुलासा होगा तो सीधे पलटवार करने का फिर से मौका बीजेपी को मिलेगा.

अगस्ता वेस्टलैंड पर पलटवार में लगी बीजेपी राफेल पर फैसले के बाद अब सदन में कांग्रेस को घेरने की तैयारी हो रही है.कोशिश संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह इस मुद्दे पर कांग्रेस को बेनकाब करने की है. बीजेपी को लगता है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने की कांग्रेस की कोशिश परवान नहीं चढ पाएगी.