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यूपी में दलितों को लुभाने के लिए बीजेपी ने बनाई नई रणनीति

यूपी बीजेपी के महामंत्री अशोक कटारिया का कहना है कि यूपी में 14 अप्रैल से सामाजिक समरसता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है

FP Staff

दलितों के आह्वान पर 2 अप्रैल को हुआ भारत बंद बीजेपी को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है. दलितों के बीच में बीजेपी की छवि को खराब कर सकता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में मिला दलित वोट खिसक सकता है. दलितों को लुभाने के लिए अब तक पार्टी के किए-कराए पर पानी फेर सकता है. इसे देखते हुए बीजेपी ने एक रणनीति बनाई है. ये रणनीति खासतौर से उत्तर प्रदेश के लिए बनाई गई है.

दलित मोहल्लों के लिए ये बनाई है रणनीति


सूत्रों की मानें तो रणनीति के तहत बीजेपी अपने 63 आरक्षित वर्ग वाले सांसदों को दलित मोहल्लों में भेजेगी. ये सांसद 14 अप्रैल से दलित मोहल्लों में जाएंगे. ये सांसद मोहल्लों में जाकर बताएंगे कि एससी/एसटी एक्ट में हो रहे बदलाव के लिए केन्द्र सरकार और बीजेपी जिम्मेदार नहीं है. ये एक अफवाह फैलाई जा रही है. सांसद ये भी बताएंगे कि भविष्य में सरकार आरक्षण के किसी भी मुद्दे को छेड़ने नहीं जा रही है. आरक्षण को खत्म करने वाली खबर भी एक अफवाह है.

यूपी के बाद इन राज्यों में चलेगा अभियान

पहले चरण में बीजेपी का पूरा फोकस यूपी पर है. लेकिन यूपी में इस रणनीति पर काम होने के बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी ये 63 सांसद दलित गांवों और मोहल्लों में जाएंगे. ये वो राज्य हैं जहां भारत बंद का सबसे ज्यादा असर देखा गया था.

क्या कहना है यूपी बीजेपी के महामंत्री का

यूपी बीजेपी के महामंत्री अशोक कटारिया का कहना है कि ‘यूपी में 14 अप्रैल से सामाजिक समरसता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस दिन प्रदेशभर में बूथस्तर पर कार्यक्रम किए जाएंगे. ये कार्यक्रम डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती से जुड़े हुए होंगे. इस कार्यक्रम में हमारे सभी एमएलए, एमपी, पदाधिकारी भी शामिल होंगे. साथ ही 63 सांसदों को जिम्मेदारी अलग से दी गई है. ये सांसद 14 अप्रैल के बाद भी दलित बस्तियों और गांवों में जाएंगे.’

(न्यूज 18 के लिए नासिर हुसैन की रिपोर्ट)